मारकुस 11:15-18
मारकुस 11:15-18 पवित्र बाइबल (HERV)
फिर वे यरूशलेम को चल पड़े। जब उन्होंने मन्दिर में प्रवेश किया तो यीशु ने उन लोगों को जो मन्दिर में ले बेच कर रहे थे, बाहर निकालना शुरु कर दिया। उसने पैसे का लेन देन करने वालों की चौकियाँ उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के तख्त पलट दिये। और उसने मन्दिर में से किसी को कुछ भी ले जाने नहीं दिया। फिर उसने शिक्षा देते हुए उनसे कहा, “क्या शास्त्रों में यह नहीं लिखा है, ‘मेरा घर सभी जाति के लोगों के लिये प्रार्थना-गृह कहलायेगा?’ किन्तु तुमने उसे ‘चोरों का अड्डा’ बना दिया है।” जब प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों ने यह सुना तो वे उसे मारने का कोई रास्ता ढूँढने लगे। क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके उपदेश से चकित थे। इसलिए वे उससे डरते थे।
मारकुस 11:15-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
तब येशु और उनके शिष्य यरूशलेम आए। येशु ने मन्दिर में प्रवेश किया और मन्दिर में क्रय-विक्रय करने वालों को वहाँ से बाहर निकालने लगे। उन्होंने सराफों की मेजें और कबूतर बेचने वालों की चौकियाँ उलट दीं और किसी को भी मन्दिर से होकर सामान आदि ले जाने नहीं दिया। उन्होंने लोगों को शिक्षा देते हुए कहा, “क्या धर्मग्रन्थ में यह नहीं लिखा है : ‘मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलाएगा’? परन्तु तुम लोगों ने उसे लुटेरों का अड्डा बना दिया है।” महापुरोहितों तथा शास्त्रियों ने यह सुना, तो वे येशु का विनाश करने का उपाय ढूँढ़ने लगे। पर वे उन से डरते थे, क्योंकि समस्त जनसमुदाय येशु की शिक्षा से चकित था।
मारकुस 11:15-18 Hindi Holy Bible (HHBD)
फिर वे यरूशलेम में आए, और वह मन्दिर में गया; और वहां जो लेन-देन कर रहे थे उन्हें बाहर निकालने लगा, और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं। और मन्दिर में से होकर किसी को बरतन लेकर आने जाने न दिया। और उपदेश करके उन से कहा, क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है। यह सुनकर महायाजक और शास्त्री उसके नाश करने का अवसर ढूंढ़ने लगे; क्योंकि उस से डरते थे, इसलिये कि सब लोग उसके उपदेश से चकित होते थे॥
मारकुस 11:15-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
फिर वे यरूशलेम में आए, और वह मन्दिर में गया; और वहाँ जो लेन–देन कर रहे थे उन्हें बाहर निकालने लगा, और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर बेचनेवालों की चौकियाँ उलट दीं, और मन्दिर में से किसी को बरतन लेकर आने जाने न दिया। और उपदेश करके उनसे कहा, “क्या यह नहीं लिखा है कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है ।” यह सुनकर प्रधान याजक और शास्त्री उसके नाश करने का अवसर ढूँढ़ने लगे; क्योंकि वे उससे डरते थे, इसलिये कि सब लोग उसके उपदेश से चकित होते थे।
मारकुस 11:15-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
फिर वे यरूशलेम में आए, और वह मन्दिर में गया; और वहाँ जो लेन-देन कर रहे थे उन्हें बाहर निकालने लगा, और सर्राफों की मेजें और कबूतर के बेचनेवालों की चौकियाँ उलट दीं। और मन्दिर में से होकर किसी को बर्तन लेकर आने-जाने न दिया। और उपदेश करके उनसे कहा, “क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है।” (लूका 19:46, यिर्म. 7:11) यह सुनकर प्रधान याजक और शास्त्री उसके नाश करने का अवसर ढूँढ़ने लगे; क्योंकि उससे डरते थे, इसलिए कि सब लोग उसके उपदेश से चकित होते थे।
मारकुस 11:15-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
वे येरूशलेम पहुंचे और मसीह येशु ने मंदिर में जाकर उन सभी को मंदिर से बाहर निकाल दिया, जो वहां लेनदेन कर रहे थे. साथ ही येशु ने साहूकारों की चौकियां उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के आसनों को पलट दिया. मसीह येशु ने किसी को भी मंदिर में बेचने का सामान लेकर आने जाने की अनुमति न दी. वहां शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने कहा, “क्या पवित्र शास्त्र में तुमने यह नहीं पढ़ा: ‘सारे राष्ट्रों के लिए मेरा भवन प्रार्थना का भवन होगा’? और यहां तुमने इसे डाकुओं की ‘गुफ़ा बना रखा है.’” इस घटना के विषय में मालूम होने पर प्रधान पुरोहित तथा शास्त्री मसीह येशु की हत्या की युक्ति खोजने लगे. उन्हें भीड़ का भय था क्योंकि मसीह येशु की शिक्षा से भीड़ प्रभावित थी.