रोमियों 6:1-14

रोमियों 6:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया, उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया। अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्‍चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे। हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, और हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा। इसलिये यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्‍वास यह है कि उसके साथ जीएँगे भी। क्योंकि यह जानते हैं कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं; उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की। क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है तो परमेश्‍वर के लिये जीवित है। ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्‍वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो। इसलिये पाप तुम्हारे नश्‍वर शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो; और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्‍वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्‍वर को सौंपो। तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो।

रोमियों 6:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)

तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप ही करते रहें ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़ता रहे? निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे? या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है। सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें। क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे। हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें। क्योंकि जो मर गया वह पाप के बन्धन से छुटकारा पा गया। और क्योंकि हम मसीह के साथ मर गये, सो हमारा विश्वास है कि हम उसी के साथ जियेंगे भी। हम जानते हैं कि मसीह जिसे मरे हुओं में से जीवित किया था अमर है। उस पर मौत का वश कभी नहीं चलेगा। जो मौत वह मरा है, वह सदा के लिए पाप के लिए मरा है किन्तु जो जीवन वह जी रहा है, वह जीवन परमेश्वर के लिए है। इसी तरह तुम अपने लिए भी सोचो कि तुम पाप के लिए मर चुके हो किन्तु यीशु मसीह में परमेश्वर के लिए जीवित हो। इसलिए तुम्हारे नाशवान् शरीरों के ऊपर पाप का वश न चले। ताकि तुम पाप की इच्छाओं पर कभी न चलो। अपने शरीर के अंगों को अधर्म की सेवा के लिए पाप के हवाले न करो बल्कि मरे हुओं में से जी उठने वालों के समान परमेश्वर के हवाले कर दो। और अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता की सेवा के साधन के रूप में परमेश्वर के हवाले कर दो। तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो।

रोमियों 6:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

क्‍या इसका अर्थ यह है कि हमें पाप करते रहना चाहिए, ताकि अनुग्रह की वृद्धि हो? कदापि नहीं! हम, जो पाप की ओर से मर चुके हैं, अब कैसे पाप में जीते रहेंगे? क्‍या आप लोग यह नहीं जानते कि येशु मसीह का जो बपतिस्‍मा हम सब को मिला है, वह उनकी मृत्‍यु का बपतिस्‍मा है? हम उनकी मृत्‍यु का बपतिस्‍मा ग्रहण कर उनके साथ इसलिए दफनाये गये हैं कि जिस तरह मसीह पिता के महिमामय सामर्थ्य से मृतकों में से जी उठे हैं, उसी तरह हम भी एक नया जीवन जीयें। यदि हम इस प्रकार मसीह के समान मर कर उनके साथ एक हो गये हैं, तो हम उन्‍हीं के समान पुनरुत्‍थान में भी उनके साथ एक होंगे। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारा पुराना स्‍वभाव मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया जा चुका है, जिससे पाप का शरीर मर जाये और हम फिर पाप के दास न बनें; क्‍योंकि जो मर चुका है, वह पाप की गुलामी से मुक्‍त हो गया है। हमें विश्‍वास है कि यदि हम मसीह के साथ मर गये हैं, तो हम उन्‍हीं के जीवन के भी भागी होंगे; क्‍योंकि हम जानते हैं कि मसीह मृतकों में से जी उठने के बाद फिर कभी नहीं मरेंगे। अब मृत्‍यु का उन पर कोई वश नहीं। जब वह मरे, तो पाप की ओर से एक बार ही मर गये; परन्‍तु अब वह जीवित होकर परमेश्‍वर के लिए ही जीते हैं। आप लोग भी अपने को ऐसा ही समझें—-पाप के लिए मरा हुआ और येशु मसीह में परमेश्‍वर के लिए जीवित। अब आप लोग अपने मरणशील शरीर में पाप का राज्‍य स्‍वीकार नहीं करें और उसकी वासनाओं के अधीन नहीं रहें। आप अपने अंगों को अधर्म के साधन बनने के लिए पाप को अर्पित नहीं करें। आप अपने को मृतकों में से पुनर्जीवित समझकर परमेश्‍वर के प्रति अर्पित करें और अपने अंगों को धार्मिकता के साधन बनने के लिए परमेश्‍वर को सौंप दें। आप लोगों पर पाप का कोई अधिकार नहीं रहेगा। अब आप व्‍यवस्‍था के नहीं, बल्‍कि अनुग्रह के अधीन हैं।

