लूकस 23:1-25

लूकस 23:1-25 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर उनकी सारी पंचायत उठ खड़ी हुई और वे उसे पिलातुस के सामने ले गये। वे उस पर अभियोग लगाने लगे। उन्होंने कहा, “हमने हमारे लोगों को बहकाते हुए इस व्यक्ति को पकड़ा है। यह कैसर को कर चुकाने का विरोध करता है और कहता है यह स्वयं मसीह है, एक राजा।” इस पर पिलातुस ने यीशु से पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “तू ही तो कह रहा है, मैं वही हूँ।” इस पर पिलातुस ने प्रमुख याजकों और भीड़ से कहा, “मुझे इस व्यक्ति पर किसी आरोप का कोई आधार दिखाई नहीं देता।” पर वे यहा कहते हुए दबाव डालते रहे, “इसने समूचे यहूदिया में लोगों को अपने उपदेशों से भड़काया है। यह इसने गलील में आरम्भ किया था और अब समूचा मार्ग पार करके यहाँ तक आ पहुँचा है।” पिलातुस ने यह सुनकर पूछा, “क्या यह व्यक्ति गलील का है?” फिर जब उसको यह पता चला कि वह हेरोदेस के अधिकार क्षेत्र के अधीन है तो उसने उसे हेरोदेस के पास भेज दिया जो उन दिनों यरूशलेम में ही था। सो हेरोदेस ने जब यीशु को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ क्योंकि बरसों से वह उसे देखना चाह रहा था। क्योंकि वह उसके विषय में सुन चुका था और उसे कोई अद्भुत कर्म करते हुए देखने की आशा रखता था। उसने यीशु से अनेक प्रश्न पूछे किन्तु यीशु ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया। प्रमुख याजक और यहूदी धर्म शास्त्री वहीं खड़े थे और वे उस पर तीखे ढँग के साथ दोष लगा रहे थे। हेरोदेस ने भी अपने सैनिकों समेत उसके साथ अपमानपूर्ण व्यवहार किया और उसकी हँसी उड़ाई। फिर उन्होंने उसे एक उत्तम चोगा पहना कर पिलातुस के पास वापस भेज दिया। उस दिन हेरोदेस और पिलातुस एक दूसरे के मित्र बन गये। इससे पहले तो वे एक दूसरे के शत्रु थे। फिर पिलातुस ने प्रमुख याजकों, यहूदी नेताओं और लोगों को एक साथ बुलाया। उसने उनसे कहा, “तुम इसे लोगों को भटकाने वाले एक व्यक्ति के रूप में मेरे पास लाये हो। और मैंने यहाँ अब तुम्हारे सामने ही इसकी जाँच पड़ताल की है और तुमने इस पर जो दोष लगाये हैं उनका न तो मुझे कोई आधार मिला है और न ही हेरोदेस को क्योंकि उसने इसे वापस हमारे पास भेज दिया है। जैसा कि तुम देख सकते हो इसने ऐसा कुछ नहीं किया है कि यह मौत का भागी बने। इसलिये मैं इसे कोड़े मरवा कर छोड़ दूँगा।” किन्तु वे सब एक साथ चिल्लाये, “इस आदमी को ले जाओ। हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दो।” (बरअब्बा को शहर में मार धाड़ और हत्या करने के जुर्म में जेल में डाला हुआ था।) पिलातुस यीशु को छोड़ देना चाहता था, सो उसने उन्हें फिर समझाया। पर वे नारा लगाते रहे, “इसे क्रूस पर चढ़ा दो, इसे क्रूस पर चढ़ा दो।” पिलातुस ने उनसे तीसरी बार पूछा, “किन्तु इस व्यक्ति ने क्या अपराध किया है? मुझे इसके विरोध में कुछ नहीं मिला है जो इसे मृत्यु दण्ड का भागी बनाये। इसलिये मैं कोड़े लगवाकर इसे छोड़ दूँगा।” पर वे ऊँचे स्वर में नारे लगा लगा कर माँग कर रहे थे कि उसे क्रूस पर चढ़ा दिया जाये। और उनके नारों का कोलाहल इतना बढ़ गया कि पिलातुस ने निर्णय दे दिया कि उनकी माँग मान ली जाये। पिलातुस ने उस व्यक्ति को छोड़ दिया जिसे मार धाड़ और हत्या करने के जुर्म में जेल में डाला गया था (यह वही था जिसके छोड़ देने की वे माँग कर रहे थे) और यीशु को उनके हाथों में सौंप दिया कि वे जैसा चाहें, करे।

