प्रकाशन 11:1-14

प्रकाशन 11:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)

इसके पश्चात् नाप के लिए एक सरकंडा मुझे दिया गया जो नापने की छड़ी जैसा दिख रहा था। मुझसे कहा गया, “उठ और परमेश्वर के मन्दिर तथा वेदी को नाप और जो लोग मन्दिर के भीतर उपासना कर रहे हैं, उनकी गिनती कर। किन्तु मन्दिर के बाहरी आँगन को रहने दे, उसे मत नाप क्योंकि यह अधर्मियों को दे दिया गया है। वे बयालीस महीने तक पवित्र नगर को अपने पैरों तले रौंदेंगे। मैं अपने दो गवाहों को खुली छूट दे दूँगा और वो एक हज़ार दो सौ साठ दिनों तक भविष्यवाणी करेंगे। वे ऊन के ऐसे वस्त्र धारण किए हुए होंगे जिन्हें शोक प्रदर्शित करने के लिए पहना जाता है।” ये दो साक्षियाँ वे दो जैतून के पेड़ तथा वे दो दीपदान हैं जो धरती के प्रभु के सामने स्थित रहते हैं। यदि कोई भी उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो उनके मुखों से ज्वाला फूट पड़ती है और उनके शत्रुओं को निगल जाती है। सो यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो निश्चित रूप से उसकी इस प्रकार मृत्यु हो जाती है। वे आकाश को बाँध देने की शक्ति रखते हैं ताकि जब वे भविष्यवाणी कर रहे हों, तब कोई वर्षा न होने पाए। उन्हें झरनों के जल पर भी अधिकार था जिससे वे उसे लहू में बदल सकते थे। उनमें ऐसी शक्ति भी थी कि वे जितनी बार चाहते, उतनी हीबार धरती पर हर प्रकार के विनाशों का आघात कर सकते थे। उनके साक्षी दे चुकने के बाद, वह पशु उस महागर्त से बाहर निकलेगा और उन पर आक्रमण करेगा। वह उन्हें हरा देगा और मार डालेगा। उनकी लाशें उस महानगर की गलियों में पड़ी रहेंगी। यह नगर प्रतीक रूप से सदोम तथा मिस्र कहलाता है। यहीं उनके प्रभु को भी क्रूस पर चढ़ा कर मारा गया था। सभी जातियों, उपजातियों, भाषाओं और देशों के लोग उनके शवों को साढ़े तीन दिन तक देखते रहेंगे तथा वे उनके शवों को कब्रों में नहीं रखने देंगे। धरती के वासी उन पर आनन्द मनायेंगे। वे उत्सव करेंगे तथा परस्पर उपहार भेजेंगे। क्योंकि इन दोनों नबियों ने धरती के निवासियों को बहुत दुःख पहुँचाया था। किन्तु साढ़े तीन दिन बाद परमेश्वर की ओर से उनमें जीवन के श्वास ने प्रवेश किया और वे अपने पैरों पर खड़े हो गए। जिन्होंने उन्हें देखा, वे बहुत डर गए थे। फिर उन दोनों नबियों ने ऊँचे स्वर में आकाशवाणी को उनसे कहते हुए सुना, “यहाँ ऊपर आ जाओ।” सो वे आकाश के भीतर बादल में ऊपर चले गए। उन्हें ऊपर जाते हुए उनके विरोधियों ने देखा। ठीक उसी क्षण वहाँ एक भारी भूचाल आया और नगर का दसवाँ भाग ढह गया। भूचाल में सात हज़ार लोग मारे गए तथा जो लोग बचे थे, वे भयभीत हो उठे और वे स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा का बखान करने लगे। इस प्रकार अब दूसरी विपत्ति बीत गई है किन्तु सावधान! तीसरी महाविपत्ति शीघ्र ही आने वाली है।

