मत्ती 26:1-13
मत्ती 26:1-13 पवित्र बाइबल (HERV)
इन सब बातों के कह चुकने के बाद यीशु अपने शिष्यों से बोला, “तुम लोग जानते हो कि दो दिन बाद फसह पर्व है। और मनुष्य का पुत्र शत्रुओं के हाथों क्रूस पर चढ़ाये जाने के लिए पकड़वाया जाने वाला है।” तब प्रमुख याजक और बुज़ुर्ग यहूदी नेता कैफ़ा नाम के प्रमुख याजक के भवन के आँगन में इकट्ठे हुए। और उन्होंने किसी तरकीब से यीशु को पकड़ने और मार डालने की योजना बनायी। फिर भी वे कह रहे थे, “हमें यह पर्व के दिनों नहीं करना चाहिये नहीं तो हो सकता है लोग कोई दंगा फ़साद करें।” यीशु जब बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर पर था तभी एक स्त्री सफेद चिकने, स्फटिक के पात्र में बहुत कीमती इत्र भर कर लायी और उसे उसके सिर पर उँडेल दिया। उस समय वह पटरे पर झुका बैठा था। जब उसके शिष्यों ने यह देखा तो वे क्रोध में भर कर बोले, “इत्र की ऐसी बर्बादी क्यों की गयी? यह इत्र अच्छे दामों में बेचा जा सकता था और फिर उस धन को दीन दुखियों में बाँटा जा सकता था।” यीशु जान गया कि वे क्या कह रहे हैं। सो उनसे बोला, “तुम इस स्त्री को क्यों तंग कर रहे हो? उसने तो मेरे लिए एक सुन्दर काम किया है क्योंकि दीन दुःखी तो सदा तुम्हारे पास रहेंगे पर मैं तुम्हारे साथ सदा नहीं रहूँगा। उसने मेरे शरीर पर यह सुगंधित इत्र छिड़क कर मेरे गाड़े जाने की तैयारी की है। मैं तुमसे सच कहता हूँ समस्त संसार में जहाँ कहीं भी सुसमाचार का प्रचार-प्रसार किया जायेगा, वहीं इसकी याद में, जो कुछ इसने किया है, उसकी चर्चा होगी।”
मत्ती 26:1-13 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इन सब उपदेशों को समाप्त करने के पश्चात् येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “तुम जानते हो कि दो दिन बाद पास्का (फसह) का पर्व है। तब मानव-पुत्र क्रूस पर चढ़ाये जाने के लिए पकड़वाया जाएगा।” अब काइफा नामक प्रधान महापुरोहित के महल में अन्य महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध एकत्र हुए। उन्होंने आपस में यह परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को छल से गिरफ्तार करें और उन्हें मार डालें। परन्तु वे कहते थे, “पर्व के दिनों में नहीं। कहीं ऐसा न हो कि जनता में दंगा हो जाए।” जब येशु बेतनियाह गाँव में शिमोन कुष्ठरोगी के यहाँ थे, तब एक महिला संगमरमर के पात्र में बहुमूल्य इत्र ले कर आयी। येशु भोजन कर ही रहे थे कि उसने उनके सिर पर इत्र उंडेल दिया। शिष्य यह देख कर झुंझला उठे और बोले, “यह अपव्यय क्यों? यह इत्र ऊंचे दामों पर बिक सकता था और इसकी बिक्री से प्राप्त धनराशि गरीबों में बाँटी जा सकती थी।” येशु को इसका पता चला और उन्होंने उन से कहा, “तुम इस महिला को क्यों तंग कर रहे हो? इसने मेरे लिए भला काम किया है। गरीब तो सदा तुम लोगों के साथ रहेंगे, किन्तु मैं सदा तुम्हारे साथ नहीं रहूँगा। मेरे शरीर पर यह इत्र लगाकर इसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में कार्य किया है। मैं तुम से सच कहता हूँ : सारे संसार में जहाँ कहीं यह शुभ समाचार सुनाया जाएगा, वहाँ इस स्त्री की स्मृति में इसके इस कार्य की भी चर्चा की जाएगी।”
मत्ती 26:1-13 Hindi Holy Bible (HHBD)
जब यीशु ये सब बातें कह चुका, तो अपने चेलों से कहने लगा। तुम जानते हो, कि दो दिन के बाद फसह का पर्व्व होगा; और मनुष्य का पुत्र क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिये पकड़वाया जाएगा। तब महायाजक और प्रजा के पुरिनए काइफा नाम महायाजक के आंगन में इकट्ठे हुए। और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। परन्तु वे कहते थे, कि पर्व्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए। जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर में था। तो एक स्त्री संगमरमर के पात्र में बहुमोल इत्र लेकर उसके पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था, तो उसके सिर पर उण्डेल दिया। यह देखकर, उसके चेले रिसयाए और कहने लगे, इस का क्यों सत्यनाश किया गया? यह तो अच्छे दाम पर बिक कर कंगालों को बांटा जा सकता था। यह जानकर यीशु ने उन से कहा, स्त्री को क्यों सताते हो? उस ने मेरे साथ भलाई की है। कंगाल तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदैव न रहूंगा। उस ने मेरी देह पर जो यह इत्र उण्डेला है, वह मेरे गाढ़े जाने के लिये किया है मैं तुम से सच कहता हूं, कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहां उसके इस काम का वर्णन भी उसके स्मरण में किया जाएगा।