रोमियों 6:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)

सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्योंकर जीवन बिताएं? क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे। क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा। सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी। क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की। क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है। ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो। इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो। और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो॥

रोमियों 6:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया, उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया। अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्‍चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे। हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, और हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा। इसलिये यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्‍वास यह है कि उसके साथ जीएँगे भी। क्योंकि यह जानते हैं कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं; उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की। क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है तो परमेश्‍वर के लिये जीवित है। ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्‍वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो। इसलिये पाप तुम्हारे नश्‍वर शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो; और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्‍वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्‍वर को सौंपो। तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो।

रोमियों 6:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ? क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया? इसलिए उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नये जीवन के अनुसार चाल चलें। क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे। क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर नाश हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। क्योंकि जो मर गया, वह पाप से मुक्त हो गया है। इसलिए यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है कि उसके साथ जीएँगे भी, क्योंकि हम जानते है कि मसीह मरे हुओं में से जी उठा और फिर कभी नहीं मरेगा। मृत्यु उस पर प्रभुता नहीं करती। क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है। ऐसे ही तुम भी अपने आपको पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो। इसलिए पाप तुम्हारे नाशवान शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो। और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो। तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो।

रोमियों 6:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप करते जाएं कि अनुग्रह बहुत होता जाए? नहीं! बिलकुल नहीं! यह कैसे संभव है कि हम, जो पाप के प्रति मर चुके हैं, उसी में जीते रहें? कहीं तुम इस सच्चाई से अनजान तो नहीं कि हम सभी, जो मसीह येशु में बपतिस्मा ले चुके हैं, उनकी मृत्यु में बपतिस्मा लिए हुए हैं? इसलिये मृत्यु के बपतिस्मा में हम उनके साथ दफनाए जा चुके हैं कि जिस प्रकार मसीह येशु पिता के प्रताप में मरे हुओं में से जीवित किए गए, हम भी जीवन की नवीनता में व्यवहार करें. यदि हम मसीह येशु की मृत्यु की समानता में उनके साथ जोड़े गए हैं तो निश्चित ही हम उनके पुनरुत्थान की समानता में भी उनके साथ जोड़े जाएंगे. हमें यह मालूम है कि हमारा पहले का मनुष्यत्व मसीह येशु के साथ ही क्रूसित हो गया था कि हमारे पाप का शरीर निर्बल हो जाए और इसके बाद हम पाप के दास न रहें क्योंकि जिसकी मृत्यु हो चुकी, वह पाप की अधीनता से मुक्त हो चुका. अब, यदि मसीह येशु के साथ हमारी मृत्यु हो चुकी है, हमारा विश्वास है कि हम उनके साथ जीवित भी रहेंगे. हम यह जानते हैं कि मरे हुओं में से जीवित मसीह येशु की मृत्यु अब कभी नहीं होगी; उन पर मृत्यु का अधिकार नहीं रहा. उनकी यह मृत्यु हमेशा के लिए पाप के प्रति मृत्यु थी. अब उनका जीवन परमेश्वर से जुड़ा हुआ जीवन है. इसलिये तुम भी अपने आपको पाप के प्रति मरा हुआ तथा मसीह येशु में परमेश्वर के प्रति जीवित समझो. अतःएव तुम अपने मरणशील शरीर में पाप का शासन न रहने दो कि उसकी लालसाओं के प्रति समर्पण करो. अपने शरीर के अंगों को पाप के लिए अधर्म के साधन के रूप में प्रस्तुत न करते जाओ परंतु स्वयं को मरे हुओं में से जीवितों के समान परमेश्वर के सामने प्रस्तुत करो तथा अपने शरीर के अंगों को परमेश्वर के लिए धार्मिकता के साधन के रूप में प्रस्तुत करो. पाप की तुम पर प्रभुता नहीं रहेगी क्योंकि तुम व्यवस्था के नहीं परंतु अनुग्रह के अधीन हो.