योना 3:4-10

योना 3:4-10 पवित्र बाइबल (HERV)

सो योना ने नगर की यात्रा आरम्भ की और सारे दिन चलने के बाद, उसने लोगों को उपदेश देना आरम्भ कर दिया। योना ने कहा, “चालीस दिन बाद नीनवे तबाह हो जायेगा!” परमेश्वर की ओर से मिले इस सन्देश पर, नीनवे के लोगों ने विश्वास किया और उन लोगों ने कुछ समय के लिए खाना छोड़कर अपने पापों पर सोच—विचार करने का निर्णय लिया। लोगों ने अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये विशेष प्रकार के वस्त्र धारण कर लिये। नगर के सभी लोगों ने चाहे वे बहुत बड़े या बहुत छोटे हो, ऐसा ही किया। नीनवे के राजा ने ये बातें सुनीं और उसने भी अपने बुरे कामों का शोक मनाया। इसके लिये राजा ने अपना सिंहासन छोड़ दिया। उसने अपने राजसी वस्त्र हटा दिये और अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये शोकवस्त्र धारण कर लिये। इसके बाद वह राजा धूल में बैठ गया। राजा ने एक विशेष सन्देश लिखवाया और उस सन्देश की सारे नगर में घोषणा करवा दी: राजा और उसके बड़े शासकों की ओर से आदेश था: कुछ समय के लिये कोई भी पुरूष अथवा कोई भी पशु कुछ भी नहीं खायेगा। किसी रेवड़ या पशुओं के झुण्ड को चरागाहों में नहीं जाने दिया जायेगा। नीनवे के सजीव प्राणी न तो कुछ खायेंगे और न ही जल पीयेंगे। बल्कि हर व्यक्ति और हर पशु टाट धारण करेंगे जिससे यह दिखाई दे कि वे दु:खी हैं। लोग ऊँचे स्वर में परमेश्वर को पुकारेंगे। हर व्यक्ति को अपना जीवन बदलना होगा और उसे चाहिये कि वह बुरे कर्म करना छोड़ दे। तब हो सकता है कि परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और उसने जो योजना रच रखी है, वैसी बातें न करे। हो सकता है परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और कुपित न हो। तब हो सकता है कि हमें दण्ड न दिया जाये। लोगों ने जो बातें की थी, उन्हें परमेश्वर ने देखा। परमेश्वर ने देखा कि लोगों ने बुरे कर्म करना बन्द कर दिया है। सो परमेश्वर ने अपना मन बदल लिया और जैसा करने की उसने योजना रची थी, वैसा नहीं किया। परमेश्वर ने लोगों को दण्ड नहीं दिया।

योना 3:4-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

योना ने नगर की यात्रा करना आरम्‍भ किया। उसने एक दिन की दूरी तय की। उसने यह प्रचार किया, ‘केवल चालीस दिन शेष हैं, और तब नीनवे नगर का विनाश हो जाएगा।’ नीनवे के नागरिकों ने परमेश्‍वर पर विश्‍वास किया। उन्‍होंने पश्‍चात्ताप करने के लिए उपवास की घोषणा की। छोटे-बड़े सब नागरिकों ने टाट के वस्‍त्र पहिने। यह खबर नीनवे के राजा को मिली। वह तत्‍काल अपने सिंहासन से उठा। उसने अपनी राजसी पोशाक उतारी, और टाट के वस्‍त्र पहिन लिए। तब वह राख के ढेर पर बैठ गया। उसने समस्‍त नीनवे नगर में यह राजाज्ञा प्रचारित की: ‘राजा और मंत्री-मण्‍डल की ओर से यह आदेश है: मनुष्‍य और पशु, भेड़-बकरी और गाय-बैल अपने मुंह में अनाज का दाना भी नहीं रखेंगे। वे न भोजन करेंगे और न पानी पियेंगे। हर एक मनुष्‍य और पशु अपने शरीर पर टाट के वस्‍त्र लपेटेगा। मनुष्‍य छाती पीट-पीटकर परमेश्‍वर की दुहाई देंगे। प्रत्‍येक मनुष्‍य अपने दुराचरण को त्‍याग दे, और दुष्‍कर्मों को छोड़ दे। कौन जानता है, कदाचित परमेश्‍वर अपने निर्णय को बदल दे और अपनी क्रोधाग्‍नि शांत करे और हम नष्‍ट होने से बच जाएं?’ जब परमेश्‍वर ने यह देखा कि नीनवे के निवासियों ने पश्‍चात्ताप किया है, और उन्‍होंने अपना दुराचरण छोड़ दिया है, तब उसने उन पर विपत्ति ढाहने का विचार त्‍याग दिया। परमेश्‍वर ने कहा था कि वह उन पर विपत्ति ढाहेगा। पर उसने ऐसा नहीं किया।

योना 3:4-10 Hindi Holy Bible (HHBD)

