अय्‍यूब 42:1-9

अय्‍यूब 42:1-9 पवित्र बाइबल (HERV)

इस पर अय्यूब ने यहोवा को उत्तर देते हुए कहा: “यहोवा, मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है। तू योजनाऐं बना सकता है और तेरी योजनाओं को कोई भी नहीं बदल सकता और न ही उसको रोका जा सकता है। यहोवा, तूने यह प्रश्न पूछा कि ‘यह अबोध व्यक्ति कौन है जो ये मूर्खतापूर्ण बातें कह रहा है’ यहोवा, मैंने उन चीजों के बारे में बातें की जिन्हें मैं समझता नहीं था। यहोवा, मैंने उन चीजों के बारे में बातें की जो मेरे समझ पाने के लिये बहुत अचरज भरी थी। “यहोवा, तूने मुझसे कहा, ‘हे अय्यूब सुन और मैं बोलूँगा। मैं तुझसे प्रश्न पूछूँगा और तू मुझे उत्तर देगा।’ यहोवा, बीते हुए काल में मैंने तेरे बारे में सुना था किन्तु स्वयं अपनी आँखों से मैंने तुझे देख लिया है। अत: अब मैं स्वयं अपने लिये लज्जित हूँ। यहोवा मुझे खेद है धूल और राख में बैठ कर मैं अपने हृदय और जीवन को बदलने की प्रतिज्ञा करता हूँ।” यहोवा जब अय्यूब से अपनी बात कर चुका तो यहोवा ने तेमान के निवासी एलीपज से कहा: “मैं तुझसे और तेरे दो मित्रों से क्रोधित हूँ क्योंकि तूने मेरे बारे में उचित बातें नहीं कही थीं। किन्तु अय्यूब ने मेरे बारे में उचित बातें कहीं थीं। अय्यूब मेरा दास है। इसलिये अब एलीपज तुम सात सात बैल और सात भेड़ें लेकर मेरे दास अय्यूब के पास जाओ और अपने लिये होमबलि के रुप में उनकी भेंट चढ़ाओं। मेरा सेवक अय्यूब तुम्हारे लिए प्रार्थना करेगा। तब निश्चय ही मैं उसकी प्रार्थना का उत्तर दूँगा। फिर मैं तुम्हें वैसा दण्ड नहीं दूँगा जैसा दण्ड दिया जाना चाहिये था क्योंकि तुम बहुत मूर्ख थे। मेरे बारे मैं तुमने उचित बातें नहीं कहीं जबकि मेरे सेवक अय्यूब ने मेरे बारे में उचित बातें कहीं थीं।” सो तेमान नगर के निवासी एलीपज और शूह गाँव के बिल्दद तथा नामात गाँव के निवासी सोपर ने यहोवा की आज्ञा का पालन किया। इस पर यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना सुन ली।

अय्‍यूब 42:1-9 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तब अय्‍यूब ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘मैं जानता हूँ कि तू सब-कुछ कर सकता है; तेरी कोई भी योजना निष्‍फल नहीं होती। तूने कहा था : “वह कौन है जो अज्ञान की बातों से मेरी योजनाओं पर परदा डालता है?” इसलिए जो बातें मैं नहीं समझता हूँ, उनको मैंने कहा; ऐसी अनोखी बातें मैंने कहीं, जिनका अर्थ तक मैं नहीं जानता था। तूने मुझसे कहा था, “मेरी बात को सुन, मैं तुझसे प्रश्‍न करूँगा; और तुझे मेरे प्रश्‍न का उत्तर देना होगा।” प्रभु, मैंने तेरे विषय में केवल कानों से सुना था, पर अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं। अत: मुझे अपने ऊपर ग्‍लानि होती है; मैं धूलि और राख में लेट कर पश्‍चात्ताप करता हूँ।’ जब प्रभु अय्‍यूब से ये बातें कह चुका तब वह तेमान नगर के रहने वाले एलीपज से बोला, ‘मेरा क्रोध तेरे प्रति और तेरे दोनों मित्रों पर भड़क उठा है, क्‍योंकि तुमने मेरे विषय में सच्‍चाई को प्रकट नहीं किया, वरन् मेरे सेवक अय्‍यूब ने मेरी सच्‍चाई को प्रकट किया है। अब तुम्‍हारे अपराध का यह प्रायश्‍चित्त है कि तुम सात बछड़े और सात मेढ़े लेकर मेरे सेवक अय्‍यूब के पास जाओ, और अपनी ओर से मुझको अग्‍नि-बलि चढ़ाओ। मेरा सेवक अय्‍यूब तुम्‍हारे लिए मुझसे प्रार्थना करेगा, और मैं उसकी प्रार्थना स्‍वीकार करूँगा। तब मैं तुम्‍हारी मूर्खतापूर्ण बातों के लिए तुम्‍हें दण्‍ड न दूँगा। तुमने मेरे विषय में सच नहीं कहा, किन्‍तु मेरे सेवक अय्‍यूब ने सच कहा है।’ अत: जैसा प्रभु ने तेमान नगर के एलीपज, शूही वंश के बिलदद और नामाह नगर के सोपर से कहा, वैसा ही उन्‍होंने किया। तब प्रभु ने अय्‍यूब की प्रार्थना स्‍वीकार की और उसके मित्रों को दण्‍ड नहीं दिया।

अय्‍यूब 42:1-9 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया; मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती। तू कौन है जो ज्ञान रहित हो कर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिन को मैं जानता भी नहीं था। मैं निवेदन करता हूं सुन, मैं कुछ कहूंगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता दे। मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं; इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ। और ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही। इसलिये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छांट कर मेरे दास अय्यूब के पास जा कर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की मैं ग्रहण करूंगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूढ़ता के योग्य बर्ताव करूंगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही। यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिल्दद और नामाती सोपर ने जा कर यहोवा की आाज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।

अय्‍यूब 42:1-9 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया, “मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्‍तियों में से कोई रुक नहीं सकती। तू ने पूछा, ‘तू कौन है जो ज्ञानरहित होकर युक्‍ति पर परदा डालता है?’ परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात् जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था। तू ने कहा, ‘मैं निवेदन करता हूँ सुन, मैं कुछ कहूँगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता।’ मैं ने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं; इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूल और राख में पश्‍चाताप करता हूँ।” ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, “मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही। इसलिये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छाँटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की प्रार्थना मैं ग्रहण करूँगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूढ़ता के योग्य बर्ताव करूँगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।” यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिलदद और नामाती सोपर ने जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।

अय्‍यूब 42:1-9 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया; “मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती। (यशा. 14:27, नीति. 19:21, मर. 10:27) तूने मुझसे पूछा, ‘तू कौन है जो ज्ञानरहित होकर युक्ति पर परदा डालता है?’ परन्तु मैंने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात् जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिनको मैं जानता भी नहीं था। तूने मुझसे कहा, ‘मैं निवेदन करता हूँ सुन, मैं कुछ कहूँगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता।’ मैंने कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं; इसलिए मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चाताप करता हूँ।” और ऐसा हुआ कि जब यहोवा ये बातें अय्यूब से कह चुका, तब उसने तेमानी एलीपज से कहा, “मेरा क्रोध तेरे और तेरे दोनों मित्रों पर भड़का है, क्योंकि जैसी ठीक बात मेरे दास अय्यूब ने मेरे विषय कही है, वैसी तुम लोगों ने नहीं कही। इसलिए अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छाँटकर मेरे दास अय्यूब के पास जाकर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की प्रार्थना मैं ग्रहण करूँगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूर्खता के योग्य बर्ताव करूँगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।” यह सुन तेमानी एलीपज, शूही बिल्दद और नामाती सोपर ने जाकर यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, और यहोवा ने अय्यूब की प्रार्थना ग्रहण की।

अय्‍यूब 42:1-9 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब अय्योब ने याहवेह को यह उत्तर दिया: “मेरे प्रभु, मुझे मालूम है कि आप सभी कुछ कर सकते हैं; तथा आपकी किसी भी योजना विफल नहीं होती. आपने पूछा था, ‘कौन है वह अज्ञानी, जो मेरे ज्ञान पर आवरण डाल देता है?’ यही कारण है कि मैं स्वीकार कर रहा हूं, कि मुझे इन विषयों का कोई ज्ञान न था, मैं नहीं समझ सका, कि क्या-क्या हो रहा था, तथा जो कुछ हो रहा था, वह विस्मयकारी था. “आपने कहा था, ‘अब तुम चुप रहो; कि अब मैं संवाद कर सकूं, तब प्रश्न मैं करूंगा, कि तुम इनका उत्तर दो.’ इसके पूर्व आपका ज्ञान मेरे लिए मात्र समाचार ही था, किंतु अब आपको मेरी आंखें देख चुकी हैं. इसलिये अब मैं स्वयं को घृणास्पद समझ रहा हूं, मैं इसके लिए धूल तथा भस्म में प्रायश्चित करता हूं.” अय्योब से अपना आख्यान समाप्‍त करके याहवेह ने तेमानी एलिफाज़ से पूछा, “मैं तुमसे तथा तुम्हारे दोनों मित्रों से अप्रसन्‍न हूं, क्योंकि तुमने मेरे विषय में वह सब अभिव्यक्त नहीं किया, जो सही है, जैसा मेरे सेवक अय्योब ने प्रकट किया था. तब अब तुम सात बछड़े तथा सात मेढ़े लो और मेरे सेवक अय्योब के पास जाकर अपने लिए होमबलि अर्पित करो तथा मेरा सेवक अय्योब तुम्हारे लिए प्रार्थना करेगा, क्योंकि मैं उसकी याचना स्वीकार कर लूंगा, कि तुम्हारी मूर्खता के अनुरूप व्यवहार न करूं, क्योंकि तुमने मेरे विषय में वह सब अभिव्यक्त नहीं किया, जो उपयुक्त था जैसा अय्योब ने किया था.” तब तेमानी एलिफाज़ ने, शूही बिलदद ने तथा नआमथी ज़ोफर ने याहवेह के आदेश के अनुसार अनुपालन किया तथा याहवेह ने अय्योब की याचना स्वीकार कर ली.

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