लेवीय व्यवस्था 6:1-30
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 पवित्र बाइबल (HERV)
यहोवा ने मूसा से कहा, “कोई व्यक्ति यहोवा के प्रति इनमें से किसी एक को करके अपराध कर सकता है: वह किसी अन्य के लिए जिसकी वह देखभाल कर रहा हो, उसे कुछ होने के बारे में झूठ बोल सकता है, अथवा कोई व्यक्ति अपने दिए वचन के बारे में झूठ बोल सकता है, अथवा कोई व्यक्ति कुछ चुरा सकता है, या कोई व्यक्ति किसी को ठग सकता है, अथवा किसी को कोई खोई चीज मिले और तब वह उसके विषय में झूठ बोल सकता है या कोई व्यक्ति कुछ करने का वचन दे सकता है और तब अपने दिये गये वचन को पूरा नहीं करता है, अथवा कोई कुछ अन्य बुरा कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति इनमें से किसी को करता है तो वह पाप करने का दोषी है। उस व्यक्ति को जो कुछ उसने चुराया हो या ठगकर जो कुछ लिया हो या किसी व्यक्ति के कहने से उसकी धरोहर के रूप में जो रखा हो, या किसी का खोया हुआ पाकर उसके बारे में झुठ बोला हो या जिस किसी के बारे में झुठा वचन दिया हो, वह उसे लौटान चाहिए। उसे पूरा मूल्य चुकाना चाहिए और तब उसे वस्तु के मूल्य का पाँचवाँ हिस्सा अतिरिक्त देना चाहिए। उसे असली मालिक को धन देना चाहिए। उसे यह उसी दिन करना चाहिए जिस दिन वह दोषबलि लाए। उस व्यक्ति को दोषबलि याजक के पास लाना चाहिए। यह रेवड़ से एक मेढ़ा होना चाहिए। मेढ़े में कोई दोष नहीं होना चाहिए। यह उसी मूल्य का होना चाहिए जो याजक कहे। यह यहोवा को दी गी दोषबलि होगी। तब याजक यहोवा के पास जाएगा और उस व्यक्ति के उन पापों के लिए भुगतान करेगा जिनका वह अपराधी है, और यहोवा उस व्यक्ति को उन पापों के लिए क्षमा करेगा जिन्होंने उसे अपराधी बनाया।” यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों को यह आदेश दोः यह होमबलि का नियम है। होमबलि को वेदी के अग्नि कुण्ड में पूरी रात सवेरा होने तक रखना चाहिए। वेदी की आग को वेदी पर जलती रहनी चाहिए। याजक को सन के उत्तम रेशों के बने वस्त्र पहनने चाहिए। उसे अपने शरीर से चिपका सन का अर्न्तवस्त्र पहनना चाहिए। तब याजक को वेदी पर होमबलि पर जलने के बाद बची हुई राख को उठाना चाहिए। याजक को वेदी की एक ओर राख को रखना चाहिए। तब याजक को अपने वस्त्रों को उतारना चाहिए और अन्य वस्त्र पहनने चाहिए। तब उसे डेरे से बाहर स्वच्छ स्थान पर राख ले जानी चाहिए। किन्तु वेदी की आग वेदी में जलती रहनी चाहिए। इसे बुझने नहीं देना चाहिए। याजक को हर सुबह वेदी पर लकड़ी जलानी चाहिए। उसे वेदी पर लकड़ी रखनी चाहिए। उसे मेलबलि की चर्बी जलानी चाहिए। वेदी पर आग लगातार जलती रहनी चाहिए। यह बुझनी नहीं चाहिए। “अन्नबलि का यह नियम है कि: हारून के पुत्रों को वेदी के सामने यहोवा के लिए इसे लाना चाहिए। याजक को अन्नबलि में से मुट्ठी भर उत्तम आटा लेना चाहिए। तेल और लोबान अन्नबलि पर अवश्य होना चाहिए। याजक को अन्नबलि को वेदी पर जलाना चाहिए। यह यहोवा को एक सुगन्धित और स्मृति भेंट होगी। “हारून और उसके पुत्रों को बची हुई अन्नबलि को खाना चाहिए। अन्नबलि एक प्रकार की अख़मीरी रोटी की भेंट है। याजक को इस रोटी को पवित्र स्थान में खाना चाहिए। उन्हें मिलापवाले तम्बू के आँगन में अन्नबलि खानी चाहिए। अन्नबलि खमीर के साथ नहीं पकाई जानी चाहिए। मुझको (यहोवा को) आग द्वारा दी जाने वली बलि में से उनके (याजकों के) भाग के रूप में मैंने इसे दिया है। यह पापबलि तथा दोषबलि के समान अत्यन्त पवित्र है। हारून की सन्तानों में से हर एक लड़का आग द्वारा यहोवा को चड़ाई गई भेंट में से खा सकता है। यह तुम्हारी पीढ़ीयों का सदा के लिए नियम है। इन बलियों का स्पर्श उन व्यक्तियों को पवित्र करता है।” यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून तथा उसेके पुत्रों को जो बलि यहोवा को लानी चाहिए, वह यह है। उन्हें यह उस दिन करना चाहिए जिस दिन हारून का अभिषेक हुआ है। उन्हें सदा दो क्वार्ट उत्तम महीन आटा अन्नबलि के लिए लेना चाहिए। उन्हें इसका आधा प्रातः काल तथा आधा सन्ध्या काल में लाना चाहिए। उत्तम महीन आटे में तेल मिलाना चाहिए और उसे कड़ाही में भूनना