भजन संहिता 105:1-45
भजन संहिता 105:1-45 पवित्र बाइबल (HERV)
यहोवा का धन्यवाद करो! तुम उसके नाम की उपासना करो। लोगों से उनका बखान करो जिन अद्भुत कामों को वह किया करता है। यहोवा के लिये तुम गाओ। तुम उसके प्रशंसा गीत गाओ। उन सभी आश्चर्यपूर्ण बातों का वर्णन करो जिनको वह करता है। यहोवा के पवित्र नाम पर गर्व करो। ओ सभी लोगों जो यहोवा के उपासक हो, तुम प्रसन्न हो जाओ। सामर्थ्य पाने को तुम यहोवा के पास जाओ। सहारा पाने को सदा उसके पास जाओ। उन अद्भुत बातों को स्मरण करो जिनको यहोवा करता है। उसके आश्चर्य कर्म और उसके विवेकपूर्ण निर्णयों को याद रखो। तुम परमेश्वर के सेवक इब्राहीम के वंशज हो। तुम याकूब के संतान हो, वह व्यक्ति जिसे परमेश्वर ने चुना था। यहोवा ही हमारा परमेश्वर है। सारे संसार पर यहोवा का शासन है। परमेश्वर की वाचा सदा याद रखो। हजार पीढ़ियों तक उसके आदेश याद रखो। इब्राहीम के साथ परमेश्वर ने वाचा बाँधा था! परमेश्वर ने इसहाक को वचन दिया था। परमेश्वर ने याकूब (इस्राएल) को व्यवस्था विधान दिया। परमेश्वर ने इस्राएल के साथ वाचा किया। यह सदा सर्वदा बना रहेगा। परमेश्वर ने कहा था, “कनान की भूमि मैं तुमको दूँगा। वह धरती तुम्हारी हो जायेगी।” परमेश्वर ने वह वचन दिया था, जब इब्राहीम का परिवार छोटा था और वे बस यात्री थे जब कनान में रह रहे थे। वे राष्ट्र से राष्ट्र में, एक राज्य से दूसरे राज्य में घूमते रहे। किन्तु परमेश्वर ने उस घराने को दूसरे लोगों से हानि नहीं पहुँचने दी। परमेश्वर ने राजाओं को सावधान किया कि वे उनको हानि न पहुँचाये। परमेश्वर ने कहा था, “मेरे चुने हुए लोगों को तुम हानि मत पहूँचाओ। तुम मेरे कोई नबियों का बुरा मत करो।” परमेश्वर ने उस देश में अकाल भेजा। और लोगों के पास खाने को पर्याप्त खाना नहीं रहा। किन्तु परमेश्वर ने एक व्यक्ति को उनके आगे जाने को भेजा जिसका नाम यूसुफ था। यूसुफ को एक दास के समान बेचा गया था। उन्होंने यूसुफ के पाँव में रस्सी बाँधी। उन्होंने उसकी गर्दन में एक लोहे का कड़ा डाल दिया। यूसुफ को तब तक बंदी बनाये रखा जब तक वे बातें जो उसने कहीं थी सचमुच घट न गयी। यहोवा ने सुसन्देश से प्रमाणित कर दिया कि यूसुफ उचित था। मिस्र के राजा ने इस तरह आज्ञा दी कि यूसुफ के बंधनों से मुक्त कर दिया जाये। उस राष्ट्र के नेता ने कारागार से उसको मुक्त कर दिया। यूसुफ को अपने घर बार का अधिकारी बना दिया। यूसुफ राज्य में हर वस्तु का ध्यान रखने लगा। यूसुफ अन्य प्रमुखों को निर्देश दिया करता था। यूसुफ ने वृद्ध लोगों को शिक्षा दी। फिर जब इस्राएल मिस्र में आया। याकूब हाम के देश में रहने लगा। याकूब के वंशज बहुत से हो गये। वे मिस्र के लोगों से अधिक बलशाली बन गये। इसलिए मिस्री लोग याकूब के घराने से घृणा करने लगे। मिस्र के लोग अपने दासों के विरुद्ध कुचक्र रचने लगे। इसलिए परमेश्वर ने निज दास मूसा और हारुन जो नबी चुना हुआ था, भेजा। परमेश्वर ने हाम के देश में मूसा और हारुन से अनेक आश्चर्य कर्म कराये। परमेश्वर ने गहन अधंकार भेजा था, किन्तु मिस्त्रियों ने उनकी नहीं सुनी थी। सो फिर परमेश्वर ने पानी को खून में बदल दिया, और उनकी सब मछलियाँ मर गयी। और फिर बाद