लूकस 2:25-35

लूकस 2:25-35 पवित्र बाइबल (HERV)

यरूशलेम में शमौन नाम का एक धर्मी और भक्त व्यक्ति था। वह इस्राएल के सुख-चैन की बाट जोहता रहता था। पवित्र आत्मा उसके साथ था। पवित्र आत्मा द्वारा उसे प्रकट किया गया था कि जब तक वह प्रभु के मसीह के दर्शन नहीं कर लेगा, मरेगा नहीं। वह आत्मा से प्रेरणा पाकर मन्दिर में आया और जब व्यवस्था के विधि के अनुसार कार्य के लिये बालक यीशु को उसके माता-पिता मन्दिर में लाये। तो शमौन यीशु को अपनी गोद में उठा कर परमेश्वर की स्तुति करते हुए बोला: “प्रभु, अब तू अपने वचन के अनुसार अपने दास मुझ को शांति के साथ मुक्त कर, क्योंकि मैं अपनी आँखों से तेरे उस उद्धार का दर्शन कर चुका हूँ, जिसे तूने सभी लोगों के सामने तैयार किया है। यह बालक ग़ैर यहूदियों के लिए तेरे मार्ग को उजागर करने के हेतु प्रकाश का स्रोत है और तेरे अपने इस्राएल के लोगों के लिये यह महिमा है।” उसके माता-पिता यीशु के लिए कही गयी इन बातों से अचरज में पड़ गये। फिर शमौन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उसकी माँ मरियम से कहा, “यह बालक इस्राएल में बहुतों के पतन या उत्थान के कारण बनने और एक ऐसा चिन्ह ठहराया जाने के लिए निर्धारित किया गया है जिसका विरोध किया जायेगा। और तलवार से यहां तक कि तेरा अपना प्राण भी छिद जाएगा जिससे कि बहुतों के हृदयों के विचार प्रकट हो जाएं।”

लूकस 2:25-35 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उस समय यरूशलेम में शिमोन नामक एक धर्मी तथा भक्‍त मनुष्‍य रहता था। वह इस्राएल की सान्‍त्‍वना की प्रतीक्षा में था। पवित्र आत्‍मा उस पर था और उसे पवित्र आत्‍मा से यह प्रकाशन मिला था कि, जब तक वह प्रभु के मसीह के दर्शन न कर लेगा, तब तक उसकी मृत्‍यु न होगी। वह पवित्र आत्‍मा की प्रेरणा से मन्‍दिर में आया। जब माता-पिता बालक येशु के लिए व्‍यवस्‍था की विधियाँ पूरी करने उसे भीतर लाए, तब शिमोन ने बालक को अपनी गोद में लिया और परमेश्‍वर की स्‍तुति करते हुए कहा, “हे स्‍वामी, अब तू अपने वचन के अनुसार अपने सेवक को शान्‍ति के साथ विदा कर; क्‍योंकि मेरी आँखों ने उस मुक्‍ति को देख लिया, जिसे तूने सब लोगों के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया है। यह अन्‍य-जातियों को प्रकाशन और तेरी प्रजा इस्राएल को गौरव देने वाली ज्‍योति है।” बालक के विषय में ये बातें सुन कर उसके माता-पिता अचम्‍भे में पड़ गये। शिमोन ने उन्‍हें आशीर्वाद दिया और बालक की माता मरियम से यह कहा, “देखिए, यह बालक एक ऐसा चिह्‍न है जिसका लोग विरोध करेंगे। इस के कारण इस्राएल में बहुतों का पतन और उत्‍थान होगा और एक तलवार आपके हृदय को आर-पार बेध देगी। इस प्रकार बहुत लोगों के मनोभाव प्रकट हो जाएँगे।”

लूकस 2:25-35 Hindi Holy Bible (HHBD)

और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था। और पवित्र आत्मा से उस को चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा। और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें। तो उस ने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद करके कहा, हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है। क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है। जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है। कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो। और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे। तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं -- वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।

लूकस 2:25-35 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यरूशलेम में शमौन नामक एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्‍त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था। और पवित्र आत्मा द्वारा उस पर प्रगट हुआ था कि जब तक वह प्रभु के मसीह को देख न लेगा, तब तक मृत्यु को न देखेगा। वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता–पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें, तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्‍वर का धन्यवाद करके कहा : “हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है, क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है, जिसे तू ने सब देशों के लोगों के सामने तैयार किया है, कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।” उसका पिता और उसकी माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्‍चर्य करते थे। तब शमौन ने उनको आशीष देकर, उसकी माता मरियम से कहा, “देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिह्न होने के लिये ठहराया गया है, जिसके विरोध में बातें की जाएँगी – वरन् तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा – इससे बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।”

लूकस 2:25-35 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उस समय यरूशलेम में शमौन नामक एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की प्रतीक्षा कर रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था। और पवित्र आत्मा के द्वारा प्रकट हुआ, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख न लेगा, तब तक मृत्यु को न देखेगा। और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें, तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद करके कहा: “हे प्रभु, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा कर दे; क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है। जिसे तूने सब देशों के लोगों के सामने तैयार किया है। (यशा. 40:5) कि वह अन्यजातियों को सत्य प्रकट करने के लिए एक ज्योति होगा, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।” (यशा. 42:6, यशा. 49:6) और उसका पिता और उसकी माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे। तब शमौन ने उनको आशीष देकर, उसकी माता मरियम से कहा, “देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिसके विरोध में बातें की जाएँगी (यशा. 8:14-15) (वरन् तेरा प्राण भी तलवार से आर-पार छिद जाएगा) इससे बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।”

लूकस 2:25-35 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

येरूशलेम में शिमओन नामक एक व्यक्ति थे. वह धर्मी तथा श्रद्धालु थे. वह इस्राएल की शांति की प्रतीक्षा कर रहे थे. उन पर पवित्र आत्मा का आच्छादन था. पवित्र आत्मा के द्वारा उन पर यह स्पष्ट कर दिया गया था कि प्रभु के मसीह को देखे बिना उनकी मृत्यु नहीं होगी. पवित्र आत्मा के सिखाने पर शिमओन मंदिर के आंगन में आए. उसी समय मरियम और योसेफ़ ने व्यवस्था द्वारा निर्धारित विधियों को पूरा करने के उद्देश्य से शिशु येशु को लेकर वहां प्रवेश किया. शिशु येशु को देखकर शिमओन ने उन्हें गोद में लेकर परमेश्वर की स्तुति करते हुए कहा. “परम प्रधान प्रभु, अब अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने सेवक को शांति में विदा कीजिए, क्योंकि मैंने अपनी आंखों से आपके उद्धार को देख लिया है, जिसे आपने सभी के लिए तैयार किया है. यह आपकी प्रजा इस्राएल का गौरव, तथा सब राष्ट्रों की ज्ञान की ज्योति है.” मरियम और योसेफ़ अपने पुत्र के विषय में इन बातों को सुन चकित रह गए. शिमओन ने मरियम को संबोधित करते हुए ये आशीर्वचन कहे: “यह पहले से ठहराया हुआ है कि यह शिशु इस्राएल में अनेकों के पतन और उत्थान के लिए चुना गया है. यह एक ऐसा चिन्ह होगा लोकमत जिसके विरुद्ध ही होगा. यह तलवार तुम्हारे ही प्राण को आर-पार बेध देगी—कि अनेकों के हृदयों के विचार प्रकट हो जाएं.”

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।