चाहिए। जब यह भुन जाए तब इसे अन्दर लाना चाहिए। तुम्हें अन्नबलि का चूरमा बना लेना चाहिए। इस की सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी। “हारून के वंश में से वह याजक जिसका हारून के स्थान पर अभिषेक हो, यहोवा को यह अन्नबलि चढ़ाए। यह नियम सदा के लिए है। यहोवा के लिए अन्नबलि पूरी तरह जलाई जानी चाहिए। जाजक की हर एक अन्नबलि पूरी तरह जलाई जानी चाहिए। इसे खाना नहीं चाहिए।” यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों से कहो: पापबलि के लिए यह नियम है कि पापबलि को भी वहीं मारा जाना चाहिए जहाँ यहोवा के सामने होमबलि को मारा जाता है। यह अत्यन्त पवित्र है। उस याजक को इसे खाना चाहिए, जो पापबलि चढ़ाता है। उसे पवित्र स्थान पर मिलापवाले तम्बू के आँगन में इसे खाना चाहिए। पापबलि के माँस का स्पर्श किसी भी व्यक्ति को पवित्र करता है। “यदि छिड़का हुआ खून किसी के वस्त्रों पर पड़ता है तो उन वस्त्रों को धो दिया जाना चाहिए। तुम्हें उन वस्त्रों को एक निश्चित पवित्र स्थान में धोना चाहिए। यदि पापबलि किसी मिट्टी के बर्तन में उबाली जाए तो उस बर्तन को फोड़ देना चाहिए। यदि पापबलि को काँसे के बर्तन में उबाला जाय तो बर्तन को माँजा जाए और पानी में धोया जाए। “परिवार का प्रत्येक पुरुष सदस्य याजक, पापबलि को खा सकात है। यह अत्यन्त पवित्र है। किन्तु यदि पापबलि का खून पवित्र स्थान को शुद्ध करने के लिए मिलापवाले तम्बू में ले जाया गया हो तो पापबलि को आग में जला देना चाहिए। याजक उस पापबलि को नहीं खा सकते।”
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्रभु मूसा से बोला, ‘यदि कोई व्यक्ति पाप करता है, धरोहर अथवा अमानत के सम्बन्ध में या चोरी के द्वारा अपने देश-भाई अथवा बहिन को धोखा देकर प्रभु के प्रति विश्वास-भंग करता है, अथवा यदि उसने अपने देश-भाई अथवा बहिन पर अत्याचार किया है, या खोई हुई वस्तु को पाकर उसके विषय में झूठ बोला है, झूठी शपथ खाई है, अर्थात् इन समस्त कार्यों में से एक कार्य भी करने के कारण पाप करता है, तो जब वह पाप करके दोषी हो जाता है तब जो उसने लूटा था, अथवा अत्याचार करके प्राप्त किया था, या उसके पास रखी गई धरोहर, अथवा खोई हुई वस्तु जो उसने पाई थी; या जिस वस्तु के विषय में उसने झूठी शपथ खाई थी, इन सबको वह लौटाएगा। वह इनकी पूरी-पूरी क्षति-पूर्ति करेगा, और उसमें पांचवां भाग जोड़कर अपनी दोष-बलि के दिन उस व्यक्ति को देगा, जिसको वह देय है। वह अपनी दोष-बलि के रूप में रेवड़ में से एक निष्कलंक मेढ़ा पुरोहित के पास प्रभु के सम्मुख लाएगा। मेढ़ा उतने ही मूल्य का होगा जितना पुरोहित दोष-बलि का निश्चित करेगा। पुरोहित उस व्यक्ति के हेतु प्रभु के सम्मुख प्रायश्चित करेगा; इन समस्त कार्यों में से उस एक कार्य के लिए जिसके द्वारा वह दोषी हो गया था, उसे क्षमा प्राप्त होगी।’ प्रभु मूसा से बोला, ‘हारून और उसके पुत्रों को यह आदेश दे : यह अग्नि-बलि की व्यवस्था है। अग्नि-बलि भट्टी के ऊपर रातभर तथा सबेरे तक वेदी पर रहेगी। वेदी की अग्नि उसमें जलती रहेगी। पुरोहित अपना सूती वस्त्र तथा शरीर पर सूती जांघिया पहिनेगा। तत्पश्चात् वह वेदी पर की राख, जो अग्नि के द्वारा अग्नि-बलि को भस्म करके बनी है, उठाएगा और उसे वेदी की एक ओर रखेगा। तदुपरान्त वह अपने ये वस्त्र उतार कर दूसरे वस्त्र पहनेगा और राख को पड़ाव के बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाएगा। वेदी पर अग्नि निरन्तर जलती रहेगी; वह कभी न बुझने पाए। पुरोहित प्रतिदिन सबेरे उसपर लकड़ी जलाएगा, और अग्नि-बलि के टुकड़े उस पर सजाकर रखेगा। वह सहभागिता-बलि की चर्बी उस पर जलाएगा। वेदी पर अग्नि निरन्तर जलती रहेगी; वह कभी न बुझने पाए। ‘यह अन्न-बलि की व्यवस्था है : हारून के पुत्र उसको वेदी के सामने, प्रभु के सम्मुख चढ़ाएंगे। उनमें से एक पुत्र अन्न-बलि का मुट्ठी भर तेल-सम्मिश्रित मैदा तथा अन्न-बलि के ऊपर रखा हुआ सारा लोबान लेगा, और इसको अन्न-बलि के स्मरण दिलाने वाले भाग के रूप में वेदी पर जलाएगा कि यह प्रभु को सुखद सुगन्ध हो। हारून और उसके पुत्र उसका शेष भाग खाएंगे। वह बिना खमीर डाले पवित्र स्थान में खाया जाएगा। वे उसको मिलन-शिविर के आंगन में खाएंगे। वह खमीर के साथ नहीं पकाया जाएगा। यह भाग मैंने अग्नि में अर्पित अपनी बलियों में से उनको प्रदान किया है। यह पाप-बलि तथा दोष-बलि के सदृश परम पवित्र है। हारून के वंश के सब पुरुष उसको खा सकते हैं। यह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक स्थायी संविधि है कि प्रभु को अग्नि में अर्पित बलियों में से यह भाग पुरोहितों का होगा। जो बलि को स्पर्श करेगा, वह पवित्र हो जाएगा।’ प्रभु मूसा से बोला, ‘जिस दिन हारून का पुरोहित पद पर अभ्यंजन किया जाएगा उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ प्रभु को यह चढ़ावा चढ़ाएगा : एक किलो मैदा अन्न-बलि में निरन्तर चढ़ाएगा; उसका आधा भाग सबेरे और आधा भाग सन्ध्या के समय चढ़ाएगा। वह तवे पर तेल में पकाया जाएगा। जब वह तेल में तर हो जाए तब अन्न-बलि के पके हुए टुकड़े के रूप में उसे लाना, और प्रभु के लिए सुखद सुगन्ध के हेतु चढ़ाना। हारून के पुत्रों में से जो पुरोहित उसके स्थान पर अभ्यंजित होगा, वह भी स्थायी संविधि के अनुसार प्रभु को उसे अर्पित करेगा; उसका सम्पूर्ण भाग जलाया जाएगा। पुरोहित की सब अन्न-बलि पूर्णत: जलाई जाएगी। वह कभी नहीं खाई जाएगी।’ प्रभु मूसा से बोला, ‘तू हारून और उसके पुत्रों से बोलना, यह पाप-बलि की व्यवस्था है : जिस स्थान पर अग्नि-बलि के पशु का वध किया जाता है, उसी स्थान पर प्रभु के सम्मुख पाप-बलि के पशु का वध किया जाएगा। वह बलि परम पवित्र है। उसको पाप के निमित्त चढ़ाने वाला पुरोहित खाएगा। वह पवित्र स्थान पर, मिलन-शिविर के आंगन में खाया जाएगा। जो कोई उसके मांस का स्पर्श करेगा, वह पवित्र हो जाएगा। यदि उसके रक्त के छींटे वस्त्र पर पड़ेंगे तो उस वस्त्र को जिस पर छींटे पड़ गए हैं, पवित्र स्थान पर धोना। जिस मिट्टी के पात्र में वह उबाला जाएगा, उसको तोड़ देना। किन्तु यदि वह कांस्य के पात्र में उबाला गया है तो वह मांजा और जल से धोया जाएगा। पुरोहितों के परिवार के सब पुरुष उसको खा सकते हैं। वह परम पवित्र है। किन्तु जिस पाप-बलि का रक्त पवित्र-स्थान पर प्रायश्चित के लिए मिलन-शिविर में लाया गया है, वह बलि नहीं खाई जाएगी वरन् आग में जलाई जाएगी।
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 Hindi Holy Bible (HHBD)
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, वा लेनदेन, वा लूट के विषय में अपने भाई से छल करे, वा उस पर अन्धेर करे, वा पड़ी हुई वस्तु को पाकर उसके विषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्यों न हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं, तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उसने लूट, वा अन्धेर करके, वा धरोहर, वा पड़ी पाई हो; चाहे कोई वस्तु क्यों न हो जिसके विषय में उसने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा पूरा लौटा दे, और पांचवां भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है, उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे। और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्थात एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए। इस प्रकार याजक उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी क्षमा उसे मिलेगी॥ फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह, कि होमबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात होमबलि ईधन के ऊपर रात भर भोर तब वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे। और याजक अपने सनी के वस्त्र और अपने तन पर अपनी सनी की जांघिया पहिनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठा कर वेदी के पास रखे। तब वह अपने वस्त्र उतारकर दूसरे वस्त्र पहिनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाए। और वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुझने न पाए; और याजक भोर भोर उस पर लकडिय़ां जलाकर होमबलि के टुकड़ों को उसके ऊपर सजाकर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियों की चरबी को जलाया करे। वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए॥ अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है, कि हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएं। और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठा कर अन्नबलि के स्मरणार्थ के इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर जलाए। और उस में से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्र खा जाएं; वह बिना खमीर पवित्र स्थान में खाया जाए, अर्थात वे मिलापवाले तम्बू के आंगन में उसे खाएं। वह खमीर के साथ पकाया न जाए; क्योंकि मैं ने अपने हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिये उन्हें दिया है; इसलिये जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्र है वैसा ही वह भी है। हारून के वंश के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यहोवा के हवनों में से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पवित्र ठहरेगा॥ फिर यहोवा ने मूसा से कहा, जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्थात एपा का दसवां भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उस में से आधा भोर को और आधा सन्ध्या के समय चढ़ाए। वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पड़े हुए टुकड़े यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिये चढ़ाना। और उसके पुत्रों में से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधी सदा के लिये है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाये। याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएं; वह कभी न खाया जाए॥ फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून और उसके पुत्रों से यह कह, कि पापबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है। और जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्र स्थान में, अर्थात मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। जो कुछ उसके मांस से छू जाए, वह पवित्र ठहरेगा; और यदि उसके लोहू के छींटे किसी वस्त्र पर पड़ जाएं, तो उसे किसी पवित्रस्थान में धो देना। और वह मिट्टी का पात्र जिस में वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्र में सिझाया गया हो, तो वह मांजा जाए, और जल से धो लिया जाए। और याजकों में से सब पुरूष उसे खा सकते हैं; वह परमपवित्र वस्तु है। पर जिस पापबलिपशु के लोहू में से कुछ भी खून मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रस्थान में प्रायश्चित्त करने को पहुंचाया जाए तब तो उसका मांस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए॥
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, या लेनदेन, या लूट के विषय में अपने भाई से छल करे, या उस पर अन्धेर करे, या पड़ी हुई वस्तु को पाकर उसके विषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्यों न हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं, तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उसने लूट, या अन्धेर करके, या धरोहर, या पड़ी पाई हो; चाहे कोई भी वस्तु क्यों न हो जिसके विषय में उसने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा पूरा लौटा दे, और पाँचवाँ भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे। और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्थात् एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए। इस प्रकार याजक उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित्त करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी क्षमा उसे मिलेगी।