में मिस्त्रियों का देश मेढ़कों से भर गया। यहाँ तक की मेढ़क राजा के शयन कक्ष तक भरे। परमेश्वर ने आज्ञा दी मक्खियाँ और पिस्सू आये। वे हर कहीं फैल गये। परमेश्वर ने वर्षा को ओलों में बदल दिया। मिस्त्रियों के देश में हर कहीं आग और बिजली गिरने लगी। परमेश्वर ने मिस्त्रियों की अंगूर की बाड़ी और अंजीर के पेड़ नष्ट कर दिये। परमेश्वर ने उनके देश के हर पेड़ को तहस नहस किया। परमेश्वर ने आज्ञा दी और टिड्डी दल आ गये। टिड्डे आ गये और उनकी संखया अनगिनत थी। टिड्डी दल और टिड्डे उस देश के सभी पौधे चट कर गये। उन्होंने धरती पर जो भी फसलें खड़ी थी, सभी को खा डाली। फिर परमेश्वर ने मिस्त्रियों के पहलौठी सन्तान को मार डाला। परमेश्वर ने उनके सबसे बड़े पुत्रों को मारा। फिर परमेश्वर निज भक्तों को मिस्र से निकाल लाया। वे अपने साथ सोना और चाँदी ले आये। परमेश्वर का कोई भी भक्त गिरा नहीं न ही लड़खड़ाया। परमेश्वर के लोगों को जाते हुए देख कर मिस्र आनन्दित था, क्योंकि परमेश्वर के लोगों से वे डरे हुए थे। परमेश्वर ने कम्बल जैसा एक मेघ फैलाया। रात में निज भक्तों को प्रकाश देने के लिये परमेश्वर ने अपने आग के स्तम्भ को काम में लाया। लोगों ने खाने की माँग की और परमेश्वर उनके लिये बटेरों को ले आया। परमेश्वर ने आकाश से उनको भरपूर भोजन दिया। परमेश्वर ने चट्टान को फाड़ा और जल उछलता हुआ बाहर फूट पड़ा। उस मरुभूमि के बीच एक नदी बहने लगी। परमेश्वर ने अपना पवित्र वचन याद किया। परमेश्वर ने वह वचन याद किया जो उसने अपने दास इब्राहीम को दिया था। परमेश्वर अपने विशेष को मिस्र से बाहर निकाल लाया। लोग प्रसन्न गीत गाते हुए और खुशियाँ मनाते हुए बाहर आ गये! फिर परमेश्वर ने निज भक्तों को वह देश दिया जहाँ और लोग रह रहे थे। परमेश्वर के भक्तों ने वे सभी वस्तु पा ली जिनके लिये औरों ने श्रम किया था। परमेश्वर ने ऐसा इसलिए किया ताकि लोग उसकी व्यवस्था माने। परमेश्वर ने ऐसा इसलिए किया ताकि वे उसकी शिक्षाओं पर चलें।
भजन संहिता 105:1-45 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्रभु की सराहना करो, उसका नाम घोषित करो; सब जातियों में उसके कार्य प्रकट करो! प्रभु के लिए गाओ, उसकी स्तुति गाओ; उसके समस्त अद्भुत कार्यों का वर्णन करो; तुम उसके पवित्र नाम पर गौरव करो; प्रभु को खोजने वालों का हृदय आनन्दित हो। प्रभु को, उसकी शक्ति को खोजो, उसके मुख को निरन्तर खोजते रहो। उसके अद्भुत कार्यों को, जो उसने किए हैं, उसके चमत्कारों को, उसके मुंह से निकले न्याय-सिद्धान्तों को स्मरण करो, ओ प्रभु के सेवक अब्राहम के वंशजो! ओ प्रभु के मनोनीत याकूब के पुत्र-पुत्रियो! वही प्रभु हमारा परमेश्वर है; समस्त पृथ्वी पर उसके न्याय-सिद्धान्त सक्रिय हैं। वह अपने विधान को, उस वचन को, जिसे उसने हजार पीढ़ियों को दिया है, सदा स्मरण रखता है। अब्राहम के साथ स्थापित अपने विधान को, और इसहाक के साथ खाई अपनी शपथ को, प्रभु याद रखता है। उसने याकूब के लिए संविधि, इस्राएल के लिए शाश्वत विधान निश्चित किया था। उसने यह कहा था, ‘मैं तुझे कनान देश दूंगा; वह तुम्हारी मातृ-भूमि, मीरास बनेगा।’ जब वे संख्या में नगण्य थे, बहुत कम थे, जब वे वहां प्रवासी थे, जब वे एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र को, एक राज्य से दूसरे राज्य में भटकते फिरते थे, तब प्रभु ने किसी भी जाति को उन पर अत्याचार नहीं करने दिया; उसने उनके कारण राजाओं को भी डांटा: ‘मेरे अभिषिक्तों को स्पर्श मत करना; मेरे नबियों का अनिष्ट न करना।’ जब प्रभु ने देश पर अकाल भेजा, और रोटी के समस्त साधन तोड़ डाले, तब उसने एक मनुष्य को, यूसुफ को उनके पहले भेजा, जो गुलाम बनने के लिए बेचा गया था। उसके पैरों में बेड़ियां पहिनायी गई; उसकी गर्दन लोहे के सांकलों में जकड़ दी गई। जब तक उसका कथन पूरा न हुआ, तब तक प्रभु का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा। तत्पश्चात् राजा ने सैनिक भेजा और उसे छुड़ा लिया, प्रजा के शासक ने उसे बन्धनमुक्त किया; उसने उसे अपने महल का स्वामी, और अपनी समस्त सम्पत्ति का शासक नियुक्त किया, कि वह अपनी इच्छानुसार उसके अधिकारियों को आदेश दे, और उसके मंत्रियों को सलाह दे। तब इस्राएल मिस्र देश में आया, और हाम की धरती पर याकूब ने निवास किया। प्रभु ने अपने निज लोगों को संख्या में खूब बढ़ाया, और उनके बैरियों से अधिक उन्हें बलवान बनाया। तब प्रभु ने मिस्र-निवासियों का हृदय फेर दिया कि वे उसके निज लोगों से घृणा करें, उसके सेवकों से छल-कपट करें। प्रभु ने अपने सेवक मूसा को, और हारून को जिसे उसने चुना था, भेजा। दोनों ने उनके मध्य प्रभु के चिह्न दिखाए, हाम की धरती पर चमत्कार किए। प्रभु ने अन्धकार भेजा, और वहां अंधेरा कर दिया, तोभी मिस्र-निवासियों ने उसके वचन का विरोध किया। प्रभु ने उनके जल को रक्त में बदल दिया, और उनकी मछलियों को मार डाला। उनका देश, उनके राजाओं के महल भी, मेंढकों से भर गए! प्रभु ने कहा, और उनके समस्त देश पर मक्खी-मच्छड़ उमड़ आए। प्रभु ने उनको वर्षा के बदले ओले दिए, उनकी धरती पर धधकती आग बरसाई। प्रभु ने उनकी अंगूर लताएं और अंजीर के वृक्ष नष्ट कर दिए, उनके देश के सब पेड़ उखाड़ फेंके। प्रभु ने कहा, और टिड्डी दल, एवं टिड्डियों के असंख्य बच्चे उमड़ आए, जिन्होंने उनके देश की समस्त वनस्पति को खा लिया, उनकी भूमि के फलों को काट डाला। प्रभु ने उनके देश के सब पहलौठों को, उनके पौरुष के प्रथम फलों को नष्ट कर दिया। तब प्रभु ने सोना-चांदी के साथ इस्राएलियों को गुलामी से बाहर निकाला, उनके कुलों में एक भी दुर्बल व्यक्ति न था। उनके प्रस्थान से मिस्र-निवासी आनन्दित हुए; क्योंकि इस्राएलियों का भय उनमें समा गया था। प्रभु ने छाया के निमित्त बादल ताना, और रात में प्रकाश के लिए अग्नि। इस्राएलियों ने भोजन मांगा, और प्रभु ने बटेरों को पहुंचाया; प्रभु ने उन्हें स्वर्गिक रोटी से तृप्त किया। प्रभु ने चट्टान को तोड़ा, और जल बहने लगा, निर्जल भूमि पर नदी दौड़ पड़ी। प्रभु ने अपने सेवक अब्राहम के प्रति, अपने पवित्र वचन को स्मरण रखा। अत: प्रभु अपने निज लोगों को हर्ष के साथ, अपनी मनोनीत प्रजा को जयजयकार सहित निकाल लाया। प्रभु ने उन्हें अन्य जातियों के देश दिए; और उन्हें अन्य लोगों के श्रम के फल पर अधिकार दिया, कि वे अंत तक प्रभु की संविधि का पालन करें; उसकी व्यवस्था को मानते रहें। प्रभु की स्तुति करो!