मत्ती 26:1-13 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जब यीशु ये सब बातें कह चुका तो अपने चेलों से कहने लगा, “तुम जानते हो कि दो दिन के बाद फसह का पर्व है, और मनुष्य का पुत्र क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़वाया जाएगा।” तब प्रधान याजक और प्रजा के पुरनिए काइफा नामक महायाजक के आँगन में इकट्ठा हुए, और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। परन्तु वे कहते थे, “पर्व के समय नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए।” जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर में था, तो एक स्त्री संगमरमर के पात्र में बहुमूल्य इत्र लेकर उसके पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था तो उसके सिर पर उंडेल दिया। यह देखकर उसके चेले रिसियाए और कहने लगे, “इसका क्यों सत्यानाश किया गया? इसे तो अच्छे दाम पर बेचकर कंगालों को बाँटा जा सकता था।” यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “स्त्री को क्यों सताते हो? उसने मेरे साथ भलाई की है। कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदैव न रहूँगा। उसने मेरी देह पर जो यह इत्र उंडेला है, वह मेरे गाड़े जाने के लिये किया है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि सारे जगत में जहाँ कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहाँ उसके इस काम का वर्णन भी उसके स्मरण में किया जाएगा।”
मत्ती 26:1-13 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जब यीशु ये सब बातें कह चुका, तो अपने चेलों से कहने लगा। “तुम जानते हो, कि दो दिन के बाद फसह का पर्व होगा; और मनुष्य का पुत्र क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिये पकड़वाया जाएगा।” तब प्रधान याजक और प्रजा के पुरनिए कैफा नामक महायाजक के आँगन में इकट्ठे हुए। और आपस में विचार करने लगे कि यीशु को छल से पकड़कर मार डालें। परन्तु वे कहते थे, “पर्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में दंगा मच जाए।” जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर में था। तो एक स्त्री संगमरमर के पात्र में बहुमूल्य इत्र लेकर उसके पास आई, और जब वह भोजन करने बैठा था, तो उसके सिर पर उण्डेल दिया। यह देखकर, उसके चेले झुँझला उठे और कहने लगे, “इसका क्यों सत्यानाश किया गया? यह तो अच्छे दाम पर बेचकर गरीबों को बाँटा जा सकता था।” यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “स्त्री को क्यों सताते हो? उसने मेरे साथ भलाई की है। गरीब तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदैव न रहूँगा। उसने मेरी देह पर जो यह इत्र उण्डेला है, वह मेरे गाड़े जाने के लिये किया है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि सारे जगत में जहाँ कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, वहाँ उसके इस काम का वर्णन भी उसके स्मरण में किया जाएगा।”
मत्ती 26:1-13 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इस रहस्य के खुलने के बाद येशु ने शिष्यों को देखकर कहा, “यह तो तुम्हें मालूम ही है कि दो दिन बाद फ़सह उत्सव है. इस समय मनुष्य के पुत्र को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए सौंप दिया जाएगा.” दूसरी ओर प्रधान पुरोहित और वरिष्ठ नागरिक कायाफ़स नामक महापुरोहित के घर के आंगन में इकट्ठा हुए. उन्होंने मिलकर येशु को छलपूर्वक पकड़कर उनकी हत्या कर देने का विचार किया. वे यह विचार भी कर रहे थे: “यह फ़सह उत्सव के अवसर पर न किया जाए—कहीं इससे लोगों में बलवा न भड़क उठे.” जब येशु बैथनियाह गांव में शिमओन के घर पर थे—वही शिमओन, जिसे पहले कोढ़ रोग हुआ था, एक स्त्री उनके पास संगमरमर के बर्तन में कीमती इत्र लेकर आई. उसे उसने भोजन के लिए बैठे येशु के सिर पर उंडेल दिया. यह देख शिष्य गुस्सा हो कहने लगे, “यह फिज़ूलखर्ची किस लिए? यह इत्र तो ऊंचे दाम पर बिक सकता था और प्राप्त धनराशि गरीबों में बांटी जा सकती थी.” इस विषय को जानकर येशु ने उन्हें झिड़कते हुए कहा, “क्यों सता रहे हो इस स्त्री को? इसने मेरे हित में एक सराहनीय काम किया है. निर्धन तुम्हारे साथ हमेशा रहेंगे किंतु मैं तुम्हारे साथ हमेशा नहीं रहूंगा. मुझे मेरे अंतिम संस्कार के लिए तैयार करने के लिए इसने यह इत्र मेरे शरीर पर उंडेला है. सच तो यह है कि सारे जगत में जहां कहीं यह सुसमाचार प्रचार किया जाएगा, इस स्त्री के इस कार्य का वर्णन भी इसकी याद में किया जाएगा.”