प्रकाशन 11:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

इसके बाद किसी ने मुझे मापक-दण्‍ड के रूप में एक सरकण्‍डा दिया और कहा: “उठो, परमेश्‍वर का मन्‍दिर, वेदी और वहाँ के आराधकों को नापो। किन्‍तु मन्‍दिर का बाहरी प्रांगण छोड़ देना, उसे मत नापना; क्‍योंकि वह अन्‍यधर्मियों के हवाले कर दिया गया है और वे पवित्र नगर को बयालीस महीनों तक रौंदते रहेंगे। मैं अपने दो सािक्षयों को आदेश दूँगा कि वे उन बारह सौ साठ दिनों तक टाट ओढ़े नबूवत करते रहें।” ये साक्षी वे जैतून के दो पेड़ और दो दीपाधार हैं, जो पृथ्‍वी के प्रभु के सामने खड़े हैं। यदि कोई इन्‍हें हानि पहुँचाना चाहता है, तो इनके मुख से आग निकलती है और वह इनके शत्रुओं को नष्‍ट कर देती है। जो इन्‍हें हानि पहुँचाना चाहेगा, उसे इसी प्रकार मरना होगा। इन्‍हें आकाश का द्वार बन्‍द करने का अधिकार है, ताकि इनकी नबूवत के समय पानी नहीं बरसे। इन्‍हें पानी को रक्‍त में बदलने का और जब-जब ये चाहें, तब-तब पृथ्‍वी पर हर प्रकार की महामारी भेजने का अधिकार है। जब ये अपनी साक्षी दे चुके होंगे, तो अगाध गर्त्त में से ऊपर उठनेवाला पशु इन से युद्ध करेगा और इन्‍हें परास्‍त कर इनका वध करेगा। इनकी लाशें उस महानगर के चौक में पड़ी रहेंगी, जो लाक्षणिक भाषा में सदोम या मिस्र कहलाता है और जहाँ इनके प्रभु को क्रूस पर चढ़ाया गया था। साढ़े तीन दिनों तक हर प्रजाति, कुल, भाषा और राष्‍ट्र के लोग इनकी लाशें देखने आयेंगे और इन्‍हें कबर में रखने की अनुमति नहीं देंगे। पृथ्‍वी के निवासी इनके कारण उल्‍लसित हो कर आनन्‍द मनायेंगे और एक दूसरे को उपहार देंगे, क्‍योंकि ये दो नबी पृथ्‍वी के निवासियों को सताया करते थे। किन्‍तु साढ़े तीन दिनों बाद परमेश्‍वर की ओर से इन दोनों में जीवन का श्‍वास आया और ये उठ खड़े हुए। तब सब देखनेवालों पर घोर आतंक छा गया। स्‍वर्ग से एक उच्‍चवाणी इन से यह कहती हुई सुनाई पड़ी, “यहाँ, ऊपर आओ,” और ये अपने शत्रुओं के देखते-देखते बादल में स्‍वर्ग चले गये। उसी समय भारी भूकम्‍प हुआ और नगर का दसवाँ भाग मिट्टी में मिल गया। सात हजार लोग भूकम्‍प में मर गये और जो बच गये, उन्‍होंने भयभीत हो कर स्‍वर्ग के परमेश्‍वर की स्‍तुति की। अब दूसरी महाविपत्ति बीत गयी। देखो, तीसरी महाविपत्ति शीघ्र ही आनेवाली है।

प्रकाशन 11:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)

और मुझे लग्गी के समान एक सरकंडा दिया गया, और किसी ने कहा; उठ, परमेश्वर के मन्दिर और वेदी, और उस में भजन करने वालों को नाप ले। और मन्दिर के बाहर का आंगन छोड़ दे; उस मत नाप, क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्र नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी। और मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूंगा, कि टाट ओढे हुए एक हजार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्ववाणी करें। ये वे ही जैतून के दो पेड़ और दो दीवट हैं जो पृथ्वी के प्रभु के साम्हने खड़े रहते हैं। और यदि कोई उन को हानि पहुंचाना चाहता है, तो उन के मुंह से आग निकल कर उन के बैरियों को भस्म करती है, और यदि कोई उन को हानि पहुंचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा। इन्हें अधिकार है, कि आकाश को बन्द करें, कि उन की भविष्यद्ववाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लोहू बनाएं, और जब जब चाहें तब तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएं। और जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उन से लड़ कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। और उन की लोथें उस बड़े नगर के चौक में पड़ी रहेंगी, जो आत्मिक रीति से सदोम और मिसर कहलाता है, जहां उन का प्रभु भी क्रूस पर चढ़ाया गया था। और सब लोगों, और कुलों, और भाषाओं, और जातियों में से लोग उन की लोथें साढ़े तीन दिन तक देखते रहेंगे, और उन की लोथें कब्र में रखने ने देंगे। और पृथ्वी के रहने वाले, उन के मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्ताओं ने पृथ्वी के रहने वालों को सताया था और साढ़े तीन दिन के बाद परमेश्वर की ओर से जीवन की आत्मा उन में पैठ गई; और वे अपने पांवों के बल खड़े हो गए, और उनके देखने वालों पर बड़ा भय छा गया। और उन्हें स्वर्ग से एक बड़ा शब्द सुनाईं दिया, कि यहां ऊपर आओ; यह सुन वे बादल पर सवार होकर अपने बैरियों के देखते देखते स्वर्ग पर चढ़ गए। फिर उसी घड़ी एक बड़ा भुइंडोल हुआ, और नगर का दसवां अंश गिर पड़ा; और उस भुइंडोल से सात हजार मनुष्य मर गए और शेष डर गए, और स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की॥ दूसरी विपत्ति बीत चुकी, देखो, तीसरी विपत्ति शीघ्र आने वाली है॥

