योना 1:4-7

योना 1:4-7 पवित्र बाइबल (HERV)

किन्तु यहोवा ने सागर में एक भयानक तूफान उठा दिया। आँधी से सागर में थपेड़े उठने लगे। तूफान इतना प्रबल था कि वह नाव जैसे बस टूक टूक होने जा रही थी। लोग चाहते थे कि नाव को डूबने से बचाने के लिये उसे कुछ हलका कर दिया जाये। सो वे नाव के सामान को उठाकर समुद्र में फेंकने लगे। मल्लाह बहुत डरे हुए थे। हर व्यक्ति अपने अपने देवता से प्रार्थना करने लगा। योना सोने के लिये नीचे चला गया था। योना सो रहा था। नाव के प्रमुख खिवैया ने योना को इस रूप में देख कर कहा, “उठ! तू क्यों सो रहा है अपने देवता से प्रार्थना कर! हो सकता है, तेरा देवता तेरी प्रार्थना सुन ले और हमें बचा ले!” लोग फिर आपस में कहने लगे, “हमें यह जानने के लिये कि हम पर ये विपत्तियाँ किसके कारण पड़ रही हैं, हमें पासे फेंकने चाहियें।” सो लोगों ने पासे फेंके। पासों से यह प्रकट हुआ कि यह विपत्ति योना के कारण आई है।

योना 1:4-7 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

परन्‍तु प्रभु ने समुद्र पर एक प्रचण्‍ड आंधी उत्‍पन्न की। तब समुद्र पर भयंकर तूफान उठा और जलयान के टूटने का भय उत्‍पन्न हो गया। नाविक डर गए, और अपने-अपने देवता की दुहाई देने लगे। उन्‍होंने जलयान का भार कम करने के लिए जलयान का माल-असबाब समुद्र में फेंक दिया। योना जलयान के निचले भीतरी भाग में गया। वह शय्‍या पर लेट गया, और निश्‍चिंत सो गया। जलयान का कप्‍तान उसके पास आया। उसने पुकारा, ‘ओ सोनेवाले, यह क्‍या? उठो, अपने ईश्‍वर को पुकारो, कदाचित ईश्‍वर हमारी ओर ध्‍यान दे और हम बच जाएं।’ नाविकों ने परस्‍पर कहा, ‘आओ, हम चििट्ठयाँ डालें, और यह पता लगाएं कि यह विपत्ति किस व्यक्‍ति के कारण हम पर आई है।’ अत: उन्‍होंने चििट्ठयाँ डालीं, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली।

योना 1:4-7 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आंधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आंधी उठी, यहां तक कि जहाज टूटने पर था। तब मल्लाह लोग डर कर अपने अपने देवता की दोहाई देने लगे; और जहाज में जो व्यापार की सामग्री थी उसे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज हल्का हो जाए। परन्तु योना जहाज के निचले भाग में उतरकर सो गया था, और गहरी नींद में पड़ा हुआ था। तब मांझी उसके निकट आकर कहने लगा, तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है? उठ, अपने देवता की दोहाई दे! सम्भव है कि परमेश्वर हमारी चिन्ता करे, और हमारा नाश न हो॥ तब उन्होंने आपस में कहा, आओ, हम चिट्ठी डाल कर जान लें कि यह विपत्ति हम पर किस के कारण पड़ी है। तब उन्होंने चिट्ठी डाली, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली।

योना 1:4-7 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आँधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आँधी उठी, यहाँ तक कि जहाज़ टूटने पर था। तब मल्‍लाह लोग डरकर अपने अपने देवता की दोहाई देने लगे; और जहाज़ में जो व्यापार की सामग्री थी उसे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज़ हल्का हो जाए। परन्तु योना जहाज़ के निचले भाग में उतरकर सो गया था, और गहरी नींद में पड़ा हुआ था। तब माँझी उसके निकट आकर कहने लगा, “तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है? उठ, अपने देवता की दोहाई दे! सम्भव है कि ईश्‍वर हमारी चिन्ता करे, और हमारा नाश न हो।” तब उन्होंने आपस में कहा, “आओ, हम चिट्ठी डालकर जान लें कि यह विपत्ति हम पर किस के कारण पड़ी है।” तब उन्होंने चिट्ठी डाली, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली।

योना 1:4-7 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आँधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आँधी उठी, यहाँ तक कि जहाज टूटने पर था। तब मल्लाह लोग डरकर अपने-अपने देवता की दुहाई देने लगे; और जहाज में जो व्यापार की सामग्री थी उसे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज हलका हो जाए। परन्तु योना जहाज के निचले भाग में उतरकर वहाँ लेटकर सो गया, और गहरी नींद में पड़ा हुआ था। तब माँझी उसके निकट आकर कहने लगा, “तू भारी नींद में पड़ा हुआ क्या करता है? उठ, अपने देवता की दुहाई दे! सम्भव है कि ईश्‍वर हमारी चिंता करे, और हमारा नाश न हो।” तब मल्लाहों ने आपस में कहा, “आओ, हम चिट्ठी डालकर जान लें कि यह विपत्ति हम पर किसके कारण पड़ी है।” तब उन्होंने चिट्ठी डाली, और चिट्ठी योना के नाम पर निकली।

योना 1:4-7 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब याहवेह ने समुद्र पर एक प्रचंड आंधी चलाई, और सतह पर ऐसा भयंकर तूफान उठा कि पानी जहाज़ के टूटने की स्थिति उत्पन्‍न हो गई. सब नाविक भयभीत हो गए और हर एक अपने-अपने देवता को पुकारने लगा. और वे पानी जहाज़ में लदी हुई सामग्री को समुद्र में फेंकने लगे ताकि जहाज़ का बोझ कम हो जाए. किंतु इस समय योनाह जहाज़ के निचले भाग में जाकर गहरी नींद में पड़ा हुआ था. जहाज़ का कप्‍तान उसके पास गया और उसे जगाकर कहा, “तुम ऐसी स्थिति में कैसे सो सकते हो? उठो और अपने ईश्वर को पुकारो! संभव है कि तुम्हारा ईश्वर हम पर कृपा करे और हम नाश होने से बच जाएं.” तब नाविकों ने एक दूसरे को कहा, “ऐसा करें, हम चिट्ठी डालकर यह पता करें कि किसके कारण हम पर यह विपत्ति आई है.” तब उन्होंने चिट्ठी डाली और चिट्ठी योनाह के नाम पर निकली.