मारकुस 10:2-16

मारकुस 10:2-16 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर कुछ फ़रीसी उसके पास आये और उससे पूछा, “क्या किसी पुरुष के लिये उचित है कि वह अपनी पत्नी को तलाक दे?” उन्होंने उसकी परीक्षा लेने के लिये उससे यह पूछा था। उसने उन्हें उत्तर दिया, “मूसा ने तुम्हें क्या नियम दिया है?” उन्होंने कहा, “मूसा ने किसी पुरुष को त्यागपत्र लिखकर पत्नी को त्यागने की अनुमति दी थी।” यीशु ने उनसे कहा, “मूसा ने तुम्हारे लिए यह आज्ञा इसलिए लिखी थी कि तुम्हें कुछ भी समझ में नहीं आ सकता। सृष्टि के प्रारम्भ से ही, ‘परमेश्वर ने उन्हें पुरुष और स्त्री के रूप में रचा है।’ ‘इसीलिये एक पुरुष अपने माता-पिता को छोड़ कर अपनी पत्नी के साथ रहेगा। और वे दोनों एक तन हो जायेंगे।’ इसलिए वे दो नहीं रहते बल्कि एक तन हो जाते हैं। इसलिये जिसे परमेश्वर ने मिला दिया है, उसे मनुष्य को अलग नहीं करना चाहिए।” फिर वे जब घर लौटे तो शिष्यों ने यीशु से इस विषय में पूछा। उसने उनसे कहा, “जो कोई अपनी पत्नी को तलाक दे कर दूसरी स्त्री से ब्याह रचाता है, वह उस पत्नी के प्रति व्यभिचार करता है। और यदि वह स्त्री अपने पति का त्याग करके दूसरे पुरुष से ब्याह करती है तो वह व्यभिचार करती है।” फिर लोग यीशु के पास नन्हें-मुन्ने बच्चों को लाने लगे ताकि वह उन्हें छू कर आशीष दे। किन्तु उसके शिष्यों ने उन्हें झिड़क दिया। जब यीशु ने यह देखा तो उसे बहुत क्रोध आया। फिर उसने उनसे कहा, “नन्हे-मुन्ने बच्चों को मेरे पास आने दो। उन्हें रोको मत क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जो कोई परमेश्वर के राज्य को एक छोटे बच्चे की तरह नहीं अपनायेगा, उसमें कभी प्रवेश नहीं करेगा।” फिर उन बच्चों को यीशु ने गोद में उठा लिया और उनके सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीष दी।

मारकुस 10:2-16 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

फरीसी सम्‍प्रदाय के सदस्‍य येशु के पास आए और उनकी परीक्षा लेने के उद्देश्‍य से उन्‍होंने यह प्रश्‍न किया, “क्‍या अपनी पत्‍नी का परित्‍याग करना पुरुष के लिए उचित है?” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “मूसा ने तुम्‍हें क्‍या आदेश दिया है?” उन्‍होंने कहा, “मूसा ने तो त्‍यागपत्र लिख कर पत्‍नी का परित्‍याग करने की अनुमति दी है।” येशु ने उन से कहा, “उन्‍होंने तुम्‍हारे हृदय की कठोरता के कारण ही यह आदेश लिखा है। किन्‍तु सृष्‍टि के आरम्‍भ ही से परमेश्‍वर ने उन्‍हें नर और नारी बनाया; इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़ेगा और अपनी पत्‍नी के साथ ही रहेगा और वे दोनों एक शरीर होंगे। इस प्रकार अब वे दो नहीं, बल्‍कि एक शरीर हैं। इसलिए जिसे परमेश्‍वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्‍य अलग नहीं करे।” शिष्‍यों ने, घर पहुँच कर, इस सम्‍बन्‍ध में येशु से फिर प्रश्‍न किया और उन्‍होंने यह उत्तर दिया, “जो अपनी पत्‍नी का परित्‍याग करता और किसी दूसरी स्‍त्री से विवाह करता है, वह पहली के विरुद्ध व्‍यभिचार करता है। और यदि पत्‍नी अपने पति का परित्‍याग करती और किसी दूसरे पुरुष से विवाह करती है, तो वह भी व्‍यभिचार करती है।” कुछ लोग येशु के पास बच्‍चों को लाए कि वह उन्‍हें स्‍पर्श करें; परन्‍तु शिष्‍यों ने लोगों को डाँटा। येशु यह देख कर बहुत अप्रसन्न हुए और उन्‍होंने कहा, “बच्‍चों को मेरे पास आने दो। उन्‍हें मत रोको, क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य उन-जैसे लोगों का ही है। मैं तुम से सच कहता हूँ; जो मनुष्‍य छोटे बालक की तरह परमेश्‍वर का राज्‍य ग्रहण नहीं करता, वह उस में प्रवेश नहीं करेगा।” तब येशु ने बच्‍चों को गोद में लिया और उन पर हाथ रख कर उन्‍हें आशीर्वाद दिया।

मारकुस 10:2-16 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब फरीसियों ने उसके पास आकर उस की परीक्षा करने को उस से पूछा, क्या यह उचित है, कि पुरूष अपनी पत्नी को त्यागे? उस ने उन को उत्तर दिया, कि मूसा ने तुम्हें क्या आज्ञा दी है? उन्होंने कहा, मूसा ने त्याग पत्र लिखने और त्यागने की आज्ञा दी है। यीशु ने उन से कहा, कि तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उस ने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। पर सृष्टि के आरम्भ से परमेश्वर ने नर और नारी करके उन को बनाया है। इस कारण मनुष्य अपने माता-पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे। इसलिये वे अब दो नहीं पर एक तन हैं। इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे। और घर में चेलों ने इस के विषय में उस से फिर पूछा। उस ने उन से कहा, जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से ब्याह करे तो वह उस पहिली के विरोध में व्यभिचार करता है। और यदि पत्नी अपने पति को छोड़कर दूसरे से ब्याह करे, तो वह व्यभिचार करती है। फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उन को डांटा। यीशु ने यह देख क्रुध होकर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है। मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाईं ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा। और उस ने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी॥