और योना ने नगर में प्रवेश कर के एक दिन की यात्रा पूरी की, और यह प्रचार करता गया, अब से चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा। तब नीनवे के मनुष्यों ने परमेश्वर के वचन की प्रतीति की; और उपवास का प्रचार किया गया और बड़े से ले कर छोटे तक सभों ने टाट ओढ़ा। तब यह समाचार नीनवे के राजा के कान में पहुंचा; और उसने सिंहासन पर से उठ, अपना राजकीय ओढ़ना उतार कर टाट ओढ़ लिया, और राख पर बैठ गया। और राजा ने प्रधानों से सम्मति ले कर नीनवे में इस आज्ञा का ढींढोरा पिटवाया, कि क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएं; वे ने खांए और न पानी पीवें। और मनुष्य और पशु दोनों टाट ओढ़ें, और वे परमेश्वर की दोहाई चिल्ला-चिल्ला कर दें; और अपने कुमार्ग से फिरें; और उस उपद्रव से, जो वे करते हैं, पश्चाताप करें। सम्भव है, परमेश्वर दया करे और अपनी इच्छा बदल दे, और उसका भड़का हुआ कोप शान्त हो जाए और हम नाश होने से बच जाएं॥ जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया॥

योना 3:4-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

योना ने नगर में प्रवेश करके एक दिन की यात्रा पूरी की, और यह प्रचार करता गया, “अब से चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा।” तब नीनवे के मनुष्यों ने परमेश्‍वर के वचन की प्रतीति की; और उपवास का प्रचार किया गया और बड़े से लेकर छोटे तक सभों ने टाट ओढ़ा। तब यह समाचार नीनवे के राजा के कान में पहुँचा; और उसने सिंहासन पर से उठ, अपने राजकीय वस्त्र उतारकर टाट ओढ़ लिया, और राख पर बैठ गया। राजा ने प्रधानों से सम्मति लेकर नीनवे में इस आज्ञा का ढिंढोरा पिटवाया : “क्या मनुष्य, क्या गाय–बैल, क्या भेड़–बकरी, या अन्य पशु, कोई कुछ भी न खाए; वे न खाएँ और न पानी पीएँ। मनुष्य और पशु दोनों टाट ओढ़ें, और वे परमेश्‍वर की दोहाई चिल्‍ला–चिल्‍ला कर दें; और अपने कुमार्ग से फिरें; और उस उपद्रव से, जो वे करते हैं, पश्‍चाताप करें। सम्भव है, परमेश्‍वर दया करे और अपनी इच्छा बदल दे, और उसका भड़का हुआ कोप शान्त हो जाए और हम नष्‍ट होने से बच जाएँ।” जब परमेश्‍वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्‍वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया।

योना 3:4-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

और योना ने नगर में प्रवेश करके एक दिन की यात्रा पूरी की, और यह प्रचार करता गया, “अब से चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा।” तब नीनवे के मनुष्यों ने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया; और उपवास का प्रचार किया गया और बड़े से लेकर छोटे तक सभी ने टाट ओढ़ा। (मत्ती 12:41) तब यह समाचार नीनवे के राजा के कान में पहुँचा; और उसने सिंहासन पर से उठ, अपना राजकीय ओढ़ना उतारकर टाट ओढ़ लिया, और राख पर बैठ गया। राजा ने अपने प्रधानों से सम्मति लेकर नीनवे में इस आज्ञा का ढिंढोरा पिटवाया, “क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, या और पशु, कोई कुछ भी न खाएँ; वे न खाएँ और न पानी पीएँ। और मनुष्य और पशु दोनों टाट ओढ़ें, और वे परमेश्वर की दुहाई चिल्ला चिल्लाकर दें; और अपने कुमार्ग से फिरें; और उस उपद्रव से, जो वे करते हैं, पश्चाताप करें। सम्भव है, परमेश्वर दया करे और अपनी इच्छा बदल दे, और उसका भड़का हुआ कोप शान्त हो जाए और हम नाश होने से बच जाएँ।” जब परमेश्वर ने उनके कामों को देखा, कि वे कुमार्ग से फिर रहे हैं, तब परमेश्वर ने अपनी इच्छा बदल दी, और उनकी जो हानि करने की ठानी थी, उसको न किया।

योना 3:4-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

योनाह ने नगर में प्रवेश किया और अपने पहले दिन की यात्रा में यह घोषणा करते गया, “अब से चालीस दिन के बाद नीनवेह को ध्वस्त कर दिया जाएगा.” नीनवेह के लोगों ने परमेश्वर में विश्वास किया. उपवास रखने की घोषणा की गई और साधारण से लेकर बड़े, सब लोगों ने टाट (शोक-वस्त्र) पहना. जब नीनवेह के राजा तक योनाह का समाचार पहुंचा, तो वह अपने सिंहासन से उठा, और अपने राजसी वस्त्र को उतारकर टाट को ओढ़ लिया और जाकर राख में बैठ गया. उसने नीनवेह में यह घोषणा करवायी: “राजा और सामन्तों के फैसले के अनुसार: “कोई भी मनुष्य या पशु, गाय-बैल या भेड़-बकरी कुछ भी न खाय; उन्हें कुछ भी खाने या पीने न दिया जाय. पर मनुष्य और पशु टाट ओढ़ें. हर एक जन तुरंत परमेश्वर की दोहाई दे और वे अपनी बुरे कामों तथा हिंसा के कार्यों को छोड़ दें. संभव है कि परमेश्वर अपने निर्णय को बदल दें और दया करके हम पर क्रोध न करें और हम नाश होने से बच जाएं.” जब परमेश्वर ने उनके काम को देखा कि कैसे वे अपने बुरे कार्यों से फिर गये हैं, तो उन्होंने अपनी इच्छा बदल दी और उनके ऊपर वह विनाश नहीं लाया जिसका निर्णय उन्होंने लिया था.