लूकस 22:47-71

लूकस 22:47-71 पवित्र बाइबल (HERV)

वह अभी बोल ही रहा था कि एक भीड़ आ जुटी। यहूदा नाम का एक व्यक्ति जो बारह शिष्यों में से एक था, उनकी अगुवाई कर रहा था। वह यीशु को चूमने के लिये उसके पास आया। पर यीशु ने उससे कहा, “हे यहूदा, क्या तू एक चुम्बन के द्वारा मनुष्य के पुत्र को धोखे से पकड़वाने जा रहा है।” जो घटने जा रहा था, उसे देखकर उसके आसपास के लोगों ने कहा, “हे प्रभु, क्या हम तलवार से वार करें?” और उनमें से एक ने तो प्रमुख याजक के दास पर वार करके उसका दाहिना कान ही काट डाला। किन्तु यीशु ने तुरंत कहा, “उन्हें यह भी करने दो।” फिर यीशु ने उसके कान को छू कर चंगा कर दिया। फिर यीशु ने उस पर चढ़ाई करने आये प्रमुख याजकों, मन्दिर के अधिकारियों और बुजुर्ग यहूदी नेताओं से कहा, “क्या तुम तलवारें और लाठियाँ ले कर किसी डाकू का सामना करने निकले हो? मन्दिर में मैं हर दिन तुम्हारे ही साथ था, किन्तु तुमने मुझ पर हाथ नहीं डाला। पर यह समय तुम्हारा है। अन्धकार के शासन का काल।” उन्होंने उसे बंदी बना लिया और वहाँ से ले गये। फिर वे उसे प्रमुख याजक के घर ले गये। पतरस कुछ दूरी पर उसके पीछे पीछे आ रहा था। आँगन के बीच उन्होंने आग सुलगाई और एक साथ नीचे बैठ गये। पतरस भी वही उन्हीं में बैठा था। आग के प्रकाश में एक दासी ने उसे वहाँ बैठे देखा। उसने उस पर दृष्टि गढ़ाते हुए कहा, “यह आदमी भी उसके साथ था।” किन्तु पतरस ने इन्कार करते हुए कहा, “हे स्त्री, मैं उसे नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद एक दूसरे व्यक्ति ने उसे देखा और कहा, “तू भी उन्हीं में से एक है।” किन्तु पतरस बोला, “भले आदमी, मैं वह नहीं हूँ।” कोई लगभग एक घड़ी बीती होगी कि कोई और भी बलपूर्वक कहने लगा, “निश्चय ही यह व्यक्ति उसके साथ भी था। क्योंकि देखो यह गलील वासी भी है।” किन्तु पतरस बोला, “भले आदमी, मैं नहीं जानता तू किसके बारे में बात कर रहा है।” उसी घड़ी, वह अभी बातें कर ही रहा था कि एक मुर्गे ने बाँग दी। और प्रभु ने मुड़ कर पतरस पर दृष्टि डाली। तभी पतरस को प्रभु का वह वचन याद आया जो उसने उससे कहा था, “आज मुर्गे के बाँग देने से पहले तू मुझे तीन बार नकार चुकेगा।” तब वह बाहर चला आया और फूट-फूट कर रो पड़ा। जिन व्यक्तियों ने यीशु को पकड़ रखा था वे उसका उपहास करने और उसे पीटने लगे। उसकी आँखों पर पट्टी बाँध दी और उससे यह कहते हुए पूछने लगे कि, “बता वह कौन है जिसने तुझे मारा?” उन्होंने उसका अपमान करने के लिये उससे और भी बहुत सी बातें कहीं। जब दिन हुआ तो प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों समेत लोगों के बुजुर्ग नेताओं की एक सभा हुई। फिर वे लोग उसे अपनी महासभा में ले गये। उन्होंने पूछा, “हमें बता क्या तू मसीह है?” यीशु ने उनसे कहा, “यदि मैं तुमसे कहूँ तो तुम मेरा विश्वास नहीं करोगे। और यदि मैं पूछूँ तो तुम उत्तर नहीं दोगे। किन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठाया जायेगा।” वे सब बोले, “तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है?” उसने कहा, “हाँ, मैं हूँ।” फिर उन्होंने कहा, “अब हमें किसी और प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? हमने स्वयं इसके अपने मुँह से यह सुन तो लिया है।”

लूकस 22:47-71 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

येशु यह कह ही रहे थे कि एक भीड़ आ पहुँची। बारहों में से एक, जिसका नाम यूदस था, भीड़ के आगे था। वह चुम्‍बन के द्वारा येशु का अभिवादन करने के लिए उनके पास आया। येशु ने उससे कहा, “यूदस! क्‍या तुम चुम्‍बन के द्वारा मानव-पुत्र के साथ विश्‍वासघात कर रहे हो?” येशु के साथियों ने यह देख कर कि क्‍या होने वाला है, उनसे कहा, “प्रभु! क्‍या हम तलवार चलाएँ?” और उन में से एक ने प्रधान महापुरोहित के सेवक पर प्रहार किया और उसका दाहिना कान उड़ा दिया। किन्‍तु येशु ने कहा, “रहने दो, बहुत हुआ”, और उसका कान छू कर उन्‍होंने उसे अच्‍छा कर दिया। जो महापुरोहित, मन्‍दिर-आरक्षी के नायक और धर्मवृद्ध येशु को पकड़ने आए थे, उनसे उन्‍होंने कहा, “क्‍या तुम मुझ को डाकू समझ कर तलवारें और लाठियाँ ले कर निकले हो? मैं प्रतिदिन मन्‍दिर में तुम्‍हारे साथ रहा और तुम ने मुझ पर हाथ नहीं डाला। परन्‍तु यह तुम्‍हारा समय है और उस पर अन्‍धकार का अधिकार है।” तब उन्‍होंने येशु को गिरफ्‍तार कर लिया और उन्‍हें ले जाकर प्रधान महापुरोहित के भवन में पहुँचा दिया। पतरस कुछ दूरी रखते हुए उनके पीछे-पीछे चला। जब लोग आंगन के बीच में आग जला कर उसके चारों ओर बैठे थे, तब पतरस भी उनके साथ बैठ गया। एक सेविका ने आग के प्रकाश में पतरस को बैठा हुआ देखा और उस पर दृष्‍टि गड़ा कर कहा, “यह भी उसी के साथ था।” किन्‍तु पतरस ने अस्‍वीकार करते हुए कहा, “बहिन! मैं उसे नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद किसी दूसरे ने पतरस को देखकर कहा, “तुम भी उन्‍हीं लोगों में से एक हो।” पतरस ने उत्तर दिया, “नहीं भई! मैं नहीं हूँ।” करीब घण्‍टे भर बाद किसी और व्यक्‍ति ने दृढ़तापूर्वक कहा, “निश्‍चय ही यह उसी के साथ था। यह भी तो गलीली है।” पतरस ने कहा, “अरे भाई! मैं नहीं जानता कि तुम क्‍या कह रहे हो।” वह बोल ही रहा था कि उसी क्षण मुर्गे ने बाँग दी। और प्रभु ने मुड़ कर पतरस की ओर देखा। तब पतरस को याद आया कि प्रभु ने उससे कहा था कि आज मुर्गे के बाँग देने से पहले ही तुम मुझे तीन बार अस्‍वीकार करोगे, और वह बाहर निकल कर फूट-फूट कर रोने लगा। येशु पर पहरा देने वाले सिपाही उनका उपहास कर उन्‍हें मारने-पीटने लगे। उन्‍होंने उनकी आँखों पर पट्टी बाँधी और उनसे पूछने लगे, “नबूवत कर, तुझे किसने मारा?” वे उनका अपमान करते हुए उनके विरुद्ध और बहुत-सी निन्‍दाजनक बातें कहते रहे। जैसे ही दिन हुआ, समाज के धर्मवृद्ध, महापुरोहित और शास्‍त्री एकत्र हो गये और उन्‍होंने येशु को अपनी धर्म-महासभा में प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने येशु से कहा, “यदि तुम मसीह हो, तो हमें बता दो।” येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं आप लोगों से कहूँगा, तो आप विश्‍वास नहीं करेंगे और यदि मैं प्रश्‍न करूँगा, तो आप लोग उत्तर नहीं देंगे। परन्‍तु अब से मानव-पुत्र सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की दाहिनी ओर विराजमान होगा।” इस पर सब-के-सब बोल उठे, “तो क्‍या तुम परमेश्‍वर के पुत्र हो?” येशु ने उत्तर दिया, “आप ही कहते हैं कि मैं हूँ।” इस पर उन्‍होंने कहा, “अब हमें और गवाही की जरूरत ही क्‍या है? हम ने तो स्‍वयं इसके मुँह से सुन लिया है।”

लूकस 22:47-71 Hindi Holy Bible (HHBD)

वह यह कह ही रहा था, कि देखो एक भीड़ आई, और उन बारहों में से एक जिस का नाम यहूदा था उनके आगे आगे आ रहा था, वह यीशु के पास आया, कि उसका चूमा ले। यीशु ने उस से कहा, हे यहूदा, क्या तू चूमा लेकर मनुष्य के पुत्र को पकड़वाता है? उसके साथियों ने जब देखा कि क्या होनेवाला है, कहा; हे प्रभु, क्या हम तलवार चलाएं? और उन में से एक ने महायाजक के दास पर चलाकर उसका दाहिना कान उड़ा दिया। इस पर यीशु ने कहा; अब बस करो: और उसका कान छूकर उसे अच्छा किया। तब यीशु ने महायाजकों; और मन्दिर के पहरूओं के सरदारों और पुरनियों से, जो उस पर चढ़ आए थे, कहा; क्या तुम मुझे डाकू जानकर तलवारें और लाठियां लिए हुए निकले हो? जब मैं मन्दिर में हर दिन तुम्हारे साथ था, तो तुम ने मुझ पर हाथ न डाला; पर यह तुम्हारी घड़ी है, और अन्धकार का अधिकार है॥ फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था। और जब वे आंगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया। और एक लौंडी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उस की ओर ताककर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था। परन्तु उस ने यह कहकर इन्कार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता। थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, तू भी तो उन्हीं में से है: पतरस ने कहा; हे मनुष्य मैं नहीं हूं। कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है। पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है! वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग ने बांग दी। तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उस ने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा। और वह बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा॥ जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठट्ठों में उड़ाकर पीटने लगे। और उस की आंखे ढांपकर उस से पूछा, कि भविष्यद्वाणी करके बता कि तुझे किसने मारा। और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं॥ जब दिन हुआ तो लोगों के पुरिनए और महायाजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासभा में लाकर पूछा, यदि तू मसीह है, तो हम से कह दे! उस ने उन से कहा, यदि मैं तुम से कहूं तो प्रतीति न करोगे। और यदि पूछूं, तो उत्तर न दोगे। परन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी और बैठा रहेगा। इस पर सब ने कहा, तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है? उस ने उन से कहा; तुम आप ही कहते हो, क्योंकि मैं हूं। तब उन्होंने कहा; अब हमें गवाही का क्या प्रयोजन है; क्योंकि हम ने आप ही उसके मुंह से सुन लिया है॥

लूकस 22:47-71 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

वह यह कह ही रहा था कि एक भीड़ आई, और उन बारहों में से एक जिसका नाम यहूदा था उनके आगे–आगे आ रहा था। वह यीशु के पास आया कि उसका चूमा ले। यीशु ने उससे कहा, “हे यहूदा, क्या तू चूमा लेकर मनुष्य के पुत्र को पकड़वाता है?” उसके साथियों ने जब देखा कि क्या होनेवाला है, तो कहा, “हे प्रभु, क्या हम तलवार चलाएँ?” और उनमें से एक ने महायाजक के दास पर तलवार चलाकर उसका दाहिना कान उड़ा दिया। इस पर यीशु ने कहा, “अब बस करो।” और उसका कान छूकर उसे अच्छा किया। तब यीशु ने प्रधान याजकों और मन्दिर के पहरुओं के सरदारों और पुरनियों से, जो उस पर चढ़ आए थे, कहा, “क्या तुम मुझे डाकू जानकर तलवारें और लाठियाँ लिए हुए निकले हो? जब मैं मन्दिर में हर दिन तुम्हारे साथ था, तो तुम ने मुझ पर हाथ न डाला; पर यह तुम्हारी घड़ी है, और अन्धकार का अधिकार है।” फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए। पतरस दूर ही दूर उसके पीछे–पीछे चलता था; और जब वे आँगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उनके बीच में बैठ गया। तब एक दासी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उसकी ओर ताककर कहने लगी, “यह भी तो उसके साथ था।” परन्तु उसने यह कहकर इन्कार किया, “हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, “तू भी तो उन्हीं में से है।” पतरस ने कहा, “हे मनुष्य, मैं नहीं हूँ।” कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, “निश्‍चय यह भी तो उसके साथ था, क्योंकि यह गलीली है।” पतरस ने कहा, “हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है!” वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग़ ने बाँग दी। तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उसने कही थी : “आज मुर्ग़ के बाँग देने से पहले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” और वह बाहर निकलकर फूट–फूट कर रोया। जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसे ठट्ठों में उड़ाकर पीटने लगे; और उसकी आँखें ढाँककर उससे पूछा, “भविष्यद्वाणी करके बता कि तुझे किसने मारा!” और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं। जब दिन हुआ तो लोगों के पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासभा में लाकर पूछा, “यदि तू मसीह है, तो हम से कह दे!” उसने उनसे कहा, “यदि मैं तुम से कहूँ, तो प्रतीति न करोगे; और यदि पूछूँ, तो उत्तर न दोगे। परन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की दाहिनी ओर बैठा रहेगा।” इस पर सब ने कहा, “तो क्या तू परमेश्‍वर का पुत्र है?” उसने उनसे कहा, “तुम आप ही कहते हो, क्योंकि मैं हूँ।” तब उन्होंने कहा, “अब हमें गवाही की क्या आवश्यकता है; क्योंकि हम ने आप ही उसके मुँह से सुन लिया है।”

लूकस 22:47-71 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

वह यह कह ही रहा था, कि देखो एक भीड़ आई, और उन बारहों में से एक जिसका नाम यहूदा था उनके आगे-आगे आ रहा था, वह यीशु के पास आया, कि उसे चूम ले। यीशु ने उससे कहा, “हे यहूदा, क्या तू चूमा लेकर मनुष्य के पुत्र को पकड़वाता है?” उसके साथियों ने जब देखा कि क्या होनेवाला है, तो कहा, “हे प्रभु, क्या हम तलवार चलाएँ?” और उनमें से एक ने महायाजक के दास पर तलवार चलाकर उसका दाहिना कान काट दिया। इस पर यीशु ने कहा, “अब बस करो।” और उसका कान छूकर उसे अच्छा किया। तब यीशु ने प्रधान याजकों और मन्दिर के पहरुओं के सरदारों और प्राचीनों से, जो उस पर चढ़ आए थे, कहा, “क्या तुम मुझे डाकू जानकर तलवारें और लाठियाँ लिए हुए निकले हो? जब मैं मन्दिर में हर दिन तुम्हारे साथ था, तो तुम ने मुझ पर हाथ न डाला; पर यह तुम्हारी घड़ी है, और अंधकार का अधिकार है।” फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे-पीछे चलता था। और जब वे आँगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उनके बीच में बैठ गया। और एक दासी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उसकी ओर ताक कर कहने लगी, “यह भी तो उसके साथ था।” परन्तु उसने यह कहकर इन्कार किया, “हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।” थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, “तू भी तो उन्हीं में से है।” पतरस ने कहा, “हे मनुष्य, मैं नहीं हूँ।” कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, “निश्चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है।” पतरस ने कहा, “हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है?” वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्गे ने बाँग दी। तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उसने कही थी, “आज मुर्गे के बाँग देने से पहले, तू तीन बार मेरा इन्कार करेगा।” और वह बाहर निकलकर फूट फूटकर रोने लगा। जो मनुष्य यीशु को पकड़े हुए थे, वे उसका उपहास करके पीटने लगे; और उसकी आँखें ढाँपकर उससे पूछा, “भविष्यद्वाणी करके बता कि तुझे किसने मारा।” और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं। जब दिन हुआ तो लोगों के पुरनिए और प्रधान याजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासभा में लाकर पूछा, “यदि तू मसीह है, तो हम से कह दे!” उसने उनसे कहा, “यदि मैं तुम से कहूँ तो विश्वास न करोगे। और यदि पूछूँ, तो उत्तर न दोगे। परन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठा रहेगा।” (मर. 14:62, भज. 110:1) इस पर सब ने कहा, “तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है?” उसने उनसे कहा, “तुम आप ही कहते हो, क्योंकि मैं हूँ।” तब उन्होंने कहा, “अब हमें गवाही की क्या आवश्यकता है; क्योंकि हमने आप ही उसके मुँह से सुन लिया है।”