भजन संहिता 105:1-45 Hindi Holy Bible (HHBD)
यहोवा का धन्यवाद करो, उससे प्रार्थना करो, देश देश के लोगों में उसके कामों का प्रचार करो! उसके लिये गीत गाओ, उसके लिये भजन गाओ, उसके सब आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करो! उसके पवित्र नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो! यहोवा और उसकी सामर्थ को खोजो, उसके दर्शन के लगातार खोजी बने रहो! उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! हे उसके दास इब्राहीम के वंश, हे याकूब की सन्तान, तुम तो उसके चुने हुए हो! वही हमारा परमेश्वर यहोवा है; पृथ्वी भर में उसके निर्णय होते हैं। वह अपनी वाचा को सदा स्मरण रखता आया है, यह वही वचन है जो उसने हजार पीढ़ीयों के लिये ठहराया है; वही वाचा जो उसने इब्राहीम के साथ बान्धी, और उसके विषय में उसने इसहाक से शपथ खाई, और उसी को उसने याकूब के लिये विधि करके, और इस्राएल के लिये यह कह कर सदा की वाचा करके दृढ़ किया, कि मैं कनान देश को तुझी को दूंगा, वह बांट में तुम्हारा निज भाग होगा॥ उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे राज्य में फिरते रहे; परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अन्धेर करने न दिया; और वह राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, कि मेरे अभिषिक्तों को मत छुओ, और न मेरे नबियों की हानि करो! फिर उसने उस देश में अकाल भेजा, और अन्न के सब आधार को दूर कर दिया। उसने यूसुफ नाम एक पुरूष को उन से पहिले भेजा था, जो दास होने के लिये बेचा गया था। लोगों ने उसके पैरों में बेड़ियां डाल कर उसे दु:ख दिया; वह लोहे की सांकलों से जकड़ा गया; जब तक कि उसकी बात पूरी न हुई तब तक यहोवा का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा। तब राजा ने दूत भेज कर उसे निकलवा लिया, और देश देश के लोगों के स्वामी ने उसके बन्धन खुलवाए; उसने उसको अपने भवन का प्रधान और अपनी पूरी सम्पत्ति का अधिकारी ठहराया, कि वह उसके हाकिमों को अपनी इच्छा के अनुसार कैद करे और पुरनियों को ज्ञान सिखाए॥ फिर इस्राएल मिस्त्र में आया; और याकूब हाम के देश में परदेशी रहा। तब उसने अपनी प्रजा को गिनती में बहुत बढ़ाया, और उसके द्रोहियों से अधिक बलवन्त किया। उसने मिस्त्रियों के मन को ऐसा फेर दिया, कि वे उसकी प्रजा से बैर रखने, और उसके दासों से छल करने लगे॥ उसने अपने दास मूसा को, और अपने चुने हुए हारून को भेजा। उन्होंने उनके बीच उसकी ओर से भांति भांति के चिन्ह, और हाम के देश में चमत्कार दिखाए। उसने अन्धकार कर दिया, और अन्धियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न टाला। उसने मिस्त्रियों के जल को लोहू कर डाला, और मछलियों को मार डाला। मेंढक उनकी भूमि में वरन उनके राजा की कोठरियों में भी भर गए। उसने आज्ञा दी, तब डांस आ गए, और उनके सारे देश में कुटकियां आ गईं। उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई। और उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को वरन उनके देश के सब पेड़ों को तोड़ डाला। उसने आज्ञा दी तब अनगिनत टिडि्डयां, और कीड़े आए, और उन्होंने उनके देश के सब अन्न आदि को खा डाला; और उनकी भूमि के सब फलों को चट कर गए। उसने उनके देश के सब पहिलौठों को, उनके पौरूष के सब पहिले फल को नाश किया॥ तब वह अपने गोत्रियों को सोना चांदी दिला कर निकाल लाया, और उन में से कोई निर्बल न था। उनके जाने से मिस्त्री आनन्दित हुए, क्योंकि उनका डर उन में समा गया था। उसने छाया के लिये बादल फैलाया, और रात को प्रकाश देने के लिये आग प्रगट की। उन्होंने मांगा तब उसने बटेरें पहुंचाई, और उन को स्वर्गीय भोजन से तृप्त किया। उसने चट्टान फाड़ी तब पानी बह निकला; और निर्जल भूमि पर नदी बहने लगी। क्योंकि उसने अपने पवित्र वचन और अपने दास इब्राहीम को स्मरण किया॥ वह अपनी प्रजा को हर्षित करके और अपने चुने हुओं से जयजयकार कराके निकाल लाया। और उन को अन्यजातियों के देश दिए; और वे और लोगों के श्रम के फल के अधिकारी किए गए, कि वे उसकी विधियों को मानें, और उसकी व्यवस्था को पूरी करें। याह की स्तुति करो!
