फिलिप्पियों 3:7-10

फिलिप्पियों 3:7-10 पवित्र बाइबल (HERV)

किन्तु तब जो मेरा लाभ था, आज उसी को मसीह के लिये मैं अपनी हानि समझाता हूँ। इससे भी बड़ी बात यह है कि मैं अपने प्रभु मसीह यीशु के ज्ञान की श्रेष्ठता के कारण आज तक सब कुछ को हीन समझाता हूँ। उसी के लिए मैंने सब कुछ का त्याग कर दिया है और मैं सब कुछ को घृणा की वस्तु समझने लगा हूँ ताकि मसीह को पा सकूँ। और उसी में पाया जा सकूँ-मेरी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था के विधान पर टिकी थी, बल्कि उस धार्मिकता के कारण जो मसीह में विश्वास के कारण मिलती है, जो परमेश्वर से मिलती है और जिसका आधार विश्वास है। मैं मसीह को जानना चाहता हूँ और उस शक्ति का अनुभव करना चाहता हूँ जिससे उसका पुनरुत्थान हुआ था। मैं उसकी यातनाओं का भी सहभागी होना चाहता हूँ। और उसी रूप को पा लेना चाहता हूँ जिसे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा पाया था।

फिलिप्पियों 3:7-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

किन्‍तु मैं जिन बातों को लाभ समझता था, उन्‍हें मसीह के कारण हानि समझने लगा हूँ। इतना ही नहीं, मैं अपने प्रभु येशु मसीह को जानना सर्वश्रेष्‍ठ लाभ मानता हूँ और इस ज्ञान की तुलना में हर वस्‍तु को हानि ही मानता हूँ। उन्‍हीं के लिए मैंने सब कुछ छोड़ दिया है और उसे कूड़ा समझता हूँ, जिससे मैं मसीह को प्राप्‍त करूँ और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्‍यवस्‍था के पालन से मिलती है, बल्‍कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्‍वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्‍वर है और उसका आधार विश्‍वास है। मैं यह चाहता हूँ कि मसीह को जान लूँ। उनके पुनरुत्‍थान के सामर्थ्य का अनुभव करूँ और मृत्‍यु में उनके सदृश बन कर उनके दु:खभोग का सहभागी बन जाऊं

फिलिप्पियों 3:7-10 Hindi Holy Bible (HHBD)

परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। और मैं उस को और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।

फिलिप्पियों 3:7-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। वरन् मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूँ। जिसके कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूँ, जिससे मैं मसीह को प्राप्‍त करूँ और उसमें पाया जाऊँ; न कि अपनी उस धार्मिकता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन् उस धार्मिकता के साथ जो मसीह पर विश्‍वास करने के कारण है और परमेश्‍वर की ओर से विश्‍वास करने पर मिलती है; ताकि मैं उसको और उसके मृत्युञ्जय की सामर्थ्य को, और उसके साथ दु:खों में सहभागी होने के मर्म को जानूँ, और उसकी मृत्यु की समानता को प्राप्‍त करूँ

फिलिप्पियों 3:7-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

परन्तु जो-जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्हीं को मैंने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। वरन् मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूँ। जिसके कारण मैंने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूँ, ताकि मैं मसीह को प्राप्त करूँ। और उसमें पाया जाऊँ; न कि अपनी उस धार्मिकता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन् उस धार्मिकता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है, ताकि मैं उसको और उसके पुनरुत्थान की सामर्थ्य को, और उसके साथ दुःखों में सहभागी होने के मर्म को जानूँ, और उसकी मृत्यु की समानता को प्राप्त करूँ।

फिलिप्पियों 3:7-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जो कुछ मेरे लिए लाभदायक था, मैंने उसे मसीह के लिए अपनी हानि मान लिया है. इससे कहीं अधिक बढ़कर मसीह येशु मेरे प्रभु को जानने के उत्तम महत्व के सामने मैंने सभी वस्तुओं को हानि मान लिया है—वास्तव में मैंने इन्हें कूड़ा मान लिया है कि मैं मसीह को प्राप्‍त कर सकूं और मैं उनमें स्थिर हो जाऊं, जिनके लिए मैंने सभी वस्तुएं खो दीं हैं. अब मेरी अपनी धार्मिकता वह नहीं जो व्यवस्था के पालन से प्राप्‍त होती है परंतु वह है, जो मसीह में विश्वास द्वारा प्राप्‍त होती है—परमेश्वर की ओर से विश्वास की धार्मिकता. ताकि मैं उनकी मृत्यु की समानता में होकर उन्हें, उनके पुनरुत्थान का सामर्थ्य तथा उनकी पीड़ा की सहभागिता को जानूं