रूत 1:11-19

रूत 1:11-19 पवित्र बाइबल (HERV)

किन्तु नाओमी ने कहा, “नहीं, पुत्रियों, अपने घर लौट जाओ। तुम मेरे साथ किसलिए जाओगी? मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकती। मेरे पास अब कोई पुत्र नहीं जो तुम्हारा पति हो सके। अपने घर लौट जाओ! मैं इतनी वृद्धा हूँ कि नया पति नहीं रख सकती। यहाँ तक कि यदि मैं पुनः विवाह करने की बात सोचूँ तो भी मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकती। यदि मैं आज की रात ही गर्भवती हो जाऊँ और दो पुत्रों को उत्पन्न करुँ, तो भी इससे तुम्हें सहायता नहीं मिलेगी। विवाह करने से पूर्व उनके युवक होने तक तुम्हें प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मैं तुमसे पति की प्रतीक्षा इतने लम्बें समय तक नहीं करवाऊँगी। इससे मुझे बहुत दुःख होगा और मैं तो पहले से ही बहुत दुःखी हूँ। यहोवा ने मेरे साथ बहुत कुछ कर दिया है।” अत: स्त्रियाँ पुन: बहुत अधिक रोयीं। तब ओर्पा ने नाओमी का चुम्बन लिया और वह चली गई। किन्तु रूत ने उसे बाहों में भर लिया और वहाँ ठहर गई। नाओमी ने कहा, “देखो, तुम्हारी जेठानी अपने लोगों और अपने देवताओं में लौट गई। अत: तुम्हें भी वही करना चाहिए।” किन्तु रूत ने कहा, “अपने को छोड़ने के लिये मुझे विवश मत करो! अपने लोगों में लौटने के लिये मुझे विवश मत करो। मुझे अपने साथ चलने दो। जहाँ कहीं तुम जाओगी, मैं सोऊँगी। जहाँ कहीं तुम सोओगी, मैं सोऊँगी। तुम्हारे लोग, मेरे लोग होंगे। तुम्हारा परमेश्वर, मेरा परमेश्वर होगा। जहाँ तुम मरोगी, मैं भी वहीं मरूँगी और में वहीं दफनाई जाऊँगी। मैं यहोवा से याचना करती हूँ कि यदि मैं अपना वचन तोड़ूँ तो यहोवा मुझे दण्ड देः केवल मृत्यु ही हम दोनों को अलग कर सकती है।” नाओमी ने देखा कि रूत की उसके साथ चलने की प्रबल इच्छा है। इसलिए नाओमी ने उसके साथ बहस करना बन्द कर दिया। फिर नाओमी और रूत ने तब तक यात्रा की जब तक वे बेतलेहेम नहीं पहुँच गईं। जब दोनों स्त्रियाँ बेतलेहेम पहुँचीं तो सभी लोग बहुत उत्तेजित हुए। उन्होंने कहना आरम्भ किया, “क्या यह नाओमी है?”

रूत 1:11-19 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

नाओमी ने कहा, ‘मेरी पुत्रियो, लौट जाओ। तुम मेरे साथ क्‍यों चलोगी? क्‍या मेरे गर्भ से अब भी पुत्र उत्‍पन्न होंगे कि वे तुम्‍हारे पति बन सकें? लौट जाओ, मेरी पुत्रियो, चली जाओ। अब मैं बूढ़ी हो चुकी हूँ, और विवाह नहीं कर सकती। यदि मैं तुमसे यह कहती कि मुझे गर्भ-धारण की आशा है, और यदि आज रात ही मुझे पति प्राप्‍त हो जाए, और मैं पुत्रों को जन्‍म दूँ तो क्‍या तुम उनके बड़े होने तक प्रतीक्षा करोगी? उस समय तक तुम विवाह नहीं करोगी? कदापि नहीं, मेरी पुत्रियो! मैं तुम्‍हारे कारण बड़ी दु:खी हूँ कि प्रभु का कृपापूर्ण हाथ मुझ पर से उठ गया।’ बहुएं जोर-जोर से फिर रोने लगीं। ओर्पा ने अपनी सास का चुम्‍बन लिया, और अपने लोगों के पास लौट गई। पर रूत अपनी सास से चिपकी रही। नाओमी ने फिर कहा, ‘देख, तेरी जेठानी अपने लोगों के पास, अपने देवताओं के पास लौट गई है। अब तू भी अपनी जेठानी के पीछे-पीछे लौट जा।’ रूत ने कहा, ‘आप मुझसे विनती मत कीजिए कि मैं आपको छोड़ दूँ, आपके पीछे-पीछे न आऊं और लौट जाऊं। जहाँ-जहाँ आप जाएँगी, वहाँ-वहाँ मैं भी जाऊंगी। जहाँ आप रहेंगी, वहाँ मैं भी रहूँगी। आपके लोग, मेरे लोग होंगे। आपका परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा। जहाँ आप अन्‍तिम सांस लेंगी, वहाँ मैं भी मरकर दफन हूँगी। यदि मृत्‍यु भी हमें एक-दूसरे से अलग करे तो प्रभु मेरे साथ कठोर व्‍यवहार करे, नहीं, उससे भी अधिक बुरा व्‍यवहार करे।’ जब नाओमी ने देखा कि रूत उसके साथ जाने के अपने निश्‍चय पर दृढ़ है, तब वह और कुछ न बोली। वे दोनों चलते-चलते बेतलेहम नगर में आईं। जब उन्‍होंने बेतलेहम नगर में प्रवेश किया तब उनके कारण पूरे नगर में हलचल मच गई। स्‍त्रियों ने पूछा, ‘क्‍या यह नाओमी है?’

रूत 1:11-19 Hindi Holy Bible (HHBD)

नाओमी ने कहा, हे मेरी बेटियों, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों? हे मेरी बेटियों, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हूं। और चाहे मैं कहती भी, कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरे पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते, तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है। तब वे फिर से उठीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उस से अलग न हुई। तब उसने कहा, देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिए तू अपनी जिठानी के पीछे लौट जा। रूत बोली, तू मुझ से यह बिनती न कर, कि मुझे त्याग वा छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊंगी; जहां तू टिके वहां मैं भी टिकूंगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा; जहां तू मरेगी वहां मैं भी मरूंगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊं, तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन उस से भी अधिक करे। जब उसने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को स्थिर है, तब उसने उस से और बात न कही। सो वे दोनों चल निकलीं और बेतलेहेम को पहुंची। और उनके बेतलेहेम में पहुंचने पर कुल नगर में उनके कारण धूम मची; और स्त्रियां कहने लगीं, क्या यह नाओमी है?

रूत 1:11-19 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

नाओमी ने कहा, “हे मेरी बेटियो, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों? हे मेरी बेटियो, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हूँ। और चाहे मैं कहती भी कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरे पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते, तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियो, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।” तब वे फिर से उठीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उससे अलग न हुई। तब उसने कहा, “देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिये तू अपनी जिठानी* के पीछे लौट जा।” रूत बोली, “तू मुझ से यह विनती न कर, कि मुझे त्याग या छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाए उधर मैं भी जाऊँगी; जहाँ तू टिके वहाँ मैं भी टिकूँगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्‍वर मेरा परमेश्‍वर होगा; जहाँ तू मरेगी वहाँ मैं भी मरूँगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊँ तो यहोवा मुझ से वैसा ही वरन् उससे भी अधिक करे।” जब उसने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को स्थिर है, तब उसने उससे और कुछ न कहा। अत: वे दोनों चल निकलीं और बैतलहम पहुँचीं। उनके बैतलहम में पहुँचने पर सारे नगर में उनके कारण हलचल मच गई; और स्त्रियाँ कहने लगीं, “क्या यह नाओमी है?”