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह कि होमबलि की व्यवस्था यह है : होमबलि ईंधन के ऊपर रात भर भोर तक वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे। और याजक अपने सनी के वस्त्र और अपने तन पर अपनी सनी की जाँघिया पहिनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठाकर वेदी के पास रखे। तब वह अपने ये वस्त्र उतारकर दूसरे वस्त्र पहिनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाए। वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुझने न पाए; और याजक प्रतिदिन भोर को उस पर लकड़ियाँ जलाकर होमबलि के टुकड़ों को उसके ऊपर सजाकर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियों की चरबी को जलाया करे। वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए। “अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है : हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएँ। और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठाकर अन्नबलि के स्मरणार्थ इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर जलाए। और उसमें से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्र खाएँ; वह बिना ख़मीर पवित्रस्थान में खाया जाए, अर्थात् वे मिलापवाले तम्बू के आँगन में उसे खाएँ। वह ख़मीर के साथ पकाया न जाए; क्योंकि मैं ने अपने हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिये उन्हें दिया है; इसलिये जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्र हैं, वैसा ही वह भी है। हारून के वंश के सब पुरुष उस में से खा सकते हैं, तुम्हारी पीढ़ी–पीढ़ी में यहोवा के हवनों में से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पवित्र ठहरेगा।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्थात् एपा का दसवाँ भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उस में से आधा भोर को और आधा सन्ध्या के समय चढ़ाए। वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पके हुए टुकड़े यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिये चढ़ाना। हारून के पुत्रों में से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधि सदा के लिये है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाये। याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएँ; वह कभी न खाया जाए।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है : जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है। जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। जो कुछ उसके मांस से छू जाए, वह पवित्र ठहरेगा; और यदि उसके लहू के छींटे किसी वस्त्र पर पड़ जाएँ, तो उसे किसी पवित्रस्थान में धो देना। और वह मिट्टी का पात्र जिसमें वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्र में उबाला गया हो, तो वह मांजा जाए, और जल से धो लिया जाए। याजकों में से सब पुरुष उसे खा सकते हैं; वह परमपवित्र वस्तु है। पर जिस पापबलिपशु के लहू में से कुछ भी लहू मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रस्थान में प्रायश्चित्त करने को पहुँचाया जाए, उसका मांस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए।
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, या लेन-देन, या लूट के विषय में अपने भाई से छल करे, या उस पर अत्याचार करे, या पड़ी हुई वस्तु को पाकर उसके विषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्यों न हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं, तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उसने लूट, या अत्याचार करके, या धरोहर, या पड़ी पाई हो; चाहे कोई वस्तु क्यों न हो जिसके विषय में उसने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा-पूरा लौटा दे, और पाँचवाँ भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है, उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे। और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्थात् एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए। इस प्रकार याजक उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी क्षमा उसे मिलेगी।