भजन संहिता 105:1-45 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो, देश देश के लोगों में उसके कामों का प्रचार करो! उसके लिये गीत गाओ, उसके लिये भजन गाओ, उसके सब आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करो! उसके पवित्र नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो! यहोवा और उसकी सामर्थ्य को खोजो, उसके दर्शन के लगातार खोजी बने रहो! उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! हे उसके दास अब्राहम के वंश, हे याकूब की सन्तान, तुम तो उसके चुने हुए हो! वही हमारा परमेश्वर यहोवा है; पृथ्वी भर में उसके निर्णय होते हैं। वह अपनी वाचा को सदा स्मरण रखता आया है, यह वही वचन है जो उसने हज़ार पीढ़ियों के लिये ठहराया है; वही वाचा जो उसने अब्राहम के साथ बाँधी, और उसके विषय में उसने इसहाक से शपथ खाई, और उसी को उसने याकूब के लिये विधि करके, और इस्राएल के लिये यह कहकर सदा की वाचा करके दृढ़ किया, “मैं कनान देश को तुझी को दूँगा, वह बाँट में तुम्हारा निज भाग होगा।” उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन् बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे राज्य में फिरते रहे; परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अन्धेर करने न दिया; और वह राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, “मेरे अभिषिक्तों को मत छूओ, और न मेरे नबियों की हानि करो!” फिर उसने उस देश में अकाल भेजा, और अन्न के सब आधार को दूर कर दिया। उसने यूसुफ नामक एक पुरुष को उनसे पहले भेजा था, जो दास होने के लिये बेचा गया था। लोगों ने उसके पैरों में बेड़ियाँ डालकर उसे दु:ख दिया; वह लोहे की साँकलों से जकड़ा गया; जब तक कि उसकी बात पूरी न हुई तब तक यहोवा का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा। तब राजा ने दूत भेजकर उसे निकलवा लिया, और देश देश के लोगों के स्वामी ने उसके बन्धन खुलवाए; उसने उसको अपने भवन का प्रधान और अपनी पूरी सम्पत्ति का अधिकारी ठहराया, कि वह उसके हाकिमों को अपनी इच्छा के अनुसार कैद करे और पुरनियों को ज्ञान सिखाए। फिर इस्राएल मिस्र में आया; और याकूब हाम के देश में परदेशी रहा। तब उसने अपनी प्रजा को गिनती में बहुत बढ़ाया, और उसके शत्रुओं से अधिक बलवन्त किया। उसने मिस्रियों के मन को ऐसा फेर दिया, कि वे उसकी प्रजा से बैर रखने, और उसके दासों से छल करने लगे। उसने अपने दास मूसा को, और अपने चुने हुए हारून को भेजा। उन्होंने उनके बीच उसकी ओर से भाँति भाँति के चिह्न, और हाम के देश में चमत्कार दिखाए। उसने अन्धकार कर दिया, और अन्धियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न टाला। उसने मिस्रियों के जल को लहू कर डाला, और मछलियों को मार डाला। मेंढक उनकी भूमि में वरन् उनके राजा की कोठरियों में भी भर गए। उसने आज्ञा दी, तब डाँस आ गए, और उनके सारे देश में कुटकियाँ आ गईं। उसने उनके लिये जलवृष्टि के बदले ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई। उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को वरन् उनके देश के सब पेड़ों को तोड़ डाला। उसने आज्ञा दी तब अनगिनत टिड्डियाँ, और कीड़े आए, और उन्होंने उनके देश के सब अन्न आदि को खा डाला; और उनकी भूमि के सब फलों को चट कर गए। उसने उनके देश के सब पहिलौठों को, उनके पौरुष के सब पहले फल को नष्ट किया। तब वह इस्राएल को सोना चाँदी दिलाकर निकाल लाया, और उनमें से कोई निर्बल न था। उनके जाने से मिस्री आनन्दित हुए, क्योंकि उनका डर उनमें समा गया था। उसने छाया के लिये बादल फैलाया, और रात को प्रकाश देने के लिये आग प्रगट की। उन्होंने माँगा तब उसने बटेरें पहुँचाई, और उनको स्वर्गीय भोजन से तृप्त किया। उसने चट्टान फाड़ी तब पानी बह निकला; और निर्जल भूमि पर नदी बहने लगी। क्योंकि उसने अपने पवित्र वचन और अपने दास अब्राहम को स्मरण किया। वह अपनी प्रजा को हर्षित करके और अपने चुने हुओं से जयजयकार कराके निकाल लाया। और उनको जाति जाति के देश दिए; और वे अन्य लोगों के श्रम के फल के अधिकारी किए गए। कि वे उसकी विधियों को मानें, और उसकी व्यवस्था को पूरी करें। याह की स्तुति करो!
