फिलिप्पियों 1:12-21

फिलिप्पियों 1:12-21 पवित्र बाइबल (HERV)

हे भाईयों, मैं तुम्हें जना देना चाहता हूँ कि मेरे साथ जो कुछ हुआ है, उससे सुसमाचार को बढ़ावा ही मिला है। परिणामस्वरूप संसार के समूचे सुरक्षा दल तथा अन्य सभी लोगों को यह पता चल गया है कि मुझे मसीह का अनुयायी होने के कारण ही बंदी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त प्रभु में स्थित अधिकतर भाई मेरे बंदी होने के कारण उत्साहित हुए हैं और अधिकाधिक साहस के साथ सुसमाचार को निर्भयतापूर्वक सुना रहे हैं। यह सत्य है कि उनमें से कुछ ईर्ष्या और बैर के कारण मसीह का उपदेश देते हैं किन्तु दूसरे लोग सदभावना से प्रेरित होकर मसीह का उपदेश देते हैं। ये लोग प्रेम के कारण ऐसा करते हैं क्योंकि ये जानते हैं कि परमेश्वर ने सुसमाचार का बचाव करने के लिए ही मुझे यहाँ रखा है। किन्तु कुछ और लोग तो सच्चाई के साथ नहीं, बल्कि स्वार्थ पूर्ण इच्छा से मसीह का प्रचार करते है क्योंकि वे सोचते हैं कि इससे वे बंदीगृह में मेरे लिए कष्ट पैदा कर सकेंगे। किन्तु इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। महत्वपूर्ण तो यह है कि एक ढंग से या दूसरे ढंग से, चाहे बुरा उद्देश्य हो, चाहे भला प्रचार तो मसीह का ही होता है और इससे मुझे आनन्द मिलता है और आनन्द मिलता ही रहेगा। क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम्हारी प्रार्थनाओं के द्वारा और उस सहायता से जो यीशु मसीह की आत्मा से प्राप्त होती है, परिणाम में मेरी रिहाई ही होगी। मेरी तीव्र इच्छा और आशा यही है और मुझे इसका विश्वास है कि मैं किसी भी बात से निराश नहीं होऊँगा बल्कि पूर्ण निर्भयता के साथ जैसे मेरे देह से मसीह की महिमा सदा होती रही है, वैसे ही आगे भी होती रहेगी, चाहे मैं जीऊँ और चाहे मर जाऊँ। क्योंकि मेरे जीवन का अर्थ है मसीह और मृत्यु का अर्थ है एक उपलब्धि।

फिलिप्पियों 1:12-21 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूँ कि मुझ पर जो बीता है, वह शुभ समाचार के प्रचार में बाधक नहीं बल्‍कि सहायक सिद्ध हुआ। राजभवन और जनसाधारण में यह बात अब सब जगह फैल गयी है कि मैं मसीह के कारण बन्‍दी हूँ। अधिकांश भाई-बहिनों को मेरी कैद से बल मिला है। वे प्रभु पर भरोसा रख कर पहले से अधिक साहस के साथ निर्भीकता से परमेश्‍वर का वचन सुनाते हैं। कुछ लोग तो ईष्‍र्या एवं स्‍पर्द्धा से ऐसा करते हैं और कुछ लोग सद्भाव से मसीह का प्रचार करते हैं। ये लोग प्रेम से प्रेरित हो कर ऐसा करते हैं। ये जानते हैं कि मैं शुभ समाचार की रक्षा के कारण कैदी हूँ। किन्‍तु वे दूसरे लोग प्रतिस्‍पर्द्धा से प्रेरित हो कर शुद्ध उद्देश्‍य से मसीह का प्रचार नहीं करते। वे समझते हैं कि वे इस प्रकार मेरी कैद को और भारी बना देंगे। लेकिन इससे क्‍या? बहाने से हो या सच्‍चाई से, चाहे जिस प्रकार हो, मसीह का प्रचार तो हो रहा है। मैं इसी से आनन्‍दित हूँ। और मैं आनन्‍द मनाता ही रहूँगा, क्‍योंकि मैं जानता हूँ कि आपकी प्रार्थनाओं और येशु मसीह के आत्‍मा की सहायता द्वारा इन सब बातों का परिणाम यह होगा कि मैं मुक्‍त हो जाऊंगा। मेरी हार्दिक अभिलाषा और आशा यह है कि मुझे किसी बात पर लज्‍जित नहीं होना पड़े, वरन् मैं पूर्ण निर्भीकता से बोलूँ, जिससे सदा की भांति अब भी-चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊं-मसीह मेरी देह द्वारा महिमान्‍वित हों। मेरे लिए तो जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है!