लूकस 22:47-71 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

प्रभु येशु जब यह कह ही रहे थे, तभी एक भीड़ वहां आ पहुंची. उनमें यहूदाह, जो बारह शिष्यों में से एक था, सबसे आगे था. वह प्रभु येशु को चूमने के लिए आगे बढ़ा किंतु प्रभु येशु ने उससे कहा, “यहूदाह! क्या मनुष्य के पुत्र को तुम इस चुंबन के द्वारा पकड़वा रहे हो?” यह पता चलने पर कि क्या होने पर है शिष्यों ने प्रभु येशु से पूछा, “प्रभु, क्या हम तलवार चलाएं?” उनमें से एक ने तो महापुरोहित के दास पर वार कर उस दास का दाहिना कान ही उड़ा दिया. “बस! बहुत हुआ” प्रभु येशु इस पर बोले, और उन्होंने उस दास के कान का स्पर्श कर उसे पहले जैसा कर दिया. तब प्रभु येशु ने प्रधान पुरोहितों, मंदिर के पहरुओं तथा वहां उपस्थित पुरनियों को संबोधित करते हुए कहा, “तलवारें और लाठियां लेकर क्या आप किसी राजद्रोही को पकड़ने आए हैं? आपने मुझे तब तो नहीं पकड़ा जब मैं मंदिर आंगन में प्रतिदिन आपके साथ हुआ करता था! यह इसलिये कि यह क्षण आपका है—अंधकार के हाकिम का.” वे प्रभु येशु को पकड़कर महापुरोहित के घर पर ले गए. पेतरॉस दूर ही दूर से उनके पीछे-पीछे चलते रहे. जब लोग आंगन में आग जलाए हुए बैठे थे, पेतरॉस भी उनके साथ बैठ गए. एक सेविका ने पेतरॉस को आग की रोशनी में देखा और उनको एकटक देखते हुए कहा, “यह व्यक्ति भी उसके साथ था!” पेतरॉस ने नकारते हुए कहा, “नहीं! हे स्त्री, मैं उसे नहीं जानता!” कुछ समय बाद किसी अन्य ने उन्हें देखकर कहा, “तुम भी तो उनमें से एक हो!” “नहीं भाई, नहीं!” पेतरॉस ने उत्तर दिया. लगभग एक घंटे बाद एक अन्य व्यक्ति ने बल देते हुए कहा, “निःसंदेह यह व्यक्ति भी उसके साथ था क्योंकि यह भी गलीलवासी है.” पेतरॉस ने उत्तर दिया, “महोदय, मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आप क्या कह रहे हैं!” जब वह यह कह ही रहे थे कि एक मुर्ग ने बांग दी. उसी समय प्रभु ने मुड़कर पेतरॉस की ओर दृष्टि की और पेतरॉस को प्रभु की पहले कही हुई बात याद आ गई: “इसके पहले कि मुर्ग बांग दे, तुम आज तीन बार मुझे नकार चुके होगे.” पेतरॉस बाहर चले गए और फूट-फूटकर रोने लगे. जिन्होंने प्रभु येशु को पकड़ा था, वे उनको ठट्ठों में उड़ाते हुए उन पर वार करते जा रहे थे. उन्होंने प्रभु येशु की आंखों पर पट्टी बांधी और उनसे पूछने लगे, “भविष्यवाणी कर, किसने वार किया है तुझ पर?” इसके अतिरिक्त वे उनकी निंदा करते हुए उनके लिए अनेक अपमानजनक शब्द भी कहे जा रहे थे. पौ फटने पर पुरनिये लोगों ने प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों की एक सभा बुलाई और प्रभु येशु को महासभा में ले गए. उन्होंने प्रभु येशु से प्रश्न किया. “यदि तुम ही मसीह हो तो हमें बता दो.” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं आपको यह बताऊंगा तो भी आप इसका विश्वास नहीं करेंगे और यदि मैं आपसे कोई प्रश्न करूं तो आप उसका उत्तर ही न देंगे; किंतु अब इसके बाद मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दायीं ओर बैठाया जाएगा.” उन्होंने प्रश्न किया, “तो क्या तुम परमेश्वर के पुत्र हो?” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “जी हां, मैं हूं.” यह सुन वे कहने लगे, “अब हमें गवाहों की क्या ज़रूरत है? स्वयं हमने यह इसके मुख से सुन लिया है.”

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