नीतिवचन 1:1-7

नीतिवचन 1:1-7 पवित्र बाइबल (HERV)

दाऊद के पुत्र और इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन। यह शब्द इसलिये लिखे गये हैं, ताकि मनुष्य बुद्धि को पाये, अनुशासन को ग्रहण करे, जिनसे समझ भरी बातों का ज्ञान हो, ताकि मनुष्य विवेकशील, अनुशासित जीवन पाये, और धर्म—पूर्ण, न्याय—पूर्ण, पक्षपातरहित कार्य करे, सरल सीधे जन को विवेक और ज्ञान तथा युवकों को अच्छे बुरे का भेद सिखा (बता) पायें। बुद्धिमान उन्हें सुन कर निज ज्ञान बढ़ावें और समझदार व्यक्ति दिशा निर्देश पायें, ताकि मनुष्य नीतिवचन, ज्ञानी के दृष्टाँतों को और पहेली भरी बातों को समझ सकें। यहोवा का भय मानना ज्ञान का आदि है किन्तु मूर्ख जन तो बुद्धि और अनुशासन को तुच्छ मानते हैं।

नीतिवचन 1:1-7 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

इस्राएल देश के राजा दाऊद के पुत्र, राजा सुलेमान के नीतिवचन; नीतिवचन को पढ़ने वाला मनुष्‍य बुद्धि और शिक्षा प्राप्‍त करे; वह समझ की बातें समझे। उसे व्‍यवहार-कुशलता की शिक्षा प्राप्‍त हो; और वह धर्मयुक्‍त, न्‍यायपूर्ण और निष्‍कपट आचरण करे। जो मनुष्‍य सीधा-सादा है, वह नीतिवचन को पढ़कर चतुर बने; युवकों को समझ और विवेक मिले। बुद्धिमान भी इन वचनों को सुने, और वह अपनी विद्या को बढ़ाए; समझदार व्यक्‍ति जीवन-रूपी नौका को खेने की कुशलता प्राप्‍त करे। इसके द्वारा मनुष्‍य पहेली और दृष्‍टांत का अर्थ जाने, वह बुद्धिमानों की बातों और उनके गूढ़ वचनों को समझे। प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्‍छ समझते हैं।

नीतिवचन 1:1-7 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन: इनके द्वारा पढ़नेवाला बुद्धि और शिक्षा प्राप्त करे, और समझ की बातें समझे, और विवेकपूर्ण जीवन निर्वाह करने में प्रवीणता, और धर्म, न्याय और निष्पक्षता के विषय अनुशासन प्राप्त करे; कि भोलों को चतुराई, और जवान को ज्ञान और विवेक मिले; कि बुद्धिमान सुनकर अपनी विद्या बढ़ाए, और समझदार बुद्धि का उपदेश पाए, जिससे वे नीतिवचन और दृष्टान्त को, और बुद्धिमानों के वचन और उनके रहस्यों को समझें। यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूर्ख लोग ही तुच्छ जानते हैं।

नीतिवचन 1:1-7 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस्राएल के राजा, दावीद के पुत्र शलोमोन की सूक्तियां: ज्ञान और शिक्षा से परिचय के लिए; शब्दों को समझने के निमित्त ज्ञान; व्यवहार कुशलता के लिए निर्देश-प्राप्‍ति, धर्मी, पक्षपात किए बिना तथा न्यायसंगति के लिए; साधारण व्यक्ति को समझ प्रदान करने के लिए, युवाओं को ज्ञान और निर्णय-बुद्धि प्रदान करने के लिए. बुद्धिमान इन्हें सुनकर अपनी बुद्धि को बढ़ाए, समझदार व्यक्ति बुद्धिमानी का परामर्श प्राप्‍त करे; कि वह सूक्ति तथा दृष्टांत को, बुद्धिमानों की योजना को और उनके रहस्यों को समझ सके. याहवेह के प्रति श्रद्धा ही ज्ञान का प्रारम्भ-बिंदु है, मूर्ख हैं वे, जो ज्ञान और अनुशासन को तुच्छ मानते हैं.

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