रोमियों 6:12-19

रोमियों 6:12-19 पवित्र बाइबल (HERV)

इसलिए तुम्हारे नाशवान् शरीरों के ऊपर पाप का वश न चले। ताकि तुम पाप की इच्छाओं पर कभी न चलो। अपने शरीर के अंगों को अधर्म की सेवा के लिए पाप के हवाले न करो बल्कि मरे हुओं में से जी उठने वालों के समान परमेश्वर के हवाले कर दो। और अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता की सेवा के साधन के रूप में परमेश्वर के हवाले कर दो। तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो। तो हम क्या करें? क्या हम पाप करें? क्योंकि हम व्यवस्था के अधीन नहीं, बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के अधीन जीते हैं। निश्चय ही नहीं। क्या तुम नहीं जानते कि जब तुम किसी की आज्ञा मानने के लिए अपने आप को दास के रूप में उसे सौंपते हो तो तुम दास हो। फिर चाहे तुम पाप के दास बनो, जो तुम्हें मार डालेगा और चाहे आज्ञाकारिता के, जो तुम्हें धार्मिकता की तरफ ले जायेगी। किन्तु प्रभु का धन्यवाद है कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, तुमने अपने मन से उन उपदेशों की रीति को माना जो तुम्हें सौंपे गये थे। तुम्हें पापों से छुटकारा मिल गया और तुम धार्मिकता के सेवक बन गए हो। (मैं एक उदाहरण दे रहा हूँ जिसे सभी लोग समझ सकें क्योंकि उसे समझना तुम लोगों के लिए कठिन है।) क्योंकि तुमने अपने शरीर के अंगों को अपवित्रता और व्यवस्था हीनता के आगे उनके दास के रूप में सौंप दिया था जिससे व्यवस्था हीनता पैदा हूई, अब तुम लोग ठीक वैसे ही अपने शरीर के अंगों को दास के रूप में धार्मिकता के हाथों सौंप दो ताकि सम्पूर्ण समर्पण उत्पन्न हो।

रोमियों 6:12-19 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

अब आप लोग अपने मरणशील शरीर में पाप का राज्‍य स्‍वीकार नहीं करें और उसकी वासनाओं के अधीन नहीं रहें। आप अपने अंगों को अधर्म के साधन बनने के लिए पाप को अर्पित नहीं करें। आप अपने को मृतकों में से पुनर्जीवित समझकर परमेश्‍वर के प्रति अर्पित करें और अपने अंगों को धार्मिकता के साधन बनने के लिए परमेश्‍वर को सौंप दें। आप लोगों पर पाप का कोई अधिकार नहीं रहेगा। अब आप व्‍यवस्‍था के नहीं, बल्‍कि अनुग्रह के अधीन हैं। तो, क्‍या हम इसलिए पाप करें कि हम व्‍यवस्‍था के नहीं, बल्‍कि अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं! क्‍या आप यह नहीं समझते कि आप अपने को आज्ञाकारी दास के रूप में जिसके प्रति अर्पित करते हैं और जिसकी आज्ञा का पालन करते हैं, आप उसी के दास बन जाते हैं? यह दासता चाहे पाप की हो, जिसका परिणाम मृत्‍यु है; चाहे परमेश्‍वर की हो, जिसके आज्ञापालन का परिणाम धार्मिकता है। परमेश्‍वर को धन्‍यवाद कि आप लोग, जो पहले पाप के दास थे, अब सम्‍पूर्ण हृदय से उस मानक शिक्षा के मार्ग पर चलने लगे, जो अनुगमन के लिए आपको दी गयी है। आप पाप से मुक्‍त हो कर धार्मिकता के दास बन गये हैं। मैं आपकी मानवीय दुर्बलता के कारण साधारण मानव जीवन का उदाहरण दे रहा हूँ। आप लोगों ने जिस तरह पहले अपने शरीर को अशुद्धता और अधर्म के अधीन किया था, जिससे वह दूषित हो गया था, उसी तरह अब आप अपने शरीर को धार्मिकता के अधीन कर दीजिए, जिससे वह पवित्र हो जाये।

