लेवीय व्यवस्था 19:19-37
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 पवित्र बाइबल (HERV)
“तुम्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। दो जातियों के पशुओं को प्रजनन के लिए आपस में मत मिलाओ। तुम्हें खेत में दो प्रकार के बीज नहीं बोने चाहिये। तुम्हें दो प्रकार सी चीज़ो को मिलावट से बने वस्त्रों को नहीं पहनना चाहिए। “यह हो सकता है कि किसी दूसरे व्यक्ति की दासी से किसी व्यक्ति का यौन सम्बन्ध हो। यदि यह दासी न तो खरीदी गई है न ही स्वतन्त्र कराई गई है तो उन्हें दण्ड दिया जाना चाहिए। किन्तु वे मारे नहीं जाएंगे। क्यों? क्योंकि स्त्री स्वतन्त्र नहीं थी। उस व्यक्ति को अपने अपराध के लिए मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा को बलि चढ़ानी चाहिए। व्यक्ति को एक मेढ़ा दोषबलि के रूप में लाना चाहिए। याजक उस व्यक्ति के पापों के भुगतान करने के लिए उपासना करेगा। याजक यहोवा को दोषबलि के रूप में मेढ़े को चढ़ाएगा। यह व्यक्ति के किए हुए पापों के लिए होगा। तब व्यक्ति अपने किए पाप के लिए क्षमा किया जाएगा। “भविष्य में तुम अपने प्रदेश में प्रवेश करोगे। उस समय भोजन के लिए तुम अनेकों प्रकार के पेड़ लगाओगे। पेड़ लगाने के बाद पेड़ के किसी फल का उपयोग करने के लिए तुम्हें तीन वर्ष तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। तुम्हें उससे पहले के फल का उपयोग नहीं करना चाहिए। चौथे वर्ष उस पेड़ के फल यहोवा के होंगे। यह यहोवा की स्तुति के लिए पवित्र भेंट होगी। तब, पाँचवें वर्ष तुम उस पेड़ का फल खासकते हो और पेड़ तुम्हारे लिए अधिक से अधिक फल पैदा करेगा। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! “तुम्हें कोई चीज़, उसमें खून रहते तक नहीं खानी चाहिए। “तुम्हें भविष्यवाणी करने के लिये जादू या शगुन आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए। “तुम्हें अपने सिर के बगल के बढ़े बालों को कटवाना नहीं चाहिए। तुम्हें अपनी दाढ़ी के किनारे नहीं कटवाने चाहिए। किसी मरे व्यक्ति की याद को बनाए रखने के लिए तुम्हें अपने शरीर को काटना नहीं चाहिए। तुम्हें अपने ऊपर कोई चिन्ह गुदवाना नहीं चाहिए में यहोवा हूँ! “तुम अपनी पुत्री को वेश्या मत बनने दो। इससे केवल यह पता चलता है कि तुम उसका आदर नहीं करते। तुम अपने देश में स्त्रियों को वेश्याएँ मत बनने दो। तुम अपने देश को इस प्रकार के पापों से मत भर जानेदो। “तुम्हें मेरे विश्राम के विशेष दिनों में काम नहीं करना चाहिए। तुम्हें मेरे पवित्र स्थान का सम्मान करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ! “ओझाओं तथा भूतसिद्धियों के पास सलाह के लिए मत जाओ। उनके पास तुम मत जाओ, वे केवल तुम्हें अशुद्ध बनाएँगें। में तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!” “बूढ़े लोगों का सम्मान करो। जब वे कमरे में आएँ तो खड़े हो जाओ। अपने परमेश्वर का सम्मान करो। मैं यहोवा हूँ!” “अपने देश में रहने वाले विदेशियों के साथ बुरा व्यवहार मत करो! तुम्हें विदेशियों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा तुम अपने नागरिकों के साथ करते हो। तुम विदेशियों से वैसा प्यार करो जैसा अपने से करते हो। क्यों? क्योंकि तुम भी एक समय मिस्र में विदेशी थे। मैं तुम्हारा परमेशवर यहोवा हूँ! “तम्हें न्याय करते समय लोगों के प्रति ईमानदार होना चाहिए। तुम्हें चीज़ों के नापने और तौलने में ईमानदार होना चाहिए। तुम्हारी टोकरियाँ ठीक माप की होनी चाहिए। तुम्हारे नापने के पात्रों में द्रव की उचित मात्रा आनी चाहिए। तुम्हारे तराजू और तुम्हारे बाट चीज़ों को ठीक तौलने वाले होने चाहिए। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया! “तुम्हें मेरे सभी नियमों और निर्णयों को याद रखना चाहिए और तुम्हें उनका पालन करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ!”
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘तुम मेरी संविधियों का पालन करना। तुम अपने पशुओं को विजातीय पशुओं से गर्भाधान मत कराना। तुम अपने खेतों में दो जाति के बीज नहीं बोना, और न सूती-ऊनी धागे के सम्मिश्रण से बुने हुए वस्त्र अपने ऊपर धारण करना। ‘यदि कोई पुरुष ऐसी स्त्री के साथ, जो दासी है, जिसकी मंगनी दूसरे पुरुष से हुई है और जिसको मूल्य देकर मुक्त नहीं किया गया है, अथवा जिसे स्वतन्त्रता नहीं दी गई है, कामुक होकर सहवास करता है, तो जांच-पड़ताल की जाएगी। उन्हें मृत्यु-दण्ड नहीं मिलेगा; क्योंकि वह स्वतन्त्र नहीं थी। किन्तु वह पुरुष प्रभु के लिए दोष-बलि में चढ़ाने के हेतु एक मेढ़ा मिलन-शिविर के द्वार पर लाएगा। जो पाप उसने किया है, उसके लिए पुरोहित प्रभु के सम्मुख दोष-बलि के मेढ़े से प्रायश्चित करेगा। तब उसका पाप क्षमा किया जाएगा। ‘जब तुम कनान देश में प्रवेश करोगे, और वहाँ आहार के लिए सब प्रकार के वृक्ष लगाओगे, तब उनके फलों को वर्जित मानना। तीन वर्ष तक उनके फल तुम्हारे लिए वर्जित रहेंगे। तुम उन्हें कदापि मत खाना। वृक्ष के सब फल चौथे वर्ष में प्रभु के स्तुति-उत्सव के निमित्त पवित्र होंगे। तुम पांचवें वर्ष में उनके फल खा सकते हो, जिससे वे तुम्हारे लिए फल की भरपूर फसल उत्पन्न करें। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ। ‘तुम रक्त सम्मिश्रित मांस मत खाना। तुम शकुन-अपशकुन मत मानना, और न जादू-टोना करना। तुम मृत्यु शोक प्रकट करने के लिए अपनी कनपटी के केशों को मत मूंड़ना और न दाढ़ी के किनारे को काटना। किसी व्यक्ति की मृत्यु के कारण अपने शरीर पर घाव मत करना, और न उस पर गोदने गुदवाना। मैं प्रभु हूँ। ‘तुम अपनी पुत्री को वेश्या बनाकर भ्रष्ट मत करना; ऐसा न हो कि सारा देश वेश्यागमन करने लगे और वह लम्पटता से भर जाए। तुम मेरे विश्राम-दिवसों का पालन करना; मेरे पवित्र-स्थान के प्रति श्रद्धा रखना। मैं प्रभु हूँ। ‘तुम ओझों अथवा भूत-प्रेत साधनेवालों की ओर उन्मुख मत होना। उन्हें मत खोजना, अन्यथा उनके द्वारा तुम अपवित्र हो जाओगे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ। ‘तुम आदर देने के लिए वृद्ध मनुष्य के सम्मुख खड़े होना, और वयोवृद्ध मनुष्य का सम्मान करना। तुम अपने परमेश्वर से डरना। मैं प्रभु हूँ। ‘यदि कोई प्रवासी तुम्हारे साथ तुम्हारे देश में निवास करता है तो तुम उस पर अत्याचार मत करना। तुम्हारे मध्य में निवास करने वाला प्रवासी व्यक्ति तुम्हारे लिए देशी भाई अथवा बहिन के सदृश होगा। तुम उससे अपने समान प्रेम करना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में प्रवासी थे। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ। ‘तुम न्याय, पाप, तौल और मात्रा में अन्याय मत करना। तुम्हारे तराजू, बाट, किलो और लिटर सब ठीक-ठीक हों। मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जिसने तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाला है। तुम मेरी सब संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों का पालन करना, और उन्हें व्यवहार में लाना। मैं प्रभु हूँ।’
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 Hindi Holy Bible (HHBD)
तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहिनना। फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरूष से हुई हो, परन्तु वह न तो दाम से और न सेंतमेंत स्वाधीन की गई हो; उससे यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएं। पर वह पुरूष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए। और याजक उसके किये हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा। फिर जब तुम कनान देश में पंहुचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानों खतनारहित ठहरें रहें; इसलिये उन में से कुछ न खाया जाए। और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्र ठहरें। तब पांचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिये कि उन से तुम को बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। तुम लोहू लगा हुआ कुछ मांस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ वा अशुभ मुहूर्तों को मानना। अपने सिर में घेरा रखकर न