भजन संहिता 1:1-6

भजन संहिता 1:1-6 पवित्र बाइबल (HERV)

सचमुच वह जन धन्य होगा यदि वह दुष्टों की सलाह को न मानें, और यदि वह किसी पापी के जैसा जीवन न जीए और यदि वह उन लोगों की संगति न करे जो परमेश्वर की राह पर नहीं चलते। वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है। इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है। किन्तु दुष्ट जन ऐसे नहीं होते। दुष्ट जन उस भूसे के समान होते हैं जिन्हें पवन का झोका उड़ा ले जाता है। इसलिए दुष्ट जन न्याय का सामना नहीं कर पायेंगे। सज्जनों की सभा में वे दोषी ठहरेंगे और उन पापियों को छोड़ा नहीं जायेगा। ऐसा भला क्यों होगा? क्योंकि यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है और वह दुर्जनों का विनाश करता है।

भजन संहिता 1:1-6 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

धन्‍य है वह मनुष्‍य जो दुर्जनों की सम्‍मति पर नहीं चलता, जो पापियों के मार्ग पर खड़ा नहीं होता, और जो उपहास-प्रिय झुण्‍ड में नहीं बैठता; पर उसका सुख प्रभु की व्‍यवस्‍था में है, और वह दिन-रात उस का पाठ करता है। वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है। पर अधार्मिक मनुष्‍य ऐसे नहीं होते! वे भूसे के समान हैं, जिसे पवन उड़ाता है। अत: न अधार्मिक मनुष्‍य अदालत में, और न पापी मनुष्‍य धार्मिकों की मंडली में खड़े हो सकेंगे। प्रभु धार्मिकों का आचरण जानता है। परन्‍तु अधार्मिक अपने आचरण के कारण नष्‍ट हो जाएंगे।

भजन संहिता 1:1-6 Hindi Holy Bible (HHBD)

क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है! परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥ दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा॥

भजन संहिता 1:1-6 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

क्या ही धन्य है वह पुरुष जो दुष्‍टों की युक्‍ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है! परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है, और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है। दुष्‍ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। इस कारण दुष्‍ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्‍टों का मार्ग नष्‍ट हो जाएगा।

भजन संहिता 1:1-6 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो दुष्टों की योजना पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करनेवालों की मण्डली में बैठता है! परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात-दिन ध्यान करता रहता है। वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। और जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है। दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा।

भजन संहिता 1:1-6 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

कैसा धन्य है वह पुरुष जो दुष्टों की सम्मति का आचरण नहीं करता, न पापियों के मार्ग पर खड़ा रहता और न ही उपहास करनेवालों की बैठक में बैठता है, इसके विपरीत उसका उल्लास याहवेह की व्यवस्था का पालन करने में है, उसी का मनन वह दिन-रात करता रहता है. वह बहती जलधाराओं के तट पर लगाए गए उस वृक्ष के समान है, जो उपयुक्त ऋतु में फल देता है जिसकी पत्तियां कभी मुरझाती नहीं. ऐसा पुरुष जो कुछ करता है उसमें सफल होता है. किंतु दुष्ट ऐसे नहीं होते! वे उस भूसे के समान होते हैं, जिसे पवन उड़ा ले जाती है. तब दुष्ट न्याय में टिक नहीं पाएंगे, और न ही पापी धर्मियों के मण्डली में. निश्चयतः याहवेह धर्मियों के आचरण को सुख समृद्धि से सम्पन्‍न करते हैं, किंतु दुष्टों को उनका आचरण ही नष्ट कर डालेगा.

भजन संहिता 1:1-6

भजन संहिता 1:1-6 HINCLBSI

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