लूकस 23:1-25 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तब सारी सभा उठी और वे उन्‍हें राज्‍यपाल पिलातुस के यहाँ ले गये। वे यह कहते हुए येशु पर अभियोग लगाने लगे, “हम ने इस मनुष्‍य को हमारी जाति को पथभ्रष्‍ट करते, सम्राट को कर देने से लोगों को मना करते और अपने आप को मसीह एवं राजा कहते सुना है।” पिलातुस ने येशु से यह प्रश्‍न किया, “क्‍या तुम यहूदियों के राजा हो?” येशु ने उत्तर दिया, “आप स्‍वयं कह रहे हैं।” तब पिलातुस ने महापुरोहितों और भीड़ से कहा, “मैं इस मनुष्‍य में कोई दोष नहीं पाता।” उन्‍होंने यह कहते हुए आग्रह किया, “यह गलील प्रदेश से ले कर यहाँ तक यहूदा प्रदेश के कोने-कोने में अपनी शिक्षा से जनता को विद्रोह के लिए भड़काता है।” पिलातुस ने यह सुन कर पूछा, “क्‍या यह मनुष्‍य गलील-निवासी है?” और यह जान कर कि वह गलील के शासक हेरोदेस के अधिकार-क्षेत्र से हैं, उसने येशु को हेरोदेस के पास भेज दिया। वह भी उन दिनों यरूशलेम में ही था। हेरोदेस येशु को देख कर बहुत प्रसन्न हुआ। वह बहुत समय से उन्‍हें देखना चाहता था, क्‍योंकि उसने येशु की चर्चा सुनी थी और उनका कोई चमत्‍कार देखने की आशा करता था। वह येशु से बहुत-से प्रश्‍न करता रहा, परन्‍तु उन्‍होंने उसे उत्तर नहीं दिया। इस बीच महापुरोहित और शास्‍त्री वहाँ खड़े थे; वे येशु पर उग्रतापूर्वक अभियोग लगाते रहे। तब हेरोदेस ने अपने सैनिकों के साथ येशु का अपमान तथा उपहास किया और उन्‍हें भड़कीला वस्‍त्र पहना कर पिलातुस के पास वापस भेज दिया। उसी दिन हेरोदेस और पिलातुस परस्‍पर मित्र बन गये। इससे पहले उन में शत्रुता थी। अब पिलातुस ने महापुरोहितों, शासकों और जनता को बुला कर उन से कहा, “आप लोगों ने यह अभियोग लगा कर इस मनुष्‍य को मेरे सामने पेश किया कि यह जनता को भ्रष्‍ट करता है। मैंने आपके सामने इसकी जाँच की; परन्‍तु आप इस मनुष्‍य पर जिन बातों का अभियोग लगाते हैं, उनके विषय में मैंने इस में कोई दोष नहीं पाया और हेरोदेस ने भी दोष नहीं पाया; क्‍योंकि उन्‍होंने इसे मेरे पास वापस भेज दिया है। आप देख रहे हैं कि इसने प्राणदण्‍ड के योग्‍य कोई अपराध नहीं किया है। इसलिए मैं इसे पिटवा कर छोड़ दूँगा।” [ पर्व के अवसर पर पिलातुस को यहूदियों के लिए एक बन्‍दी को रिहा करना पड़ता था।] वे सब-के-सब एक साथ चिल्‍ला उठे, “इसे हटाओ और हमारे लिए बरअब्‍बा को छोड़ दो!” बरअब्‍बा नगर में हुए विद्रोह के कारण तथा हत्‍या के अपराध में कैद किया गया था। पिलातुस ने येशु को मुक्‍त करने की इच्‍छा से लोगों को फिर समझाया; किन्‍तु वे चिल्‍लाते रहे, “इसे क्रूस पर चढ़ाओ! इसे क्रूस पर चढ़ाओ!” पिलातुस ने तीसरी बार उन से कहा, “क्‍यों? इस मनुष्‍य ने कौन-सा अपराध किया है? मैं इसमें प्राणदण्‍ड के योग्‍य कोई दोष नहीं पाता। इसलिए मैं इसे पिटवा कर छोड़ दूँगा।” परन्‍तु वे चिल्‍ला-चिल्‍ला कर पिलातुस के पीछे पड़ गए कि इसे क्रूस पर चढ़ाओ! और उनका चिल्‍लाना प्रबल हुआ। तब पिलातुस ने उनकी माँग पूरी करने का निश्‍चय किया। उसने उस मनुष्‍य को तो मुक्‍त कर दिया जो विद्रोह और हत्‍या के कारण कैद किया गया था और जिसे वे छोड़ने की माँग कर रहे थे, परन्‍तु येशु को लोगों की इच्‍छा पर छोड़ दिया।

