रोमियों 11:33-36
रोमियों 11:33-36 पवित्र बाइबल (HERV)
परमेश्वर की करुणा, बुद्धि और ज्ञान कितने अपरम्पार हैं। उसके न्याय कितने गहन हैं; उसके रास्ते कितने गूढ़ है। शास्त्र कहता है: “प्रभु के मन को कौन जानता है? और उसे सलाह देने वाला कौन हो सकता हैं?” “परमेश्वर को किसी ने क्या दिया है? कि वह किसी को उसके बदले कुछ दे।” क्योंकि सब का रचने वाला वही है। उसी से सब स्थिर है और वह उसी के लिए है। उसकी सदा महिमा हो! आमीन।
रोमियों 11:33-36 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
अहा! कितना अगाध है परमेश्वर का वैभव, बुद्धि और ज्ञान! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय! कितने रहस्यमय हैं उसके मार्ग! जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जान सका? उसका परामर्शदाता कौन हुआ? किसने परमेश्वर को कभी कुछ दिया है, जो वह बदले में कुछ पाने का दावा कर सके?” सब कुछ परमेश्वर से, परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन!
रोमियों 11:33-36 Hindi Holy Bible (HHBD)
आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ? या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए। क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन॥
रोमियों 11:33-36 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! “प्रभु की बुद्धि को किसने जाना? या उसका मंत्री कौन हुआ? या किसने पहले उसे कुछ दिया है जिसका बदला उसे दिया जाए?” क्योंकि उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे : आमीन।
रोमियों 11:33-36 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
अहा, परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गम्भीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! “प्रभु कि बुद्धि को किसने जाना? या उनका मंत्री कौन हुआ? (अय्यू. 15:8, यिर्म. 23:18) या किसने पहले उसे कुछ दिया है जिसका बदला उसे दिया जाए?” (अय्यू. 41:11) क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
रोमियों 11:33-36 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
ओह! कैसा अपार है परमेश्वर की बुद्धि और ज्ञान का भंडार! कैसे अथाह हैं उनके निर्णय! तथा कैसा रहस्यमयी है उनके काम करने का तरीका! भला कौन जान सका है परमेश्वर के मन को? या कौन हुआ है उनका सलाहकार? क्या किसी ने परमेश्वर को कभी कुछ दिया है कि परमेश्वर उसे वह लौटाएं? वही हैं सब कुछ के स्रोत, वही हैं सब कुछ के कारक, वही हैं सब कुछ की नियति—उन्हीं की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन.