मारकुस 6:45-56

मारकुस 6:45-56 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर उसने अपने चेलों को तुरंत नाव पर चढ़ाया ताकि जब तक वह भीड़ को बिदा करे, वे उससे पहले ही परले पार बैतसैदा चले जायें। उन्हें बिदा करके, प्रार्थना करने के लिये वह पहाड़ी पर चला गया। और जब शाम हुई तो नाव झील के बीचों-बीच थी और वह अकेला धरती पर था। उसने देखा कि उन्हें नाव खेना भारी पड़ रहा था। क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी। लगभग रात के चौथे पहर वह झील पर चलते हुए उनके पास आया। वह उनके पास से निकलने को ही था। उन्होंने उसे झील पर चलते देखा सोचा कि वह कोई भूत है। और उनकी चीख निकल गयी। क्योंकि सभी ने उसे देखा था और वे सहम गये थे। तुरंत उसने उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “साहस रखो, यह मैं हूँ! डरो मत!” फिर वह उनके साथ नाव पर चढ़ गया और हवा थम गयी। इससे वे बहुत चकित हुए। वे रोटियों के आश्चर्य कर्म के विषय में समझ नहीं पाये थे। उनकी बुद्धि जड़ हो गयी थी। झील पार करके वे गन्नेसरत पहुँचे। उन्होंने नाव बाँध दी। जब वे नाव से उतर कर बाहर आये तो लोग यीशु को पहचान गये। फिर वे बीमारों को खाटों पर डाले समूचे क्षेत्र में जहाँ कहीं भी, उन्होंने सुना कि वह है, उन्हें लिये दौड़ते फिरे। वह गावों में, नगरों में या बस्तियों में, जहाँ कहीं भी जाता, लोग अपने बीमारों को बाज़ारों में रख देते और उससे विनती करते कि वह अपने वस्त्र का बस कोई सिरा ही उन्हें छू लेने दे। और जो भी उसे छू पाये, सब चंगे हो गये।

मारकुस 6:45-56 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

इसके तुरन्‍त बाद येशु ने अपने शिष्‍यों को इसके लिए बाध्‍य किया कि वे नाव पर चढ़कर उन से पहले उस पार, बेतसैदा गाँव चले जाएँ। इतने में वह स्‍वयं लोगों को विदा कर देंगे। तब येशु उन्‍हें विदा कर पहाड़ी पर प्रार्थना करने चले गये। सन्‍ध्‍या हो गयी थी। नाव झील के बीच में थी और येशु अकेले स्‍थल पर थे। येशु ने देखा कि शिष्‍य बड़ी कठिनाई से नाव खे रहे हैं, क्‍योंकि वायु प्रतिकूल थी। इसलिए वे रात के लगभग चौथे पहर झील पर चलते हुए उनकी ओर आए। वह उनसे कतरा कर आगे निकल जाना चाहते थे। शिष्‍यों ने उन्‍हें झील पर चलते देखा। वे उन्‍हें प्रेत समझ कर चिल्‍ला उठे, क्‍योंकि सब-के-सब उन्‍हें देख कर घबरा गये थे। पर येशु तुरन्‍त उनसे बोले, “धैर्य रखो, मैं हूँ। डरो मत।” तब वह उनके पास आ कर नाव पर चढ़े और वायु थम गयी। शिष्‍य आश्‍चर्य-चकित रह गये, क्‍योंकि वे रोटियों से संबंधित घटना नहीं समझ पाए थे। उनका हृदय कठोर हो गया था। वे झील को पार कर गिनेसरेत के सीमा-क्षेत्र में पहुँचे। उन्‍होंने नाव किनारे लगा दी। ज्‍यों ही वे भूमि पर उतरे, लोगों ने येशु को पहचान लिया। वे उस सारे प्रदेश में दौड़ गए, और जहाँ-जहाँ उन्‍होंने सुना कि वह हैं, वहाँ वे चारपाइयों पर पड़े रोगियों को उनके पास लाने लगे। गाँव, नगर या बस्‍ती, जहाँ कहीं भी येशु आते, वहाँ लोग रोगियों को सार्वजनिक स्‍थानों पर रख कर उनसे अनुनय-विनय करते थे कि वह उन्‍हें अपने वस्‍त्र का सिरा ही छूने दें। जितनों ने उनका स्‍पर्श किया, वे सब-के-सब स्‍वस्‍थ्‍य हो गये।

मारकुस 6:45-56 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब उस ने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढाया, कि वे उस से पहिले उस पार बैतसैदा को चले जांए, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। और उन्हें विदा करके पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया। और जब सांझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था। और जब उस ने देखा, कि वे खेते खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरूद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उन के पास आया; और उन से आगे निकल जाना चाहता था। परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा, कि भूत है, और चिल्ला उठे, क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे। पर उस ने तुरन्त उन से बातें कीं और कहा; ढाढ़स बान्धो: मैं हूं; डरो मत। तब वह उन के पास नाव पर आया, और हवा थम गई: और वे बहुत ही आश्चर्य करने लगे। क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में ने समझे थे परन्तु उन के मन कठोर हो गए थे॥ और वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुंचे, और नाव घाट पर लगाई। और जब वे नाव पर से उतरे, तो लोग तुरन्त उस को पहचान कर। आसपास के सारे देश में दोड़े, और बीमारों को खाटों पर डालकर, जहां जहां समाचार पाया कि वह है, वहां वहां लिए फिरे। और जहां कहीं वह गांवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, तो लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उस से बिनती करते थे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आंचल ही को छू लेने दे: और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे॥