लूकस 23:1-25 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब सारी सभा उठकर उसे पीलातुस के पास ले गई। और वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे, कि हम ने इसे लोगों को बहकाते और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आप को मसीह राजा कहते हुए सुना है। पीलातुस ने उस से पूछा, क्या तू यहूदियों का राजा है? उस ने उसे उत्तर दिया, कि तू आप ही कह रहा है। तब पीलातुस ने महायाजकों और लोगों से कहा, मैं इस मनुष्य में कुछ दोष नहीं पाता। पर वे और भी दृढ़ता से कहने लगे, यह गलील से लेकर यहां तक सारे यहूदिया में उपदेश दे दे कर लोगों को उकसाता है। यह सुनकर पीलातुस ने पूछा, क्या यह मनुष्य गलीली है? और यह जानकर कि वह हेरोदेस की रियासत का है, उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्योंकि उन दिनों में वह भी यरूशलेम में था॥ हेरोदेस यीशु को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि वह बहुत दिनों से उस को देखना चाहता था: इसलिये कि उसके विषय में सुना था, और उसका कुछ चिन्ह देखने की आशा रखता था। वह उस से बहुतेरी बातें पूछता रहा, पर उस ने उस को कुछ भी उत्तर न दिया। और महायाजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे। तब हेरोदेस ने अपने सिपाहियों के साथ उसका अपमान करके ठट्ठों में उड़ाया, और भड़कीला वस्त्र पहिनाकर उसे पीलातुस के पास लौटा दिया। उसी दिन पीलातुस और हेरोदेस मित्र हो गए। इसके पहिले वे एक दूसरे के बैरी थे॥ पीलातुस ने महायाजकों और सरदारों और लोगों को बुलाकर उन से कहा। तुम इस मनुष्य को लोगों का बहकाने वाला ठहराकर मेरे पास लाए हो, और देखो, मैं ने तुम्हारे साम्हने उस की जांच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो, उन बातों के विषय में मैं ने उस में कुछ भी दोष नहीं पाया है। न हेरोदेस ने, क्योंकि उस ने उसे हमारे पास लौटा दिया है: और देखो, उस से ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए। इसलिये मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूं। तब सब मिलकर चिल्ला उठे, इस का काम तमाम कर, और हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दे। यही किसी बलवे के कारण जो नगर में हुआ था, और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था। पर पीलातुस ने यीशु को छोड़ने की इच्छा से लोगों को फिर समझाया। परन्तु उन्होंने चिल्लाकर कहा: कि उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर। उस ने तीसरी बार उन से कहा; क्यों? उस ने कौन सी बुराई की है? मैं ने उस में मृत्यु दण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई! इसलिये मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूं। परन्तु वे चिल्ला-चिल्ला कर पीछे पड़ गए, कि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए, और उन का चिल्लाना प्रबल हुआ। सो पीलातुस ने आज्ञा दी, कि उन की बिनती के अनुसार किया जाए। और उस ने उस मनुष्य को जो बलवे और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था, और जिसे वे मांगते थे, छोड़ दिया; और यीशु को उन की इच्छा के अनुसार सौंप दिया॥

लूकस 23:1-25 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब सारी सभा उठकर उसे पिलातुस के पास ले गई। वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे : “हम ने इसे लोगों को बहकाते, और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आप को मसीह, राजा कहते हुए सुना है।” पिलातुस ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” उसने उसे उत्तर दिया, “तू आप ही कह रहा है।” तब पिलातुस ने प्रधान याजकों और लोगों से कहा, “मैं इस मनुष्य में कोई दोष नहीं पाता।” पर वे और भी दृढ़ता से कहने लगे, “यह गलील से लेकर यहाँ तक, सारे यहूदिया में उपदेश दे देकर लोगों को भड़काता है।” यह सुनकर पिलातुस ने पूछा, “क्या यह मनुष्य गलीली है?” और यह जानकर कि वह हेरोदेस की रियासत का है, उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्योंकि उन दिनों में वह भी यरूशलेम में था। हेरोदेस यीशु को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि वह बहुत दिनों से उस को देखना चाहता था; इसलिये कि उसके विषय में सुना था, और उससे कुछ चिह्न देखने की आशा रखता था। वह उससे बहुत सी बातें पूछता रहा, पर उसने उसको कुछ भी उत्तर न दिया। प्रधान याजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे। तब हेरोदेस ने अपने सिपाहियों के साथ उसका अपमान करके ठट्ठों में उड़ाया, और भड़कीला वस्त्र पहिनाकर उसे पिलातुस के पास लौटा दिया। उसी दिन पिलातुस और हेरोदेस मित्र हो गए; इसके पहले वे एक दूसरे के बैरी थे। पिलातुस ने प्रधान याजकों और सरदारों और लोगों को बुलाकर उनसे कहा, “तुम इस मनुष्य को लोगों का बहकानेवाला ठहराकर मेरे पास लाए हो, और देखो, मैं ने तुम्हारे सामने उसकी जाँच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो उन बातों के विषय में मैं ने उसमें कुछ भी दोष नहीं पाया है; न हेरोदेस ने, क्योंकि उसने उसे हमारे पास लौटा दिया है : और देखो, उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए। इसलिये मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” [पिलातुस पर्व के समय उनके लिये एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था।] तब सब मिलकर चिल्‍ला उठे, “इसका काम तमाम कर, और हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दे!”– वह किसी बलवे के कारण जो नगर में हुआ था, और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था– पर पिलातुस ने यीशु को छोड़ने की इच्छा से लोगों को फिर समझाया, परन्तु उन्होंने चिल्‍लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!” उसने तीसरी बार उनसे कहा, “क्यों, उसने कौन सी बुराई की है? मैं ने उसमें मृत्यु के दण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई। इसलिये मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” परन्तु वे चिल्‍ला–चिल्‍लाकर पीछे पड़ गए कि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए, और उनका चिल्‍लाना प्रबल हुआ। अत: पिलातुस ने आज्ञा दी कि उनकी विनती के अनुसार किया जाए। उसने उस मनुष्य को जो बलवे और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था, और जिसे वे माँगते थे, छोड़ दिया; और यीशु को उनकी इच्छा के अनुसार सौंप दिया।

लूकस 23:1-25 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब सारी सभा उठकर यीशु को पिलातुस के पास ले गई। और वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे, “हमने इसे लोगों को बहकाते और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आपको मसीह, राजा कहते हुए सुना है।” पिलातुस ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” उसने उसे उत्तर दिया, “तू आप ही कह रहा है।” तब पिलातुस ने प्रधान याजकों और लोगों से कहा, “मैं इस मनुष्य में कुछ दोष नहीं पाता।” पर वे और भी दृढ़ता से कहने लगे, “यह गलील से लेकर यहाँ तक सारे यहूदिया में उपदेश दे देकर लोगों को भड़काता है।” यह सुनकर पिलातुस ने पूछा, “क्या यह मनुष्य गलीली है?” और यह जानकर कि वह हेरोदेस की रियासत का है, उसे हेरोदेस के पास भेज दिया, क्योंकि उन दिनों में वह भी यरूशलेम में था। हेरोदेस यीशु को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुआ, क्योंकि वह बहुत दिनों से उसको देखना चाहता था: इसलिए कि उसके विषय में सुना था, और उसका कुछ चिन्ह देखने की आशा रखता था। वह उससे बहुत सारी बातें पूछता रहा, पर उसने उसको कुछ भी उत्तर न दिया। और प्रधान याजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे। तब हेरोदेस ने अपने सिपाहियों के साथ उसका अपमान करके उपहास किया, और भड़कीला वस्त्र पहनाकर उसे पिलातुस के पास लौटा दिया। उसी दिन पिलातुस और हेरोदेस मित्र हो गए। इसके पहले वे एक दूसरे के बैरी थे। पिलातुस ने प्रधान याजकों और सरदारों और लोगों को बुलाकर उनसे कहा, “तुम इस मनुष्य को लोगों का बहकानेवाला ठहराकर मेरे पास लाए हो, और देखो, मैंने तुम्हारे सामने उसकी जाँच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो, उन बातों के विषय में मैंने उसमें कुछ भी दोष नहीं पाया है; न हेरोदेस ने, क्योंकि उसने उसे हमारे पास लौटा दिया है: और देखो, उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए। इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” पिलातुस पर्व के समय उनके लिए एक बन्दी को छोड़ने पर विवश था। तब सब मिलकर चिल्ला उठे, “इसका काम तमाम कर, और हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दे।” वह किसी बलवे के कारण जो नगर में हुआ था, और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था। पर पिलातुस ने यीशु को छोड़ने की इच्छा से लोगों को फिर समझाया। परन्तु उन्होंने चिल्लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!” उसने तीसरी बार उनसे कहा, “क्यों उसने कौन सी बुराई की है? मैंने उसमें मृत्युदण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई! इसलिए मैं उसे पिटवाकर छोड़ देता हूँ।” परन्तु वे चिल्ला चिल्लाकर पीछे पड़ गए, कि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए, और उनका चिल्लाना प्रबल हुआ। अतः पिलातुस ने आज्ञा दी, कि उनकी विनती के अनुसार किया जाए। और उसने उस मनुष्य को जो बलवे और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था, और जिसे वे माँगते थे, छोड़ दिया; और यीशु को उनकी इच्छा के अनुसार सौंप दिया।

लूकस 23:1-25 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस पर सारी सभा उठ खड़ी हुई और वे प्रभु येशु को राज्यपाल पिलातॉस के पास ले गए. पिलातॉस के सामने वे यह कहते हुए प्रभु येशु पर दोष लगाने लगे, “हमने यह पाया है कि यह व्यक्ति हमारे राष्ट्र को भरमा रहा है. यह कयसर को कर देने का विरोध करता है तथा यह दावा करता है कि वह स्वयं ही मसीह, राजा है.” इसलिये पिलातॉस ने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “क्या तुम यहूदियों के राजा हो?” “सच वही है, जो आपने कहा है.” प्रभु येशु ने उत्तर दिया. इस पर पिलातॉस ने प्रधान पुरोहितों और भीड़ को संबोधित करते हुए घोषणा की, “मुझे इस व्यक्ति में ऐसा कोई दोष नहीं मिला कि इस पर मुकद्दमा चलाया जाए.” किंतु वे दृढतापूर्वक कहते रहे, “यह सारे यहूदिया प्रदेश में लोगों को अपनी शिक्षाओं द्वारा भड़का रहा है. यह सब इसने गलील प्रदेश में प्रारंभ किया और अब यहां भी आ पहुंचा है.” यह सुनते ही पिलातॉस ने प्रश्न किया, “क्या यह व्यक्ति गलीलवासी है?” यह मालूम होने पर कि प्रभु येशु हेरोदेस के अधिकार क्षेत्र के हैं, उसने उन्हें हेरोदेस के पास भेज दिया, जो इस समय येरूशलेम नगर में ही था. प्रभु येशु को देखकर हेरोदेस अत्यंत प्रसन्‍न हुआ क्योंकि बहुत दिनों से उसे प्रभु येशु को देखने की इच्छा थी. उसने प्रभु येशु के विषय में बहुत कुछ सुन रखा था. उसे आशा थी कि वह प्रभु येशु द्वारा किया गया कोई चमत्कार देख सकेगा. उसने प्रभु येशु से अनेक प्रश्न किए किंतु प्रभु येशु ने कोई भी उत्तर न दिया. प्रधान पुरोहित और शास्त्री वहीं खड़े हुए थे और पूरे ज़ोर शोर से प्रभु येशु पर दोष लगा रहे थे. हेरोदेस और उसके सैनिकों ने अपमान करके प्रभु येशु का मज़ाक उड़ाया और उन पर भड़कीला वस्त्र डालकर वापस पिलातॉस के पास भेज दिया. उसी दिन से हेरोदेस और पिलातॉस में मित्रता हो गई—इसके पहले वे एक दूसरे के शत्रु थे. पिलातॉस ने प्रधान पुरोहितों, नायकों और लोगों को पास बुलाया और उनसे कहा, “तुम इस व्यक्ति को यह कहते हुए मेरे पास लाए हो कि यह लोगों को विद्रोह के लिए उकसा रहा है. तुम्हारी ही उपस्थिति में मैंने उससे पूछताछ की और मुझे उसमें तुम्हारे द्वारा लगाए आरोप के लिए कोई भी आधार नहीं मिला—न ही हेरोदेस को उसमें कोई दोष मिला है. उसने उसे हमारे पास ही भेज दिया है. तुम देख ही रहे हो कि उसने मृत्यु दंड के योग्य कोई अपराध नहीं किया है. इसलिये मैं उसे कोड़े लगवाकर छोड़ देता हूं.” [उत्सव के अवसर पर एक बंदी को मुक्त कर देने की प्रथा थी.] भीड़ एक शब्द में चिल्ला उठी, “उसे मृत्यु दंड दीजिए और हमारे लिए बार-अब्बास को मुक्त कर दीजिए!” (बार-अब्बास को नगर में विद्रोह भड़काने और हत्या के आरोप में बंदी बनाया गया था.) प्रभु येशु को मुक्त करने की इच्छा से पिलातॉस ने उनसे एक बार फिर विनती की, किंतु वे चिल्लाते रहे, “क्रूस पर चढ़ाओ! क्रूस पर चढ़ाओ!” पिलातॉस ने तीसरी बार उनसे प्रश्न किया, “क्यों? क्या है उसका अपराध? मुझे तो उसमें मृत्यु दंड देने योग्य कोई दोष नहीं मिला. मैं उसे कोड़े लगवाकर छोड़ देता हूं.” किंतु वे हठ करते हुए ऊंचे शब्द में चिल्लाते रहे, “क्रूस पर चढ़ाओ उसे!” तब हारकर उसे उनके आगे झुकना ही पड़ा. पिलातॉस ने अनुमति दे दी कि उनकी मांग पूरी की जाए और उसने उस व्यक्ति को मुक्त कर दिया, जिसे विद्रोह तथा हत्या के अपराधों में बंदी बनाया गया था, जिसे छोड़ देने की उन्होंने मांग की थी और उसने प्रभु येशु को भीड़ की इच्छा अनुसार उन्हें ही सौंप दिया.

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