मुंड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुंड़ाना। मुर्दों के कारण अपने शरीर को बिलकुल न चीरना, और न उस में छाप लगाना; मैं यहोवा हूं। अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण महापाप से भर जाए। मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूं। ओझाओं और भूत साधने वालों की ओर न फिरना, और ऐसों को खोज करके उनके कारण अशुद्ध न हो जाना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। पक्के बाल वाले के साम्हने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्वर का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूं। और यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना। जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में कुटिलता न करना। सच्चा तराजू, धर्म के बटखरे, सच्चा एपा, और धर्म का हीन तुम्हारे पास रहें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया। इसलिये तुम मेरी सब विधियों और सब नियमों को मानते हुए निरन्तर पालन करो; मैं यहोवा हूं॥
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल खाने न देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहिनना। “फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरुष से हुई हो, परन्तु वह न तो दाम से और न सेंतमेंत स्वाधीन की गई हो; उससे यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएँ। पर वह पुरुष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए। और याजक उसके किये हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित्त करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा। “फिर जब तुम कनान देश में पहुँचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानो खतनारहित ठहरे रहें; इसलिये उनमें से कुछ न खाया जाए। और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्र ठहरें। तब पाँचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिये कि उनसे तुम को बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “तुम लहू लगा हुआ कुछ मांस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ या अशुभ मुहूर्तों को मानना। अपने सिर में घेरा रखकर न मुँड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुँड़ाना। मुर्दों के कारण अपने शरीर को बिलकुल न चीरना, और न उसमें छाप लगाना; मैं यहोवा हूँ। “अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण महापाप से भर जाए। मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। “ओझाओं और भूत साधने वालों की ओर न फिरना, और ऐसों की खोज करके उनके कारण अशुद्ध न हो जाना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “पक्के बालवाले के सामने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्वर का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। “यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना। जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में कुटिलता न करना। सच्चा तराजू, धर्म के बटखरे, सच्चा एपा, और धर्म का हीन तुम्हारे पास रहें; मैं तुम्हारा वह परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया। इसलिये तुम मेरी सब विधियों और सब नियमों को मानते हुए निरन्तर पालन करो; मैं यहोवा हूँ।”
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहनना। “फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरुष से हुई हो, परन्तु वह न तो दास से और न सेंत-मेंत स्वाधीन की गई हो; उससे यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएँ। पर वह पुरुष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए। और याजक उसके किए हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा। “फिर जब तुम कनान देश में पहुँचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानो खतनारहित ठहरे रहें; इसलिए उनमें से कुछ न खाया जाए। और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्र ठहरें। तब पाँचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिए कि उनसे तुम को बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “तुम लहू लगा हुआ कुछ माँस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ या अशुभ मुहूर्त्तों को