रोमियों 10:16-17
रोमियों 10:16-17 पवित्र बाइबल (HERV)
किन्तु सब ने सुसमाचार को स्वीकारा नहीं। यशायाह कहता है, “हे प्रभु, हमारे उपदेश को किसने स्वीकार किया?” सो उपदेश के सुनने से विश्वास उपजता है और उपदेश तब सुना जाता है जब कोई मसीह के विषय में उपदेश देता है।
रोमियों 10:16-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
किन्तु सब ने शुभ समाचार का स्वागत नहीं किया। नबी यशायाह कहते हैं “प्रभु! किसने हमारे सन्देश पर विश्वास किया है?” इस प्रकार हम देखते हैं कि संदेश सुनने से विश्वास उत्पन्न होता है और जो सुनाया जाता है, वह मसीह का वचन है।
रोमियों 10:16-17 Hindi Holy Bible (HHBD)
परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया: यशायाह कहता है, कि हे प्रभु, किस ने हमारे समाचार की प्रतीति की है? सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।
रोमियों 10:16-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया : यशायाह कहता है, “हे प्रभु, किसने हमारे समाचार पर विश्वास किया है?” अत: विश्वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है।
रोमियों 10:16-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया। यशायाह कहता है, “हे प्रभु, किसने हमारे समाचार पर विश्वास किया है?” (यशा. 53:1) इसलिए विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।