रूत 1:11-19 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

पर नाओमी ने कहा, “हे मेरी बेटियों, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों? हे मेरी बेटियों, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हो चुकी हूँ। और चाहे मैं कहती भी, कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरा पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते, तो भी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दुःख तुम्हारे दुःख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।” तब वे चिल्ला चिल्लाकर फिर से रोने लगीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उससे अलग न हुई। तब नाओमी ने कहा, “देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिए तू अपनी जिठानी के पीछे लौट जा।” पर रूत बोली, “तू मुझसे यह विनती न कर, कि मुझे त्याग या छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाएगी उधर मैं भी जाऊँगी; जहाँ तू टिके वहाँ मैं भी टिकूँगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा; जहाँ तू मरेगी वहाँ मैं भी मरूँगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊँ, तो यहोवा मुझसे वैसा ही वरन् उससे भी अधिक करे।” जब नाओमी ने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को तैयार है, तब उसने उससे और बात न कही। अतः वे दोनों चल पड़ी और बैतलहम को पहुँचीं। उनके बैतलहम में पहुँचने पर सारे नगर में उनके कारण हलचल मच गई; और स्त्रियाँ कहने लगीं, “क्या यह नाओमी है?”

रूत 1:11-19 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

किंतु नावोमी ने उनसे कहा, “लौट जाओ मेरी पुत्रियो, तुम भला क्यों मेरे साथ जाओगी? क्या अब भी मेरे गर्भ में पुत्र हैं, जो तुम्हारे पति बन सकें? लौट जाओ मेरी पुत्रियो, अपने घर लौट जाओ, क्योंकि मेरी आयु वह नहीं रही, कि मैं दोबारा विवाह कर सकूं. यदि मैं यह भी कहूं कि मुझे आशा है, यदि मैं आज रात विवाह कर गर्भधारण भी कर लूं, तो क्या तुम उनके युवा होने का इंतजार करोगी? तो क्या तुम तब तक विवाह न करोगी? नहीं, मेरी पुत्रियो, मेरे हृदय का दुःख बहुत ही गहरा है, क्योंकि स्वयं याहवेह मेरे विरुद्ध हो गए हैं!” तब वे दोबारा फफक-फफक कर रोने लगीं; फिर ओरपाह ने अपनी सास को चूमा, और उनसे विदा हो गई, किंतु रूथ ने अपनी सास को न छोड़ा. नावोमी ने रूथ से कहा, “सुनो, तुम्हारी जेठानी तो अपने लोगों तथा अपने देवताओं के पास लौट गई है. तुम भी अपनी जेठानी के समान लौट जाओ.” किंतु रूथ ने उसे उत्तर दिया, “आप मुझे न तो लौट जाने के लिए मजबूर करें और न आपको छोड़ने के लिए, क्योंकि आप जहां भी जाएंगी, मैं आपके ही साथ जाऊंगी और जहां आप रहेंगी, मैं वहीं रहूंगी. आपके लोग मेरे लोग होंगे तथा आपके परमेश्वर मेरे परमेश्वर; जिस स्थान पर आप आखिरी सांस लें, मैं भी वहीं आखिरी सांस लूं, और वहीं मुझे भी मिट्टी दी जाए. अब यदि मृत्यु के अलावा मेरा आपसे अलग होने का कोई और कारण हो, तो याहवेह मुझे कठोर से कठोर दंड दें.” जब नावोमी ने यह देखा कि रूथ उनके साथ जाने के लिए दृढ़ निश्चयी है, तब उन्होंने रूथ को मजबूर करने की और कोशिश न की. तब वे आगे चलते-चलते बैथलेहम पहुंच गई. जब उन्होंने बेथलेहेम नगर में प्रवेश किया, उन्हें देख नगर में उत्तेजना की लहर दौड़ गई. अचंभे में स्त्रियां पूछने लगीं, “कहीं यह नावोमी तो नहीं?”

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