प्रकाशन 11:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर मुझे नापने के लिये एक सरकंडा दिया गया, और किसी ने कहा, “उठ, परमेश्‍वर के मन्दिर और वेदी, और उसमें उपासना करनेवालों को नाप ले। पर मन्दिर के बाहर का आँगन छोड़ दे; उसे मत नाप क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्र नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी। मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूँगा कि टाट ओढ़े हुए एक हज़ार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्वाणी करें।” ये वे ही जैतून के दो पेड़ और दो दीवट हैं, जो पृथ्वी के प्रभु के सामने खड़े रहते हैं। यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहता है, तो उनके मुँह से आग निकलकर उनके बैरियों को भस्म करती है; और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा। उन्हें अधिकार है कि आकाश को बन्द करें, कि उनकी भविष्यद्वाणी के दिनों में मेंह न बरसे; और उन्हें सब पानी पर अधिकार है कि उसे लहू बनाएँ, और जब जब चाहें तब तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएँ। जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। उनके शव उस बड़े नगर के चौक में पड़े रहेंगे, जो आत्मिक रूप से सदोम और मिस्र कहलाता है, जहाँ उनका प्रभु भी क्रूस पर चढ़ाया गया था। सब लोगों और कुलों और भाषाओं और जातियों के लोग उनके शवों को साढ़े तीन दिन तक देखते रहेंगे, और उनके शवों को कब्र में रखने न देंगे। पृथ्वी के रहनेवाले उनके मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्‍ताओं ने पृथ्वी के रहनेवालों को सताया था। परन्तु साढ़े तीन दिन के बाद परमेश्‍वर की ओर से जीवन का श्‍वास उनमें पैठ गया, और वे अपने पाँवों के बल खड़े हो गए, और उन के देखनेवालों पर बड़ा भय छा गया। तब उन्हें स्वर्ग से एक बड़ा शब्द सुनाई दिया, “यहाँ ऊपर आओ!” यह सुन वे बादल पर सवार होकर अपने बैरियों के देखते देखते स्वर्ग पर चढ़ गए। फिर उसी घड़ी एक बड़ा भूकम्प हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा; और उस भूकम्प से सात हज़ार मनुष्य मर गए, और शेष डर गए और स्वर्ग के परमेश्‍वर की महिमा की। दूसरी विपत्ति बीत चुकी; देखो, तीसरी विपत्ति शीघ्र आनेवाली है।

प्रकाशन 11:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर मुझे नापने के लिये एक सरकण्डा दिया गया, और किसी ने कहा, “उठ, परमेश्वर के मन्दिर और वेदी, और उसमें भजन करनेवालों को नाप ले। (जक. 2:1) पर मन्दिर के बाहर का आँगन छोड़ दे; उसे मत नाप क्योंकि वह अन्यजातियों को दिया गया है, और वे पवित्र नगर को बयालीस महीने तक रौंदेंगी। और मैं अपने दो गवाहों को यह अधिकार दूँगा कि टाट ओढ़े हुए एक हजार दो सौ साठ दिन तक भविष्यद्वाणी करें।” ये वे ही जैतून के दो पेड़ और दो दीवट हैं जो पृथ्वी के प्रभु के सामने खड़े रहते हैं। (जक. 4:3) और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहता है, तो उनके मुँह से आग निकलकर उनके बैरियों को भस्म करती है, और यदि कोई उनको हानि पहुँचाना चाहेगा, तो अवश्य इसी रीति से मार डाला जाएगा। (यिर्म. 5:14) उन्हें अधिकार है कि आकाश को बन्द करें, कि उनकी भविष्यद्वाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लहू बनाएँ, और जब जब चाहें तब-तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएँ। जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (प्रका. 13:7) और उनके शव उस बड़े नगर के चौक में पड़े रहेंगे, जो आत्मिक रीति से सदोम और मिस्र कहलाता है, जहाँ उनका प्रभु भी क्रूस पर चढ़ाया गया था। और सब लोगों, कुलों, भाषाओं, और जातियों में से लोग उनके शवों को साढ़े तीन दिन तक देखते रहेंगे, और उनके शवों को कब्र में रखने न देंगे। और पृथ्वी के रहनेवाले उनके मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्ताओं ने पृथ्वी के रहनेवालों को सताया था। परन्तु साढ़े तीन दिन के बाद परमेश्वर की ओर से जीवन का श्वास उनमें पैंठ गया; और वे अपने पाँवों के बल खड़े हो गए, और उनके देखनेवालों पर बड़ा भय छा गया। और उन्हें स्वर्ग से एक बड़ा शब्द सुनाई दिया, “यहाँ ऊपर आओ!” यह सुन वे बादल पर सवार होकर अपने बैरियों के देखते-देखते स्वर्ग पर चढ़ गए। फिर उसी घड़ी एक बड़ा भूकम्प हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा; और उस भूकम्प से सात हजार मनुष्य मर गए और शेष डर गए, और स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की। (प्रका. 14:7) दूसरी विपत्ति बीत चुकी; तब, तीसरी विपत्ति शीघ्र आनेवाली है।

