रोमियों 5:6-10

रोमियों 5:6-10 पवित्र बाइबल (HERV)

क्योंकि हम जब अभी निर्बल ही थे तो उचित समय पर हम भक्तिहीनों के लिए मसीह ने अपना बलिदान दिया। कुछही लोग किसी मनुष्य के लिए अपना प्राण त्यागने तैयार हो जाते है, चाहे वो भक्त मनुष्य क्यों न हो। पर परमेश्वर ने हम पर अपना प्रेम दिखाया। जब कि हम तो पापी ही थे, किन्तु यीशु ने हमारे लिये प्राण त्यागे। क्योंकि अब जब हम उसके लहू के कारण धर्मी हो गये है तो अब उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से अवश्य ही बचाये जायेंगे। क्योंकि जब हम उसके बैरी थे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर से हमारा मेलमिलाप कराया तो अब तो जब हमारा मेलमिलाप हो चुका है उसके जीवन से हमारी और कितनी अधिक रक्षा होगी।

रोमियों 5:6-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जब हम निस्‍सहाय थे, तभी निर्धारित समय पर मसीह हम अधर्मियों के लिए मरे। धार्मिक मनुष्‍य के लिए शायद ही कोई अपने प्राण अर्पित करे। फिर भी हो सकता है कि भले मनुष्‍य के लिए कोई मरने को तैयार हो जाये, किन्‍तु हम पापी ही थे, जब मसीह हमारे लिए मरे। इससे परमेश्‍वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम का प्रमाण दिया है। यदि हम मसीह के रक्‍त के कारण धार्मिक ठहराए गये, तो हम निश्‍चय ही मसीह द्वारा परमेश्‍वर के प्रकोप से बच जायेंगे। हम शत्रु ही थे, जब परमेश्‍वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्‍यु द्वारा हो गया था; और परमेश्‍वर के साथ मेल हो जाने के बाद उसके पुत्र के जीवन द्वारा निश्‍चय ही हमारा उद्धार होगा।

रोमियों 5:6-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्‍तिहीनों के लिये मरा। किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी साहस करे। परन्तु परमेश्‍वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। अत: जब कि हम अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्‍वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? क्योंकि बैरी होने की दशा में उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्‍वर के साथ हुआ, तो फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएँगे?

रोमियों 5:6-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का धैर्य दिखाए। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। तो जबकि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? क्योंकि बैरी होने की दशा में उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ, फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएँगे?

रोमियों 5:6-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब हम निर्बल ही थे, सही समय पर मसीह येशु ने अधर्मियों के लिए मृत्यु स्वीकार की. शायद ही कोई किसी व्यवस्था के पालन करनेवाले के लिए अपने प्राण दे दे. हां, संभावना यह अवश्य है कि कोई किसी परोपकारी के लिए प्राण देने के लिए तैयार हो जाए किंतु परमेश्वर ने हमारे प्रति अपना प्रेम इस प्रकार प्रकट किया कि जब हम पापी ही थे, मसीह येशु ने हमारे लिए अपने प्राण त्याग दिए. हम मसीह येशु के लहू के द्वारा धर्मी घोषित तो किए ही जा चुके हैं, इससे कहीं बढ़कर यह है कि हम उन्हीं के कारण परमेश्वर के क्रोध से भी बचाए जाएंगे. जब शत्रुता की अवस्था में परमेश्वर से हमारा मेल-मिलाप उनके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हो गया तो इससे बढ़कर यह है कि मेल-मिलाप हो जाने के कारण उनके पुत्र के जीवन द्वारा हमारा उद्धार सुनिश्चित है.

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