भजन संहिता 38:1-22
भजन संहिता 38:1-22 पवित्र बाइबल (HERV)
हे यहोवा, क्रोध में मेरी आलोचना मत कर। मुझको अनुशासित करते समय मुझ पर क्रोधित मत हो। हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है। तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं। तूने मुझे दण्डित किया और मेरी सम्पूर्ण काया दु:ख रही है, मैंने पाप किये और तूने मुझे दण्ड दिया। इसलिए मेरी हड्डी दु:ख रही है। मैं बुरे काम करने का अपराधी हूँ, और वह अपराध एक बड़े बोझे सा मेरे कन्धे पर चढ़ा है। मैं बना रहा मूर्ख, अब मेरे घाव दुर्गन्धपूर्ण रिसते हैं और वे सड़ रहे हैं। मैं झुका और दबा हुआ हूँ। मैं सारे दिन उदास रहता हूँ। मुझको ज्वर चढ़ा है, और समूचे शरीर में वेदना भर गई है। मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ। मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ। हे यहोवा, तूने मेरा कराहना सुन लिया। मेरी आहें तो तुझसे छुपी नहीं। मुझको ताप चढ़ा है। मेरी शक्ति निचुड़ गयी है। मेरी आँखों की ज्योति लगभग जाती रही। क्योंकि मैं रोगी हूँ, इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते। मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते। मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं। वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं। मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं। किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ। मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता। मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं। और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं। सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है। मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे। यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे। मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ। मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ। हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये। मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ। मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं। उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं। मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं, जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है। मैं बस भला करने का जतन करता रहा, किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं। हे यहोवा, मुझको मत बिसरा! मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह! देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले! हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!
भजन संहिता 38:1-22 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्रभु, क्रोध से मुझे मत डांट; अपने रोष से मुझे दण्डित न कर। तेरे बाणों ने मुझे बेध दिया है; तेरा हाथ मुझ पर उठा है। तेरे क्रोध ने मेरे शरीर में स्वास्थ्य नहीं छोड़ा; मेरे पाप के कारण मेरी देह में चैन नहीं है। मैं अपने कुकर्मों में सिर तक डूब चुका हूँ; वे बोझ के समान मेरे लिए बहुत भारी हैं। मेरे घाव दुर्गन्धमय हैं; मेरी मूर्खता के कारण वे सड़ गए हैं। मैं झुक गया हूँ; धूल-धूसरित हो गया हूँ; मैं दिन भर विलाप करता फिरता हूँ। मेरी कमर में बड़ी जलन हो रही है। मेरे शरीर में स्वास्थ्य नहीं रहा। मैं सुन्न पड़ गया हूँ, कुचल गया हूँ; अपने हृदय की पीड़ा के कारण में कराहता हूँ। हे स्वामी, मेरी वेदना तेरे संमुख है; मेरी आह तुझसे छिपी नहीं है। मेरा हृदय तीव्र गति से धड़कता है। मेरी शक्ति समाप्त होने पर है। मेरी आंखों की ज्योति भी जाती रही। मेरे प्रिय मित्र और साथी मेरे रोग के कारण मुझसे अलग हो गए। मेरे कुटुम्बीजन दूर खड़े हैं। मेरे प्राण के खोजी जाल फैलाते हैं; मुझे हानि पहुंचानेवाले मेरे विनाश की चर्चा करते हैं; वे दिन भर छल-कपट की बातें सोचते हैं। परन्तु मैं बहरा बन गया हूँ; मैं कुछ सुनता ही नहीं। मैं गूंगे के समान हूँ, जो अपना मुंह नहीं खोलता। निस्सन्देह मैं उस मनुष्य के समान हो गया हूँ, जो सुनता ही नहीं, जिसके मुंह में अपने बचाव के लिए तर्क नहीं है। प्रभु, मैं तेरी ही प्रतीक्षा करता हूँ- हे स्वामी! मेरे परमेश्वर! तू ही मुझे उत्तर देगा। मैंने कहा, “ऐसा न हो कि वे मुझ पर हंसें; जब मेरे पैर फिसल जाएं तब वे मेरे विरुद्ध डींग मारें।” मैं लड़खड़ाकर गिरने पर हूँ; मेरी पीड़ा निरन्तर मेरे साथ है। मैं अपने अधर्म को स्वीकार करता हूँ; मैं अपने पाप के लिए दु:खी हूँ। जो अकारण ही मेरे शत्रु बने, वे शक्तिशाली हो गये हैं। जो मुझ से व्यर्थ घृणा करते हैं, वे कितने बढ़ गए हैं। जो भलाई का प्रतिकार बुराई से करते हैं, वे मेरे बैरी हैं- क्योंकि मैं भलाई का अनुसरण करता हूँ। हे प्रभु, मुझे मत त्याग! हे मेरे परमेश्वर, मुझसे दूर मत हो! हे स्वामी, मेरे उद्धारकर्ता अविलंब मेरी सहायता कर।