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह कि होमबलि की व्यवस्था यह है: होमबलि ईंधन के ऊपर रात भर भोर तक वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे। और याजक अपने सनी के वस्त्र और अपने तन पर अपनी सनी की जाँघिया पहनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठाकर वेदी के पास रखे। तब वह अपने ये वस्त्र उतारकर दूसरे वस्त्र पहनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाए। वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुझने न पाए; और याजक प्रतिदिन भोर को उस पर लकड़ियाँ जलाकर होमबलि के टुकड़ों को उसके ऊपर सजा कर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियों की चर्बी को जलाया करे। वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए। “अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है: हारून के पुत्र उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएँ। और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठाकर अन्नबलि के स्मरणार्थ इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर जलाए। और उसमें से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्र खाएँ; वह बिना ख़मीर पवित्रस्थान में खाया जाए, अर्थात् वे मिलापवाले तम्बू के आँगन में उसे खाएँ। (1 कुरि. 9:13) वह ख़मीर के साथ पकाया न जाए; क्योंकि मैंने अपने हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिये उन्हें दिया है; इसलिए जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्र हैं वैसा ही वह भी है। तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में हारून के वंश के सब पुरुष उसमें से खा सकते हैं, यहोवा के हवनों में से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पवित्र ठहरेगा।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्थात् एपा का दसवाँ भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उसमें से आधा भोर को और आधा संध्या के समय चढ़ाए। वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पके हुए टुकडे़ यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिये चढ़ाना। हारून के पुत्रों में से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधि सदा के लिये है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाए। याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएँ; वह कभी न खाया जाए।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून और उसके पुत्रों से यह कह कि पापबलि की व्यवस्था यह है: जिस स्थान में होमबलि पशु वध किया जाता है उसी में पापबलि पशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्र है। जो याजक पापबलि चढ़ाए वह उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। (1 कुरि. 9:13) जो कुछ उसके माँस से छू जाए, वह पवित्र ठहरेगा; और यदि उसके लहू के छींटे किसी वस्त्र पर पड़ जाएँ, तो उसे किसी पवित्रस्थान में धो देना। और वह मिट्टी का पात्र जिसमें वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्र में उबाला गया हो, तो वह माँजा जाए, और जल से धो लिया जाए। याजकों में से सब पुरुष उसे खा सकते हैं; वह परमपवित्र वस्तु है। पर जिस पापबलि पशु के लहू में से कुछ भी लहू मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रस्थान में प्रायश्चित करने को पहुँचाया जाए उसका माँस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए।
लेवीय व्यवस्था 6:1-30 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
याहवेह ने मोशेह को कहा, “जब कोई व्यक्ति पाप करे, याहवेह के विरुद्ध विश्वासघात करे, तथा अपने पड़ोसी द्वारा सौंपी गई धरोहर अथवा सुरक्षा के संदर्भ में उससे छल करे, अथवा उसे लूटे, अथवा अपने पड़ोसी को सताए, अथवा उसे कोई खोई हुई वस्तु प्राप्त हुई हो और वह इसके विषय में झूठ बोल कर झूठी शपथ खाए, यानी इनमें से किसी भी कार्य को करने के द्वारा पाप करे; इसका प्रावधान यह होगा: जब वह पाप करे और उसे इसका अहसास हो जाए, तब वह लूटी गई सामग्री, अथवा वह जो उत्पीड़न से प्राप्त किया गया है, अथवा जो धरोहर उसे सौंपी गई थी, अथवा जो खोई हुई वस्तु उसे प्राप्त हुई थी, अथवा किसी ऐसी वस्तु के संदर्भ में जिसके लिए उसने झूठी शपथ खाई थी; उसे इसकी पूरी भरपाई