मारकुस 10:2-16 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब फरीसियों ने उसके पास आकर उसकी परीक्षा करने को उससे पूछा, “क्या यह उचित है कि पुरुष अपनी पत्नी को त्यागे?” उसने उनको उत्तर दिया, “मूसा ने तुम्हें क्या आज्ञा दी है?” उन्होंने कहा, “मूसा ने त्याग–पत्र लिखने और त्यागने की आज्ञा दी है।” यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। पर सृष्‍टि के आरम्भ से परमेश्‍वर ने नर और नारी करके उनको बनाया है। इस कारण मनुष्य अपने माता–पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे; इसलिये वे अब दो नहीं पर एक तन हैं। इसलिये जिसे परमेश्‍वर ने जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे।” घर में चेलों ने इसके विषय में उससे फिर पूछा। उसने उनसे कहा, “जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से विवाह करे तो वह उस पहली के विरोध में व्यभिचार करता है; और यदि पत्नी अपने पति को छोड़कर दूसरे से विवाह करे तो वह व्यभिचार करती है। ” फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उनको डाँटा। यीशु ने यह देख क्रुद्ध होकर उन से कहा, “बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य ऐसों ही का है। मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई परमेश्‍वर के राज्य को बालक के समान ग्रहण न करे, वह उसमें कभी प्रवेश करने न पाएगा ।” और उसने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी।

मारकुस 10:2-16 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब फरीसियों ने उसके पास आकर उसकी परीक्षा करने को उससे पूछा, “क्या यह उचित है, कि पुरुष अपनी पत्नी को त्यागे?” उसने उनको उत्तर दिया, “मूसा ने तुम्हें क्या आज्ञा दी है?” उन्होंने कहा, “मूसा ने त्याग-पत्र लिखने और त्यागने की आज्ञा दी है।” (व्यव. 24:1-3) यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। पर सृष्टि के आरम्भ से, परमेश्वर ने नर और नारी करके उनको बनाया है। (उत्प. 1:27, उत्प. 5:2) इस कारण मनुष्य अपने माता-पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे; इसलिए वे अब दो नहीं, पर एक तन हैं। (उत्प. 2:24) इसलिए जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।” और घर में चेलों ने इसके विषय में उससे फिर पूछा। उसने उनसे कहा, “जो कोई अपनी पत्नी को त्याग कर दूसरी से विवाह करे तो वह उस पहली के विरोध में व्यभिचार करता है। और यदि पत्नी अपने पति को छोड़कर दूसरे से विवाह करे, तो वह व्यभिचार करती है।” फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे; पर चेलों ने उनको डाँटा। यीशु ने यह देख क्रुद्ध होकर उनसे कहा, “बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की तरह ग्रहण न करे, वह उसमें कभी प्रवेश करने न पाएगा।” और उसने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी।

मारकुस 10:2-16 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

उन्हें परखने के उद्देश्य से कुछ फ़रीसी उनके पास आ गए. उन्होंने मसीह येशु से प्रश्न किया, “क्या पुरुष के लिए पत्नी से तलाक लेना व्यवस्था के अनुसार है?” मसीह येशु ने ही उनसे प्रश्न किया, “तुम्हारे लिए मोशेह का आदेश क्या है?” फ़रीसियों ने उन्हें उत्तर दिया, “मोशेह ने तलाक पत्र लिखकर पत्नी का त्याग करने की अनुमति दी है.” मसीह येशु ने उन्हें समझाया, “तुम्हारे कठोर हृदय के कारण मोशेह ने तुम्हारे लिए यह आज्ञा रखी. किंतु वास्तव में सृष्टि के प्रारंभ ही से परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया. इस कारण पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा तथा वे दोनों एक देह होंगे. वे दोनों एक शरीर हो जाएंगे; परिणामस्वरूप अब वे दोनों दो नहीं परंतु एक शरीर हैं. इसलिये जिन्हें स्वयं परमेश्वर ने जोड़ा है, उन्हें कोई मनुष्य अलग न करे.” जब वे अपने घर लौट आए, शिष्यों ने मसीह येशु से इसके विषय में जानना चाहा. मसीह येशु ने उन्हें समझाया, “यदि कोई अपनी पत्नी से तलाक लेकर अन्य स्त्री से विवाह करता है, वह उस अन्य स्त्री के साथ व्यभिचार करता है. यदि स्वयं स्त्री अपने पति से तलाक लेकर अन्य पुरुष से विवाह कर लेती है, वह भी व्यभिचार करती है.” मसीह येशु को छू लेने के उद्देश्य से लोग बालकों को उनके पास ला रहे थे. इस पर शिष्य उन्हें डांटने लगे. यह देख मसीह येशु ने अप्रसन्‍न होते हुए उनसे कहा, “बालकों को यहां आने दो, उन्हें मेरे पास आने से मत रोको क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है. मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; जो परमेश्वर के राज्य को एक नन्हे बालक के भाव में ग्रहण नहीं करता, उसमें कभी प्रवेश न कर पाएगा.” तब मसीह येशु ने बालकों को अपनी गोद में लिया और उन पर हाथ रख उन्हें आशीर्वाद दिया.