भजन संहिता 38:1-22 Hindi Holy Bible (HHBD)
हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं। तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ भी चैन नहीं। क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ की नाईं मेरे सहने से बाहर हो गए हैं॥ मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं। मैं बहुत दुखी हूं और झुक गया हूं; दिन भर मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं। क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं। मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूं; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूं॥ हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं। मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आंखों की ज्योति भी मुझ से जाती रही। मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए॥ मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि के यत्न करने वाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं। परन्तु मैं बहिरे की नाईं सुनता ही नहीं, और मैं गूंगे के समान मूंह नहीं खोलता। वरन मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूं जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुंह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती॥ परन्तु हे यहोवा, मैं ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा। क्योंकि मैं ने कहा, ऐसा न हो कि वे मुझ पर आनन्द करें; जब मेरा पांव फिसल जाता है, तब मुझ पर अपनी बड़ाई मारते हैं॥ क्योंकि मैं तो अब गिरने ही पर हूं, और मेरा शोक निरन्तर मेरे साम्हने है। इसलिये कि मैं तो अपने अधर्म को प्रगट करूंगा, और अपने पाप के कारण खेदित रहूंगा। परन्तु मेरे शत्रु फुर्तीले और सामर्थी हैं, और मेरे विरोधी बैरी बहुत हो गए हैं। जो भलाई के बदले में बुराई करते हैं, वह भी मेरे भलाई के पीछे चलने के कारण मुझ से विरोध करते हैं॥ हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे! हे मेरे परमेश्वर, मुझ से दूर न हो! हे यहोवा, हे मेरे उद्धारकर्त्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 38:1-22 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हे यहोवा, क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूँ। तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हड्डियों में कुछ भी चैन नहीं। क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ के समान मेरे सहने से बाहर हो गए हैं। मेरी मूढ़ता के कारण कोड़े से लगे मेरे घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं। मैं बहुत दु:खी हूँ और झुक गया हूँ; दिन भर मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूँ। क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं। मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूँ; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूँ। हे प्रभु, मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं। मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आँखों की ज्योति भी मुझ से जाती रही। मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए। मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि का यत्न करनेवाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं। परन्तु मैं बहरे के समान सुनता ही नहीं, और मैं गूँगे के समान मुँह नहीं खोलता। वरन् मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूँ जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुँह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती। परन्तु हे यहोवा, मैं ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा। क्योंकि मैं ने कहा, “ऐसा न हो कि वे मुझ पर आनन्द करें; जब मेरा पाँव फिसल जाता है, तब वे मुझ पर अपनी बड़ाई मारते हैं।” क्योंकि मैं तो अब गिरने ही पर हूँ; और मेरा शोक निरन्तर मेरे सामने है। इसलिये कि मैं तो अपने अधर्म को प्रगट करूँगा, और अपने पाप के कारण खेदित रहूँगा। परन्तु मेरे शत्रु फुर्तीले और सामर्थी हैं, और मेरे बैरी बहुत हो गए हैं। जो भलाई के बदले में बुराई करते हैं, वे भी भलाई के पीछे चलने के कारण मेरा विरोध करते हैं। हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे! हे मेरे परमेश्वर, मुझ से दूर न हो! हे