रोमियों 6:12-19 Hindi Holy Bible (HHBD)

इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो। और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो॥ तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं। क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे। और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए। मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास करके सौंप दो।

रोमियों 6:12-19 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इसलिये पाप तुम्हारे नश्‍वर शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो; और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्‍वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्‍वर को सौंपो। तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो। तो क्या हुआ? क्या हम इसलिये पाप करें कि हम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं! क्या तुम नहीं जानते कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों के समान सौंप देते हो उसी के दास हो : चाहे पाप के, जिसका अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञाकारिता के, जिसका अन्त धार्मिकता है? परन्तु परमेश्‍वर का धन्यवाद हो कि तुम जो पाप के दास थे अब मन से उस उपदेश के माननेवाले हो गए, जिसके साँचे में ढाले गए थे, और पाप से छुड़ाए जाकर धार्मिकता के दास हो गए। मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूँ। जैसे तुम ने अपने अंगों को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धार्मिकता के दास करके सौंप दो।

रोमियों 6:12-19 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इसलिए पाप तुम्हारे नाशवान शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो। और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो। तो क्या हुआ? क्या हम इसलिए पाप करें कि हम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं! क्या तुम नहीं जानते कि जिसकी आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आपको दासों के समान सौंप देते हो उसी के दास हो: चाहे पाप के, जिसका अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिसका अन्त धार्मिकता है? परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे अब मन से उस उपदेश के माननेवाले हो गए, जिसके साँचे में ढाले गए थे, और पाप से छुड़ाए जाकर धार्मिकता के दास हो गए। मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूँ। जैसे तुम ने अपने अंगों को अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धार्मिकता के दास करके सौंप दो।

रोमियों 6:12-19 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

अतःएव तुम अपने मरणशील शरीर में पाप का शासन न रहने दो कि उसकी लालसाओं के प्रति समर्पण करो. अपने शरीर के अंगों को पाप के लिए अधर्म के साधन के रूप में प्रस्तुत न करते जाओ परंतु स्वयं को मरे हुओं में से जीवितों के समान परमेश्वर के सामने प्रस्तुत करो तथा अपने शरीर के अंगों को परमेश्वर के लिए धार्मिकता के साधन के रूप में प्रस्तुत करो. पाप की तुम पर प्रभुता नहीं रहेगी क्योंकि तुम व्यवस्था के नहीं परंतु अनुग्रह के अधीन हो. तो? क्या हम पापमय जीवन में लीन रहें—क्योंकि अब हम व्यवस्था के नहीं परंतु अनुग्रह के अधीन हैं? नहीं! बिलकुल नहीं! क्या तुम्हें यह अहसास नहीं कि किसी के आज्ञापालन के प्रति समर्पित हो जाने पर तुम उसी के दास बन जाते हो, जिसका तुम आज्ञापालन करते हो? चाहे वह स्वामी पाप हो, जिसका अंत है मृत्यु या आज्ञाकारिता, जिसका अंत है धार्मिकता. हम परमेश्वर के आभारी हैं कि तुम, जो पाप के दास थे, हृदय से उसी शिक्षा का पालन करने लगे हो, जिसके प्रति तुम समर्पित हुए थे और अब पाप से छुटकारा पाकर तुम धार्मिकता के दास बन गए हो. तुम्हारी शारीरिक दुर्बलताओं को ध्यान में रखते हुए मानवीय दृष्टि से मैं यह कह रहा हूं: जिस प्रकार तुमने अपने अंगों को अशुद्धता और अराजकता के दासत्व के लिए समर्पित कर दिया था, जिसका परिणाम था दिनोंदिन बढ़ती अराजकता; अब तुम अपने अंगों को धार्मिकता के दासत्व के लिए समर्पित कर दो, जिसका परिणाम होगा परमेश्वर के लिए तुम्हारा अलग किया जाना.

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