मारकुस 6:45-56 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब उसने तुरन्त अपने चेलों को नाव पर चढ़ने के लिये विवश किया कि वे उससे पहले उस पार बैतसैदा को चले जाएँ, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। उन्हें विदा करके वह पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया। जब साँझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था। जब उसने देखा कि वे खेते खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उनके पास आया; और उनसे आगे निकल जाना चाहता था। परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा कि भूत है, और चिल्‍ला उठे; क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे। पर उसने तुरन्त उनसे बातें कीं और कहा, “ढाढ़स बाँधो : मैं हूँ; डरो मत!” तब वह उनके पास नाव पर आया, और हवा थम गई : और वे बहुत ही आश्‍चर्य करने लगे। वे उन रोटियों के विषय में न समझे थे, क्योंकि उनके मन कठोर हो गए थे। वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुँचे, और नाव घाट पर लगाई। जब वे नाव पर से उतरे, तो लोग तुरन्त उसको पहचान कर, आसपास के सारे देश में दौड़े, और बीमारों को खाटों पर डालकर, जहाँ–जहाँ समाचार पाया कि वह है, वहाँ–वहाँ लिये फिरे। और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे : और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे।

मारकुस 6:45-56 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब उसने तुरन्त अपने चेलों को विवश किया कि वे नाव पर चढ़कर उससे पहले उस पार बैतसैदा को चले जाएँ, जब तक कि वह लोगों को विदा करे। और उन्हें विदा करके पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया। और जब साँझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था। और जब उसने देखा, कि वे खेते-खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उनके पास आया; और उनसे आगे निकल जाना चाहता था। परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा, कि भूत है, और चिल्ला उठे, क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे। पर उसने तुरन्त उनसे बातें की और कहा, “धैर्य रखो: मैं हूँ; डरो मत।” तब वह उनके पास नाव पर आया, और हवा थम गई: वे बहुत ही आश्चर्य करने लगे। क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में न समझे थे परन्तु उनके मन कठोर हो गए थे। और वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुँचे, और नाव घाट पर लगाई। और जब वे नाव पर से उतरे, तो लोग तुरन्त उसको पहचानकर, आस-पास के सारे देश में दौड़े, और बीमारों को खाटों पर डालकर, जहाँ-जहाँ समाचार पाया कि वह है, वहाँ-वहाँ लिए फिरे। और जहाँ कहीं वह गाँवों, नगरों, या बस्तियों में जाता था, तो लोग बीमारों को बाजारों में रखकर उससे विनती करते थे, कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छू लेने दे: और जितने उसे छूते थे, सब चंगे हो जाते थे।

मारकुस 6:45-56 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तुरंत ही मसीह येशु ने शिष्यों को जबरन नाव पर बैठा उन्हें अपने से पहले दूसरे किनारे पर स्थित नगर बैथसैदा पहुंचने के लिए विदा किया—वह स्वयं भीड़ को विदा कर रहे थे. उन्हें विदा करने के बाद वह प्रार्थना के लिए पर्वत पर चले गए. रात हो चुकी थी. नाव झील के मध्य में थी. मसीह येशु किनारे पर अकेले थे. मसीह येशु देख रहे थे कि हवा उल्टी दिशा में चलने के कारण शिष्यों को नाव खेने में कठिन प्रयास करना पड़ रहा था. रात के चौथे प्रहर मसीह येशु झील की सतह पर चलते हुए उनके पास जा पहुंचे और ऐसा अहसास हुआ कि वह उनसे आगे निकलना चाह रहे थे. उन्हें जल सतह पर चलता देख शिष्य समझे कि कोई दुष्टात्मा है और वे चिल्ला उठे क्योंकि उन्हें देख वे भयभीत हो गए थे. इस पर मसीह येशु ने कहा, “मैं हूं! मत डरो! साहस मत छोड़ो!” यह कहते हुए वह उनकी नाव में चढ़ गए और वायु थम गई. शिष्य इससे अत्यंत चकित रह गए. रोटियों की घटना अब तक उनकी समझ से परे थी. उनके हृदय निर्बुद्धि जैसे हो गए थे. झील पार कर वे गन्‍नेसरत प्रदेश में पहुंच गए. उन्होंने नाव वहीं लगा दी. मसीह येशु के नाव से उतरते ही लोगों ने उन्हें पहचान लिया. जहां कहीं भी मसीह येशु होते थे, लोग दौड़-दौड़ कर बिछौनों पर रोगियों को वहां ले आते थे. मसीह येशु जिस किसी नगर, गांव या बाहरी क्षेत्र में प्रवेश करते थे, लोग रोगियों को सार्वजनिक स्थलों में लिटा कर उनसे विनती करते थे कि उन्हें उनके वस्त्र के छोर का स्पर्श मात्र ही कर लेने दें. जो कोई उनके वस्त्र का स्पर्श कर लेता था, स्वस्थ हो जाता था.