यहोवा, हे मेरे उद्धारकर्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 38:1-22 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूँ। तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हड्डियों में कुछ भी चैन नहीं। क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ के समान मेरे सहने से बाहर हो गए हैं। मेरी मूर्खता के पाप के कारण मेरे घाव सड़ गए और उनसे दुर्गन्ध आती हैं। मैं बहुत दुःखी हूँ और झुक गया हूँ; दिन भर मैं शोक का पहरावा पहने हुए चलता फिरता हूँ। क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं। मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूँ; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूँ। हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं। मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आँखों की ज्योति भी मुझसे जाती रही। मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए। (भज. 31:11, लूका 23:49) मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि का यत्न करनेवाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं। परन्तु मैं बहरे के समान सुनता ही नहीं, और मैं गूँगे के समान मुँह नहीं खोलता। वरन् मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूँ जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुँह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती। परन्तु हे यहोवा, मैंने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा। क्योंकि मैंने कहा, “ऐसा न हो कि वे मुझ पर आनन्द करें; जब मेरा पाँव फिसल जाता है, तब मुझ पर अपनी बड़ाई मारते हैं।” क्योंकि मैं तो अब गिरने ही पर हूँ; और मेरा शोक निरन्तर मेरे सामने है। इसलिए कि मैं तो अपने अधर्म को प्रगट करूँगा, और अपने पाप के कारण खेदित रहूँगा। परन्तु मेरे शत्रु अनगिनत हैं, और मेरे बैरी बहुत हो गए हैं। जो भलाई के बदले में बुराई करते हैं, वह भी मेरे भलाई के पीछे चलने के कारण मुझसे विरोध करते हैं। हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे! हे मेरे परमेश्वर, मुझसे दूर न हो! हे यहोवा, हे मेरे उद्धारकर्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 38:1-22 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
याहवेह, अपने क्रोध में मुझे न डांटिए और न अपने कोप में मुझे दंड दीजिए. क्योंकि आपके बाण मुझे लग चुके हैं, और आपके हाथ के बोझ ने मुझे दबा रखा है. आपके प्रकोप ने मेरी देह को स्वस्थ नहीं छोड़ा; मेरे ही पाप के परिणामस्वरूप मेरी हड्डियों में अब बल नहीं रहा. मैं अपने अपराधों में डूब चुका हूं; एक अतिशय बोझ के समान वे मेरी उठाने की क्षमता से परे हैं. मेरे घाव सड़ चुके हैं, वे अत्यंत घृणास्पद हैं यह सभी मेरी पापमय मूर्खता का ही परिणाम है. मैं झुक गया हूं, दुर्बलता के शोकभाव से अत्यंत नीचा हो गया हूं; सारे दिन मैं विलाप ही करता रहता हूं. मेरी कमर में जलती-चुभती-सी पीड़ा हो रही है; मेरी देह अत्यंत रुग्ण हो गई है. मैं दुर्बल हूं और टूट चुका हूं; मैं हृदय की पीड़ा में कराह रहा हूं. प्रभु, आपको यह ज्ञात है कि मेरी आकांक्षा क्या है; मेरी आहें आपसे छुपी नहीं हैं. मेरे हृदय की धड़कने तीव्र हो गई हैं, मुझमें बल शेष न रहा; यहां तक कि मेरी आंखों की ज्योति भी जाती रही. मेरे मित्र तथा मेरे साथी मेरे घावों के कारण मेरे निकट नहीं आना चाहते; मेरे संबंधी मुझसे दूर ही दूर रहते हैं. मेरे प्राणों के प्यासे लोगों ने मेरे लिए जाल बिछाया है, जिन्हें मेरी दुर्गति की कामना है; मेरे विनाश की योजना बना रहे हैं, वे सारे दिन छल की बुरी युक्ति रचते रहते हैं. मैं बधिर मनुष्य जैसा हो चुका हूं, जिसे कुछ सुनाई नहीं देता, मैं मूक पुरुष-समान हो चुका हूं, जो बातें नहीं कर सकता; हां, मैं उस पुरुष-सा हो चुका हूं, जिसकी सुनने की शक्ति जाती रही, जिसका मुख बोलने के योग्य नहीं रह गया. याहवेह, मैंने आप पर ही भरोसा किया है; कि प्रभु मेरे परमेश्वर उत्तर आपसे ही प्राप्त होगा. मैंने आपसे अनुरोध किया था, “यदि मेरे पैर फिसलें, तो उन्हें मुझ पर हंसने और प्रबल होने का सुख न देना.” अब मुझे मेरा अंत निकट आता दिख रहा है, मेरी पीड़ा सतत मेरे सामने बनी रहती है. मैं अपना अपराध स्वीकार कर रहा हूं; मेरे पाप ने मुझे अत्यंत व्याकुल कर रखा है. मेरे शत्रु प्रबल, सशक्त तथा अनेक हैं; जो अकारण ही मुझसे घृणा करते हैं. वे मेरे उपकारों का प्रतिफल अपकार में देते हैं; जब मैं उपकार करना चाहता हूं, वे मेरा विरोध करते हैं. याहवेह, मेरा परित्याग न कीजिए; मेरे परमेश्वर, मुझसे दूर न रहिए. तुरंत मेरी सहायता कीजिए, मेरे प्रभु, मेरे उद्धारकर्ता.