प्रकाशन 11:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब मुझे एक सरकंडा दिया गया, जो मापने के यंत्र जैसा था तथा मुझसे कहा गया, “जाओ, परमेश्वर के मंदिर तथा वेदी का माप लो तथा वहां उपस्थित उपासकों की गिनती करो, किंतु मंदिर के बाहरी आंगन को छोड़ देना, उसे न मापना क्योंकि वह अन्य राष्ट्रों को सौंप दिया गया है. वे पवित्र नगर को बयालीस माह तक रौंदेंगे. मैं अपने दो गवाहों को, जिनका वस्त्र टाट का है, 1,260 दिन तक भविष्यवाणी करने की प्रदान करूंगा.” ये दोनों गवाह ज़ैतून के दो पेड़ तथा दो दीवट हैं, जो पृथ्वी के प्रभु के सामने खड़े हैं. यदि कोई उन्हें हानि पहुंचाना चाहे तो उनके मुंह से आग निकलकर उनके शत्रुओं को चट कर जाती है. यदि कोई उन्हें हानि पहुंचाना चाहे तो उसका इसी रीति से विनाश होना तय है. इनमें आकाश को बंद कर देने का सामर्थ्य है कि उनके भविष्यवाणी के दिनों में वर्षा न हो. उनमें जल को लहू में बदल देने की तथा जब-जब वे चाहें, पृथ्वी पर महामारी का प्रहार करने की क्षमता है. जब वे अपनी गवाही दे चुकें होंगे तो वह हिंसक पशु, जो उस अथाह गड्ढे में से निकलेगा, उनसे युद्ध करेगा और उन्हें हरा कर उनका विनाश कर डालेगा. उनके शव उस महानगर के चौक में पड़े रहेंगे, जिसका सांकेतिक नाम है सोदोम तथा मिस्र, जहां उनके प्रभु को क्रूस पर भी चढ़ाया गया था. हर एक समुदाय, गोत्र, भाषा तथा राष्ट्र के लोग साढ़े तीन दिन तक उनके शवों को देखने के लिए आते रहेंगे और वे उन शवों को दफ़नाने की अनुमति न देंगे. पृथ्वी के निवासी उनकी मृत्यु पर आनंदित हो खुशी का उत्सव मनाएंगे—यहां तक कि वे एक दूसरे को उपहार भी देंगे क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्ताओं ने पृथ्वी के निवासियों को अत्यधिक ताड़नाएं दी थी. साढ़े तीन दिन पूरे होने पर परमेश्वर की ओर से उनमें जीवन की सांस का प्रवेश हुआ और वे खड़े हो गए. यह देख उनके दर्शकों में भय समा गया. तब स्वर्ग से उन्हें संबोधित करता हुआ एक ऊंचा शब्द सुनाई दिया, “यहां ऊपर आओ!” और वे शत्रुओं के देखते-देखते बादलों में से स्वर्ग में उठा लिए गए. उसी समय एक भीषण भूकंप आया, जिससे नगर का एक दसवां भाग नाश हो गया. इस भूकंप में सात हज़ार व्यक्ति मर गए. शेष जीवित व्यक्तियों में भय समा गया और वे स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद-महिमा करने लगे. दूसरी विपदा समाप्‍त हुई, तीसरी विपदा शीघ्र आ रही है.