नीतिवचन 25:18-23

नीतिवचन 25:18-23 पवित्र बाइबल (HERV)

वह मनुष्य, जो झूठी साक्षी अपने साथी के विरोध में देता है वह तो है हथौड़ा सा अथवा तलवार सा या तीखे बाणा सा। विपत्ति के काल में भरोसा विश्वास—घाती पर होता है ऐसा जैसे दुःख देता दाँत अथवा लँगड़ाते पैर। जो कोई उसके सामने खुशी के गीत गाता है जिसका मन भारी है। वह उसको वैसा लगता है जैसे जोड़े में कोई कपड़े उतार लेता अथवा कोई फोड़े के सफफ पर सिरका उंडेला हो। यदि तेरा शत्रु भी कभी भूखा हो, उसके खाने के लिये, तू भोजन दे दे, और यदि वह प्यासा हो, तू उसके लिये पानी पीने को दे दे। यदि तू ऐसा करेगा वह लज्जित होगा, वह लज्जा उसके चिंतन में अंगारों सी धधकेगी, और यहोवा तुझे उसका प्रतिफल देगा। उत्तर का पवन जैसे वर्षा लाता है वैसे ही धूर्त—वाणी क्रोध उपजाती है।

नीतिवचन 25:18-23 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जो मनुष्‍य अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो गदा, या तलवार या पैना तीर है। संकट में विश्‍वासघाती मनुष्‍य पर भरोसा करना मानो सड़े हुए दांत पर अथवा टूटे हुए पैर पर भरोसा करना है। जिस मनुष्‍य का हृदय उदास है, उसके सामने गीत गानेवाला उस व्यक्‍ति के समान नासमझ है, जो शीत ऋतु में अपने वस्‍त्र उतार देता है, जो जले पर नमक छिड़कता है। यदि तेरा शत्रु भूखा है तो उसको खाने के लिए भोजन दे। यदि वह प्‍यासा है तो उसको पीने के लिए पानी दे। यों तू उसको अपने इस दयापूर्ण व्‍यवहार से पानी-पानी कर देगा, और प्रभु तुझ को इसका फल देगा। जैसे मौसमी हवा अपने साथ वर्षा लाती है; वैसे ही चुगलखोर जीभ क्रुद्ध दृष्‍टि उत्‍पन्न करती है।

नीतिवचन 25:18-23 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जो किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी देता है, वह मानो हथौड़ा और तलवार और पैना तीर है। विपत्ति के समय विश्वासघाती का भरोसा, टूटे हुए दाँत या उखड़े पाँव के समान है। जैसा जाड़े के दिनों में किसी का वस्त्र उतारना या सज्जी पर सिरका डालना होता है, वैसा ही उदास मनवाले के सामने गीत गाना होता है। यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसको रोटी खिलाना; और यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिलाना; क्योंकि इस रीति तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा। (मत्ती 5:44, रोम. 12:20) जैसे उत्तरी वायु वर्षा को लाती है, वैसे ही चुगली करने से मुख पर क्रोध छा जाता है।

नीतिवचन 25:18-23 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

वह व्यक्ति, जो अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठा साक्षी हो जाता है, वह युद्ध के लिए प्रयुक्त लाठी, तलवार अथवा बाण के समान है. विपदा के अवसर पर ऐसे व्यक्ति पर भरोसा रखना, जिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता, वैसा ही होता है, जैसे सड़े दांत अथवा टूटे पैर पर भरोसा रखना. दुःख में डूबे व्यक्ति के समक्ष हर्ष गीत गाने का वैसा ही प्रभाव होता है, जैसा शीतकाल में किसी को विवस्त्र कर देना अथवा किसी के घावों पर सिरका मल देना. यदि तुम्हारा विरोधी भूखा है, उसे भोजन कराओ, यदि प्यासा है, उसे पीने के लिए जल दो; इससे तुम उसके सिर पर प्रज्वलित कोयलों का ढेर लगा दोगे, और तुम्हें याहवेह की ओर से पारितोषिक प्राप्‍त होगा. जैसे उत्तरी वायु प्रवाह वृष्टि का उत्पादक होता है, वैसे ही पीठ पीछे पर निंदा करती जीभ शीघ्र क्रोधी मुद्रा उत्पन्‍न करती है.

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