मानना। अपने सिर में घेरा रखकर न मुण्डाना, और न अपने गाल के बालों को मुण्डाना। मुर्दों के कारण अपने शरीर को बिलकुल न चीरना, और न उसमें छाप लगाना; मैं यहोवा हूँ। “अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण महापाप से भर जाए। मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। “ओझाओं और भूत साधनेवालों की ओर न फिरना, और ऐसों की खोज करके उनके कारण अशुद्ध न हो जाना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “पक्के बाल वाले के सामने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्वर का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। (1 तीमु. 5:1) “यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दुःख न देना। जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। “तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में, कुटिलता न करना। सच्चा तराजू, धर्म के बटखरे, सच्चा एपा, और धर्म का हीन तुम्हारे पास रहें; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुम को मिस्र देश से निकाल ले आया। इसलिए तुम मेरी सब विधियों और सब नियमों को मानते हुए निरन्तर पालन करो; मैं यहोवा हूँ।”
लेवीय व्यवस्था 19:19-37 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
“ ‘मेरी विधियों का पालन करना. “ ‘तुम अपने पशुओं में दो भिन्न प्रकार के पशुओं का मेल न कराना; “ ‘तुम अपने खेत में दो भिन्न प्रकार के बीज न बोना. “ ‘न ही वह वस्त्र पहनना, जिसमें दो प्रकार की सामग्रियों का मिश्रण किया गया हो. “ ‘यदि कोई व्यक्ति उस स्त्री से, जो दासी है और किसी अन्य की मंगेतर है, तथा किसी भी प्रकार से उसका दाम नहीं चुकाया गया, न ही उसे स्वतंत्र किया गया है, सहवास कर लेता है, तब उन्हें दंड तो दिया जाएगा किंतु मृत्यु दंड नहीं, क्योंकि वह स्त्री उस समय दासत्व में थी. वह व्यक्ति मिलनवाले तंबू के द्वार पर दोष बलि के लिए एक मेढ़ा याहवेह को भेंट करे. फिर पुरोहित दोष बलि के उस मेढ़े के साथ याहवेह के सामने उस व्यक्ति तथा उसके द्वारा किए गए पाप के लिए प्रायश्चित पूरा करे, तब उसके द्वारा किया गया पाप क्षमा कर दिया जाएगा. “ ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करके सभी प्रकार के खानेवाले फलों के वृक्षों को उगाओगे, तो याद रहे कि इन बोए हुए वृक्षों के फल तुम्हारे लिए वर्जित होंगे. पहले तीन वर्षों के लिए ये फल तुम्हारे लिए वर्जित होंगे; इनको न खाया जाए. किंतु चौथे वर्ष इसके सारे फल याहवेह की स्तुति में भेंट पवित्र फल होंगे. पांचवें वर्ष तुम इनको खा सकते हो कि यह तुम्हें बहुत मात्रा में फल दे सके; याहवेह तुम्हारा परमेश्वर मैं ही हूं. “ ‘तुम किसी भी वस्तु को लहू के साथ न खाना. “ ‘न ही शकुन विचारना अथवा जादू-टोना करना. “ ‘तुम अपनी कनपटी के बाल न कतरना और न अपनी दाढ़ी को किनारों से काटना. “ ‘मृतकों के लिए तुम अपनी देह में कोई चीरा न लगवाना, न ही कोई चिन्ह गुदवाना: मैं ही याहवेह हूं. “ ‘अपनी पुत्री को वेश्या बनाकर उसे भ्रष्ट न करना, ऐसा न हो कि देश में वेश्यावृत्ति भर जाए, और यह कामुकता से परिपूर्ण हो जाए. “ ‘तुम मेरे शब्बाथों का पालन करो और मेरे पवित्र स्थान का सम्मान; मैं ही याहवेह हूं. “ ‘तुम ओझाओं और तांत्रिकों की ओर न फिरना; उनकी खोज करने के द्वारा तुम स्वयं को दूषित न कर लेना. मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं. “ ‘तुम बूढ़े व्यक्ति के सामने खड़े हुआ करो, और बूढ़ों की उपस्थिति का सम्मान करना, तथा अपने परमेश्वर का भय मानना; मैं ही याहवेह हूं. “ ‘जब कोई अपरिचित तुम्हारे बीच तुम्हारे देश में रहता है, तो तुम उसके साथ अन्याय न करना. जो अपरिचित तुम्हारे बीच में रह रहा है, तुम्हारे लिए वह तुम्हारे मध्य एक स्वदेशी के समान हो, और तुम उससे वैसा ही प्रेम करना; जैसा तुम स्वयं से करते हो, क्योंकि मिस्र देश में तुम परदेशी थे; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं. “ ‘तुम न्याय करने, नापतोल तथा मात्रा में अन्याय न करना. तुम्हारी तुला, बाट, किलो और लीटर यथार्थ हों; मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से निकालकर लाया हूं. “ ‘फिर तुम मेरी विधियों और सभी नियमों का पालन करना और उनको मानते रहना; मैं ही याहवेह हूं.’ ”