लूकस 23:50-56
लूकस 23:50-56 पवित्र बाइबल (HERV)
अब वहीं यूसुफ नाम का एक पुरुष था जो यहूदी महासभा का एक सदस्य था। वह एक अच्छा धर्मी पुरुष था। वह उनके निर्णय और उसे काम में लाने के लिये सहमत नहीं था। वह यहूदियों के एक नगर अरमतियाह का निवासी था। वह परमेश्वर के राज्य की बाट जोहा करता था। वह व्यक्ति पिलातुस के पास गया और यीशु के शव की याचना की। उसने शव को क्रूस पर से नीचे उतारा और सन के उत्तम रेशमों के बने कपड़े में उसे लपेट दिया। फिर उसने उसे चट्टान में काटी गयी एक कब्र में रख दिया, जिसमें पहले कभी किसी को नहीं रखा गया था। वह शुक्रवार का दिन था और सब्त का प्रारम्भ होने को था। वे स्त्रियाँ जो गलील से यीशु के साथ आई थीं, यूसुफ के पीछे हो लीं। उन्होंने वह कब्र देखी, और देखा कि उसका शव कब्र में कैसे रखा गया। फिर उन्होंने घर लौट कर सुगंधित सामग्री और लेप तैयार किये। सब्त के दिन व्यवस्था के विधि के अनुसार उन्होंने आराम किया।
लूकस 23:50-56 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
धर्म-महासभा का यूसुफ नामक सदस्य निष्कपट और धार्मिक था। उसने सभा की योजना और उसके कार्य में अपना मत नहीं दिया था। वह यहूदा प्रदेश के नगर अरिमतियाह का निवासी था और परमेश्वर के राज्य की प्रतीक्षा में था। उसने पिलातुस के पास जा कर येशु का शव माँग लिया। उसने शव को क्रूस से उतारा और मलमल के कफन में लपेट कर एक ऐसी कबर में रख दिया, जो चट्टान में खुदी हुई थी और जिस में कभी किसी को नहीं रखा गया था। उस दिन शुक्रवार था और विश्राम-दिवस आरम्भ हो रहा था। जो स्त्रियाँ येशु के साथ गलील प्रदेश से आयी थीं, उन्होंने यूसुफ के पीछे-पीछे जा कर कबर को देखा और यह भी देखा कि येशु का शव किस तरह रखा गया है। तब उन्होंने लौट कर सुगन्धित द्रव्य तथा विलेपन तैयार किया और विश्राम के दिन नियम के अनुसार विश्राम किया।
लूकस 23:50-56 Hindi Holy Bible (HHBD)
और देखो यूसुफ नाम एक मन्त्री जो सज्जन और धर्मी पुरूष था। और उन के विचार और उन के इस काम से प्रसन्न न था; और वह यहूदियों के नगर अरिमतीया का रहनेवाला और परमेश्वर के राज्य की बाट जोहनेवाला था। उस ने पीलातुस के पास जाकर यीशु की लोथ मांग ली। और उसे उतारकर चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खोदी हुई थी; और उस में कोई कभी न रखा गया था। वह तैयारी का दिन था, और सब्त का दिन आरम्भ होने पर था। और उन स्त्रियों ने जो उसके साथ गलील से आईं थीं, पीछे पीछे जाकर उस कब्र को देखा, और यह भी कि उस की लोथ किस रीति से रखी गई है। और लौटकर सुगन्धित वस्तुएं और इत्र तैयार किया: और सब्त के दिन तो उन्होंने आज्ञा के अनुसार विश्राम किया॥
लूकस 23:50-56 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
वहाँ यूसुफ नाम का महासभा का एक सदस्य था जो सज्जन और धर्मी पुरुष था और उनकी योजना और उनके इस काम से प्रसन्न न था। वह यहूदियों के नगर अरिमतिया का रहनेवाला और परमेश्वर के राज्य की बाट जोहनेवाला था। उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा; और उसे उतारकर मलमल की चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खुदी हुई थी; और उसमें कोई कभी न रखा गया था। वह तैयारी का दिन था, और सब्त का दिन आरम्भ होने पर था। उन स्त्रियों ने जो उसके साथ गलील से आई थीं, पीछे पीछे जाकर उस कब्र को देखा, और यह भी कि उसका शव किस रीति से रखा गया है। तब उन्होंने लौटकर सुगन्धित वस्तुएँ और इत्र तैयार किया; और सब्त के दिन उन्होंने आज्ञा के अनुसार विश्राम किया।
लूकस 23:50-56 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और वहाँ, यूसुफ नामक महासभा का एक सदस्य था, जो सज्जन और धर्मी पुरुष था। और उनके विचार और उनके इस काम से प्रसन्न न था; और वह यहूदियों के नगर अरिमतियाह का रहनेवाला और परमेश्वर के राज्य की प्रतीक्षा करनेवाला था। उसने पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा, और उसे उतारकर मलमल की चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खोदी हुई थी; और उसमें कोई कभी न रखा गया था। वह तैयारी का दिन था, और सब्त का दिन आरम्भ होने पर था। और उन स्त्रियों ने जो उसके साथ गलील से आई थीं, पीछे-पीछे, जाकर उस कब्र को देखा और यह भी कि उसका शव किस रीति से रखा गया हैं। और लौटकर सुगन्धित वस्तुएँ और इत्र तैयार किया; और सब्त के दिन तो उन्होंने आज्ञा के अनुसार विश्राम किया। (निर्ग. 20:10, व्यव. 5:14)
लूकस 23:50-56 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
योसेफ़ नामक एक व्यक्ति थे. वह महासभा के सदस्य, सज्जन तथा धर्मी थे. वह न तो यहूदी अगुओं की योजना से और न ही उसके कामों से सहमत थे. योसेफ़ यहूदियों के एक नगर अरिमथिया के निवासी थे और वह परमेश्वर के राज्य की प्रतीक्षा कर रहे थे. योसेफ़ ने पिलातॉस के पास जाकर प्रभु येशु का शरीर के लिए विनती की. उन्होंने शरीर को क्रूस से उतारकर मलमल के वस्त्र में लपेटा और चट्टान में खोदकर बनाई गई एक कब्र की गुफ़ा में रख दिया. इस कब्र में अब तक कोई भी शरीर रखा नहीं गया था. यह शब्बाथ की तैयारी का दिन था. शब्बाथ प्रारंभ होने पर ही था. गलील प्रदेश से आई हुई स्त्रियां भी उनके साथ वहां गईं. उन्होंने उस कब्र को देखा तथा यह भी कि शरीर को वहां कैसे रखा गया था. तब वे सब घर लौट गए और उन्होंने अंत्येष्टि के लिए उबटन-लेप तैयार किए. व्यवस्था के अनुसार उन्होंने शब्बाथ पर विश्राम किया.