भजन संहिता 105:1-45 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यहोवा का धन्यवाद करो, उससे प्रार्थना करो, देश-देश के लोगों में उसके कामों का प्रचार करो! उसके लिये गीत गाओ, उसके लिये भजन गाओ, उसके सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करो! उसके पवित्र नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो! यहोवा और उसकी सामर्थ्य को खोजो, उसके दर्शन के लगातार खोजी बने रहो! उसके किए हुए आश्चर्यकर्मों को स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! हे उसके दास अब्राहम के वंश, हे याकूब की सन्तान, तुम तो उसके चुने हुए हो! वही हमारा परमेश्वर यहोवा है; पृथ्वी भर में उसके निर्णय होते हैं। वह अपनी वाचा को सदा स्मरण रखता आया है, यह वही वचन है जो उसने हजार पीढ़ियों के लिये ठहराया है; वही वाचा जो उसने अब्राहम के साथ बाँधी, और उसके विषय में उसने इसहाक से शपथ खाई, (लूका 1:72,73) और उसी को उसने याकूब के लिये विधि करके, और इस्राएल के लिये यह कहकर सदा की वाचा करके दृढ़ किया, “मैं कनान देश को तुझी को दूँगा, वह बाँट में तुम्हारा निज भाग होगा।” उस समय तो वे गिनती में थोड़े थे, वरन् बहुत ही थोड़े, और उस देश में परदेशी थे। वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे राज्य में फिरते रहे; परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अत्याचार करने न दिया; और वह राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, “मेरे अभिषिक्तों को मत छूओ, और न मेरे नबियों की हानि करो!” फिर उसने उस देश में अकाल भेजा, और अन्न के सब आधार को दूर कर दिया। उसने यूसुफ नामक एक पुरुष को उनसे पहले भेजा था, जो दास होने के लिये बेचा गया था। लोगों ने उसके पैरों में बेड़ियाँ डालकर उसे दुःख दिया; वह लोहे की साँकलों से जकड़ा गया; जब तक कि उसकी बात पूरी न हुई तब तक यहोवा का वचन उसे कसौटी पर कसता रहा। तब राजा ने दूत भेजकर उसे निकलवा लिया, और देश-देश के लोगों के स्वामी ने उसके बन्धन खुलवाए; उसने उसको अपने भवन का प्रधान और अपनी पूरी सम्पत्ति का अधिकारी ठहराया, (प्रेरि. 7:10) कि वह उसके हाकिमों को अपनी इच्छा के अनुसार नियंत्रित करे और पुरनियों को ज्ञान सिखाए। फिर इस्राएल मिस्र में आया; और याकूब हाम के देश में रहा। तब उसने अपनी प्रजा को गिनती में बहुत बढ़ाया, और उसके शत्रुओं से अधिक बलवन्त किया। उसने मिस्रियों के मन को ऐसा फेर दिया, कि वे उसकी प्रजा से बैर रखने, और उसके दासों से छल करने लगे। उसने अपने दास मूसा को, और अपने चुने हुए हारून को भेजा। उन्होंने मिस्रियों के बीच उसकी ओर से भाँति-भाँति के चिन्ह, और हाम के देश में चमत्कार दिखाए। उसने अंधकार कर दिया, और अंधियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न माना। उसने मिस्रियों के जल को लहू कर डाला, और मछलियों को मार डाला। मेंढ़क उनकी भूमि में वरन् उनके राजा की कोठरियों में भी भर गए। उसने आज्ञा दी, तब डांस आ गए, और उनके सारे देश में कुटकियाँ आ गईं। उसने उनके लिये जलवृष्टि के बदले ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई। और उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को वरन् उनके देश के सब पेड़ों को तोड़ डाला। उसने आज्ञा दी तब अनगिनत टिड्डियाँ, और कीड़े आए, और उन्होंने उनके देश के सब अन्न आदि को खा डाला; और उनकी भूमि के सब फलों को चट कर गए। उसने उनके देश के सब पहिलौठों को, उनके पौरूष के सब पहले फल को नाश किया। तब वह इस्राएल को सोना चाँदी दिलाकर निकाल लाया, और उनमें से कोई निर्बल न था। उनके जाने से मिस्री आनन्दित हुए, क्योंकि उनका डर उनमें समा गया था। उसने छाया के लिये बादल फैलाया, और रात को प्रकाश देने के लिये आग प्रगट की। उन्होंने माँगा तब उसने बटेरें पहुँचाई, और उनको स्वर्गीय भोजन से तृप्त किया। (यूह. 6:31) उसने चट्टान फाड़ी तब पानी बह निकला; और निर्जल भूमि पर नदी बहने लगी। क्योंकि उसने अपने पवित्र वचन और अपने दास अब्राहम को स्मरण किया। वह अपनी प्रजा को हर्षित करके और अपने चुने हुओं से जयजयकार कराके निकाल लाया। और उनको जाति-जाति के देश दिए; और वे अन्य लोगों के श्रम के फल के अधिकारी किए गए, कि वे उसकी विधियों को मानें, और उसकी व्यवस्था को पूरी करें। यहोवा की स्तुति करो!
भजन संहिता 105:1-45 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
याहवेह के प्रति आभार व्यक्त करो, उनको पुकारो; सभी जनताओं के सामने उनके द्वारा किए कार्यों की घोषणा करो. उनकी प्रशंसा में गाओ, उनका गुणगान करो; उनके सभी अद्भुत कार्यों का वर्णन करो. उनके पवित्र नाम पर गर्व करो; उनके हृदय, जो याहवेह के खोजी हैं, उल्लसित हों. याहवेह और उनकी सामर्थ्य की खोज करो; उनकी उपस्थिति के सतत खोजी बने रहो. उनके द्वारा किए अद्भुत कार्य स्मरण रखो तथा उनके द्वारा हुईं अद्भुत बातें एवं निर्णय भी, उनके सेवक अब्राहाम के वंश, उनके द्वारा चुने हुए याकोब की संतान. वह याहवेह हैं, हमारे परमेश्वर; समस्त पृथ्वी पर उनके द्वारा किया गया न्याय स्पष्ट है. उन्हें अपनी वाचा सदैव स्मरण रहती है, वह आदेश जो उन्होंने हजार पीढ़ियों को दिया, वह वाचा, जो उन्होंने अब्राहाम के साथ स्थापित की, प्रतिज्ञा की वह शपथ, जो उन्होंने यित्सहाक से खाई थी, जिसकी पुष्टि उन्होंने याकोब से अधिनियम स्वरूप की, अर्थात् इस्राएल से स्थापित अमर यह वाचा: “कनान देश तुम्हें मैं प्रदान करूंगा. यह वह भूखण्ड है, जो तुम निज भाग में प्राप्त करोगे.” जब परमेश्वर की प्रजा की संख्या अल्प ही थी, जब उनकी संख्या बहुत ही कम थी, और वे उस देश में परदेशी थे, जब वे एक देश से दूसरे देश में भटकते फिर रहे थे, वे एक राज्य में से होकर दूसरे में यात्रा कर रहे थे, परमेश्वर ने किसी भी राष्ट्र को उन्हें दुःखित न करने दिया; उनकी ओर से स्वयं परमेश्वर उन राजाओं को डांटते रहे: “मेरे अभिषिक्तों का स्पर्श तक न करना; मेरे भविष्यवक्ताओं को कोई हानि न पहुंचे!” तब परमेश्वर ने उस देश में अकाल की स्थिति उत्पन्न कर दी. उन्होंने ही समस्त आहार तृप्ति नष्ट कर दी; तब परमेश्वर ने एक पुरुष, योसेफ़ को, जिनको दास बनाकर उस देश में पहले भेज दिया. उन्होंने योसेफ़ के पैरों में बेड़ियां डालकर उन पैरों को ज़ख्मी किया था, उनकी गर्दन में भी बेड़ियां डाल दी गई थीं. तब योसेफ़ की पूर्वोक्ति सत्य प्रमाणित हुई, उनके विषय में, याहवेह के वक्तव्य ने उन्हें सत्य प्रमाणित कर दिया. राजा ने उन्हें मुक्त करने के आदेश दिए, प्रजा के शासक ने उन्हें मुक्त कर दिया. उसने उन्हें अपने भवन का प्रधान तथा संपूर्ण संपत्ति का प्रशासक बना दिया, कि वह उनके प्रधानों को अपनी इच्छापूर्ति के निमित्त आदेश दे सकें और उनके मंत्रियों को सुबुद्धि सिखा सकें. तब इस्राएल ने मिस्र में पदार्पण किया; तब हाम की धरती पर याकोब एक प्रवासी होकर रहने लगे. याहवेह ने अपने चुने हुओं को अत्यंत समृद्ध कर दिया; यहां तक कि उन्हें उनके शत्रुओं से अधिक प्रबल बना दिया, जिनके हृदय में स्वयं परमेश्वर ने अपनी प्रजा के प्रति घृणा उत्पन्न कर दी, वे परमेश्वर के सेवकों के विरुद्ध बुरी युक्ति रचने लगे. तब परमेश्वर ने अपने चुने हुए सेवक मोशेह को उनके पास भेजा, और अहरोन को भी. उन्होंने परमेश्वर की ओर से उनके सामने आश्चर्य कार्य प्रदर्शित किए, हाम की धरती पर उन्होंने अद्भुत कार्य प्रदर्शित किए. उनके आदेश ने सारे देश को अंधकारमय कर दिया; क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आदेशों की अवहेलना की. परमेश्वर ही के आदेश से देश का समस्त जल रक्त में बदल गया, परिणामस्वरूप समस्त मछलियां मर गईं. उनके समस्त देश में असंख्य मेंढक उत्पन्न हो गए, यहां तक कि उनके न्यायियों के शयनकक्ष में भी पहुंच गए. परमेश्वर ने आदेश दिया और मक्खियों के समूह देश पर छा गए, इसके साथ ही समस्त देश में मच्छर भी समा गए. उनके आदेश से वर्षा ने ओलों का रूप ले लिया, समस्त देश में आग्नेय विद्युज्ज्वाला बरसने लगी. तब परमेश्वर ने उनकी द्राक्षालताओं तथा अंजीर के वृक्षों पर भी आक्रमण किया, और तब उन्होंने उनके देश के वृक्षों का अंत कर दिया. उनके आदेश से अरबेह टिड्डियों ने आक्रमण कर दिया, ये यालेक टिड्डियां असंख्य थीं; उन्होंने देश की समस्त वनस्पति को निगल लिया, भूमि की समस्त उपज समाप्त हो गई. तब परमेश्वर ने उनके देश के हर एक पहलौठे की हत्या की, उन समस्त पहिलौठों का, जो उनके पौरुष का प्रमाण थे. परमेश्वर ने स्वर्ण और चांदी के बड़े धन के साथ इस्राएल को मिस्र देश से बचाया, उसके समस्त गोत्रों में से कोई भी कुल नहीं लड़खड़ाया. मिस्र निवासी प्रसन्न ही थे, जब इस्राएली देश छोड़कर जा रहे थे, क्योंकि उन पर इस्राएल का आतंक छा गया था. उन पर आच्छादन के निमित्त परमेश्वर ने एक मेघ निर्धारित कर दिया था, और रात्रि में प्रकाश के लिए अग्नि भी. उन्होंने प्रार्थना की और परमेश्वर ने उनके निमित्त आहार के लिए बटेरें भेज दीं; और उन्हें स्वर्गिक आहार से भी तृप्त किया. उन्होंने चट्टान को ऐसे खोल दिया, कि उसमें से उनके निमित्त जल बहने लगा; यह जल वन में नदी जैसे बहने लगा. क्योंकि उन्हें अपने सेवक अब्राहाम से की गई अपनी पवित्र प्रतिज्ञा स्मरण की. आनंद के साथ उनकी प्रजा वहां से बाहर लाई गई, उनके चुने हर्षनाद कर रहे थे; परमेश्वर ने उनके लिए अनेक राष्ट्रों की भूमि दे दी, वे उस संपत्ति के अधिकारी हो गए जिसके लिए किसी अन्य ने परिश्रम किया था. कि वे परमेश्वर के अधिनियमों का पालन कर सकें और उनके नियमों को पूरा कर सकें.