करनी होगी, और उसे इसका पांचवां भाग अतिरिक्त देना होगा. जिस दिन वह अपनी दोष बलि भेंट करे, उस दिन वह उस व्यक्ति को ये सब वस्तुएं लौटा दे जिसकी ये वस्तुएं थीं. तब वह उपयुक्त मूल्य का निर्दोष मेढ़ा दोष बलि के रूप में याहवेह के लिए भेड़-बकरियों में से पुरोहित के पास लेकर आए, यह दोष बलि है, और पुरोहित याहवेह के सामने उसके लिए प्रायश्चित सम्पन्न करे. इस प्रकार उसे इनमें से किसी भी दोष के लिए क्षमा प्रदान कर दी जाएगी.” याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया, “अहरोन और उनके पुत्रों को यह आदेश दो, ‘होमबलि के लिए विधि यह है: होमबलि पूरी रात से लेकर सुबह तक वेदी वेदी के चूल्हे पर ही रहे, और वेदी पर अग्नि जलती रहे. पुरोहित अपने सफ़ेद मलमल के वस्त्र और अपनी देह पर मलमल की जांघिया पहने; वह वेदी की राख, जो अग्नि द्वारा जलाई गई है, उठाए और उसे वेदी की एक ओर रख दे. इसके बाद वह अपने ये वस्त्र उतार दूसरे वस्त्र पहने और राख को छावनी के बाहर एक स्वच्छ स्थान पर ले जाए. वेदी पर अग्नि जलती रहे. यह बुझने न पाए, किंतु पुरोहित हर सुबह इस पर लकड़ियां रख दे; इन पर होमबलि को रखे, और इस पर मेल बलि के चर्बी वाले भाग को अग्नि में जलाया करे. वेदी पर अग्नि लगातार जलती रहे. यह बुझने न पाए. “ ‘अन्नबलि के लिए विधि यह है: अहरोन के पुत्र इसे याहवेह के लिए वेदी के सामने प्रस्तुत करें. उनमें से एक पुरोहित इस अन्नबलि में से एक मुट्ठी भर आटा, तेल तथा इस पर रखे सारे लोबान को ले, और इसे वेदी की अग्नि में जलाए. यह याहवेह को स्मरण बलि के लिए भेंट की गई सुखद-सुगंध है. इसमें से जो भाग बच जाए, अहरोन और उसके पुत्र उसका इस्तेमाल करें. इसका इस्तेमाल पवित्र स्थान में बिना खमीर की रोटी के रूप में किया जाए; उन्हें इसका इस्तेमाल मिलनवाले तंबू के आंगन में ही करना है. इसे खमीर के साथ पकाया न जाए; मैंने इसे उनके भाग के रूप में अपनी होमबलि में से प्रदान किया है, यह पापबलि तथा दोष बलि के समान परम पवित्र है. अहरोन के पुत्रों में से हर एक इसका इस्तेमाल करे; याहवेह को भेंट की गई होमबलियों में से तुम्हारी पीढ़ियों के लिए यह हमेशा की विधि है. जो कोई इन बलियों को छुएगा, वह अपने आप पवित्र हो जाएगा.’ ” याहवेह ने मोशेह को यह भी आदेश दिया, “जब कभी अहरोन की पौरोहितिक परंपरा के अंतर्गत किसी पुरोहित का अभिषेक किया जाए, तो अहरोन और उनके पुत्र याहवेह को यह बलि भेंट करें; उस बलि में नियमित अन्नबलि के रूप में सबसे उत्तम डेढ़ किलो आटा भेंट किया जाए; आधा सुबह और आधा शाम को. इसे तवे पर तेल के साथ पकाया जाए. जब यह पूरी तरह पक जाए, तब तुम उसे लाकर टुकड़ों में याहवेह को सुखद-सुगंध के रूप में अन्नबलि चढ़ाना. उसके पुत्रों में से जो उसके स्थान पर पुरोहित अभिषिक्त किया जाएगा, वह उस भेंट चढ़ाए. यह याहवेह के लिए अग्नि में जलाई हुई हमेशा की विधि के रूप में भेंट पूरी अन्नबलि भेंट हो. पुरोहित की हर एक अन्नबलि; यह पूरी तरह से जलाई जाए. इसको खाया न जाए.” याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया, “अहरोन और उसके पुत्रों को यह आदेश दो, ‘पापबलि के लिए विधि यह है: जिस स्थान पर होमबलि के लिए निर्धारित पशु का वध किया जाता है, उसी स्थान पर याहवेह के सामने पापबलि के लिए निर्धारित पशु का वध किया जाए; यह परम पवित्र है. इसको वही पुरोहित खाए, जो इसे पाप के लिए भेंट करता है. ज़रूरी है कि इसको सिर्फ़ पवित्र स्थान में ही खाया जाए; मिलाप वाले तंबू के आंगन में ही. जो कोई इसके मांस को छू लेगा, वह पवित्र हो जाएगा; यदि उसके रक्त के छींटे किसी वस्त्र पर आ पड़ें, तो ज़रूरी है कि इसे किसी पवित्र स्थान में ही धो दिया जाए. मिट्टी के जिस बर्तन में इसे पकाया गया था, उसे तोड़ दिया जाए; यदि इसे पीतल के बर्तन में पकाया गया हो, तो उस पात्र को रगड़-रगड़ कर पानी से धो दिया जाए. अहरोन के पुत्रों में से हर एक पुरुष इसको खा सकता है; यह परम पवित्र है. किंतु, किसी पापबलि को न खाया जाए, जिसका रक्त पवित्र स्थान के मिलनवाले तंबू में प्रायश्चित के लिए लाया गया है, उसको, इस अग्नि में जला दिया जाए.