फिलिप्पियों 1:12-21 Hindi Holy Bible (HHBD)

हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं। और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं। कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से। कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं। और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें। सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और आनन्दित रहूंगा भी। क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा। मैं तो यही हादिर्क लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्ज़ित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं। क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है।

फिलिप्पियों 1:12-21 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हे भाइयो, मैं चाहता हूँ कि तुम यह जान लो कि मुझ पर जो बीता है, उससे सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। यहाँ तक कि कैसर के राजभवन की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूँ; और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से अधिकांश मेरे कैद होने के कारण, हियाव बाँध कर परमेश्‍वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी साहस करते हैं। कुछ तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कुछ भली इच्छा से। कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूँ, प्रेम से प्रचार करते हैं। और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह सोचकर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें। तो क्या हुआ? केवल यह कि हर प्रकार से, चाहे बहाने से चाहे सच्‍चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इससे आनन्दित हूँ और आनन्दित रहूँगा भी। क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम्हारी विनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा, इसका प्रतिफल मेरा उद्धार होगा। मैं तो यही हार्दिक लालसा और आशा रखता हूँ कि मैं किसी बात में लज्जित न होऊँ, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसी ही अब भी हो, चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ। क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है।

फिलिप्पियों 1:12-21 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हे भाइयों, मैं चाहता हूँ, कि तुम यह जान लो कि मुझ पर जो बीता है, उससे सुसमाचार ही की उन्नति हुई है। (2 तीमु. 2:9) यहाँ तक कि कैसर के राजभवन की सारे सैन्य-दल और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूँ, और प्रभु में जो भाई हैं, उनमें से अधिकांश मेरे कैद होने के कारण, साहस बाँधकर, परमेश्वर का वचन बेधड़क सुनाने का और भी साहस करते हैं। कुछ तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कुछ भली मनसा से। (फिलि. 2:3) कई एक तो यह जानकर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूँ प्रेम से प्रचार करते हैं। और कई एक तो सिधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझकर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें। तो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इससे आनन्दित हूँ, और आनन्दित रहूँगा भी। क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम्हारी विनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा, इसका प्रतिफल, मेरा उद्धार होगा। (रोम. 8:28) मैं तो यही हार्दिक लालसा और आशा रखता हूँ कि मैं किसी बात में लज्जित न होऊँ, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ। क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है।

फिलिप्पियों 1:12-21 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

प्रिय भाई बहनो, अब मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि मुझसे संबंधित हर एक परिस्थिति के कारण ईश्वरीय सुसमाचार के प्रचार में प्रगति ही हुई है. परिणामस्वरूप कारागार के पहरेदार और अन्य सभी यह जान गए हैं कि मैं मसीह के लिए बंदी हूं. मेरे बंदी होने के कारण प्रभु में अधिकांश साथी भाई बहन परमेश्वर का वचन साहस, तत्परता तथा निडरतापूर्वक सुनाने के लिए पहले से कहीं अधिक उत्साही हो गए हैं. यह सच है कि कुछ लोग तो मसीह का प्रचार जलन और होड़ के कारण करते हैं, किंतु कुछ अन्य भलाई के कारण. ये वे हैं, जो यह प्रेम के लिए करते हैं क्योंकि ये जानते हैं कि मेरा चुनाव ईश्वरीय सुसमाचार की रक्षा के लिए हुआ है. अन्य वे हैं, जो मसीह के ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार निश्छल भाव की बजाय अपने स्वार्थ में इस उद्देश्य से करते हैं कि इससे वे कारागार में मेरे दुःखों को बढ़ा सकें. तो क्या हुआ? हर तरह मसीह ही का प्रचार किया जाता है, चाहे दिखावे से या सच्चाई के भाव से. इससे तो मैं आनंदित ही होता हूं. हां, और मैं आनंदित होता रहूंगा, क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम्हारी प्रार्थनाओं और मसीह येशु के आत्मा की सहायता से मैं मुक्त हो जाऊंगा. मेरी हार्दिक इच्छा और आशा यह है कि मैं किसी भी परिस्थिति में लज्जित न होऊं, परंतु हमेशा की तरह अब भी निडरता में मेरे शरीर से, चाहे जीवित अवस्था में या मृत अवस्था में, मसीह की महिमा होती रहें. इसलिये कि मेरे लिए जीवित रहना मसीह है और मृत्यु लाभ है.