योहन 5:1-15

योहन 5:1-15 पवित्र बाइबल (HERV)

इसके बाद यीशु यहूदियों के एक उत्सव में यरूशलेम गया। यरूशलेम में भेड़-द्वार के पास एक तालाब है, इब्रानी भाषा में इसे “बेतहसदा” कहा जाता है। इसके किनारे पाँच बरामदे बने हैं जिनमें नेत्रहीन, अपंग और लकवे के बीमारों की भीड़ पड़ी रहती है। इन रोगियों में एक ऐसा मरीज़ भी था जो अड़तीस वर्ष से बीमार था। जब यीशु ने उसे वहाँ लेटे देखा और यह जाना कि वह इतने लम्बे समय से बीमार है तो यीशु ने उससे कहा, “क्या तुम नीरोग होना चाहते हो?” रोगी ने जवाब दिया, “हे प्रभु, मेरे पास कोई नहीं है जो जल के हिलने पर मुझे तालाब में उतार दे। जब मैं तालाब में जाने को होता हूँ, सदा कोई दूसरा आदमी मुझसे पहले उसमें उतर जाता है।” यीशु ने उससे कहा, “खड़ा हो, अपना बिस्तर उठा और चल पड़।” वह आदमी तत्काल अच्छा हो गया। उसने अपना बिस्तर उठाया और चल दिया। उस दिन सब्त का दिन था। इस पर यहूदियों ने उससे, जो नीरोग हुआ था, कहना शुरू किया, “आज सब्त का दिन है और हमारे नियमों के यह विरुद्ध है कि तू अपना बिस्तर उठाए।” इस पर उसने जवाब दिया, “जिसने मुझे अच्छा किया है उसने कहा है कि अपना बिस्तर उठा और चल।” उन लोगों ने उससे पूछा, “वह कौन व्यक्ति है जिसने तुझसे कहा था, अपना बिस्तर उठा और चल?” पर वह व्यक्ति जो ठीक हुआ था, नहीं जानता था कि वह कौन था क्योंकि उस जगह बहुत भीड़ थी और यीशु वहाँ से चुपचाप चला गया था। इसके बाद यीशु ने उस व्यक्ति को मन्दिर में देखा और उससे कहा, “देखो, अब तुम नीरोग हो, इसलिये पाप करना बन्द कर दो। नहीं तो कोई और बड़ा कष्ट तुम पर आ सकता है।” फिर वह व्यक्ति चला गया। और यहूदियों से आकर उसने कहा कि उसे ठीक करने वाला यीशु था।

योहन 5:1-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

इसके कुछ समय पश्‍चात् येशु यहूदियों के किसी पर्व के अवसर पर यरूशलेम गये। यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्‍ड है, जो इब्रानी भाषा में बेतजैता कहलाता है। उसके पाँच मण्‍डप हैं। उन में बहुत-से रोगी−अन्‍धे, लंगड़े और अर्द्धांगरोगी पड़े रहते थे। [वे पानी के लहराने की राह देखते थे, क्‍योंकि प्रभु का दूत समय-समय पर कुण्‍ड में उतर कर पानी को हिला देता था। पानी के हिलने के बाद जो व्यक्‍ति सब से पहले कुण्‍ड में उतरता था− चाहे वह किसी भी रोग से पीड़ित क्‍यों न हो, स्‍वस्‍थ हो जाता था।] वहाँ एक मनुष्‍य था, जो अड़तीस वर्षों से बीमार था। येशु ने उसे पड़ा हुआ देखा और, यह जान कर कि वह बहुत समय से इसी तरह पड़ा हुआ है, उस से पूछा, “क्‍या तुम स्‍वस्‍थ होना चाहते हो?” रोगी ने उत्तर दिया, “महोदय, मेरा कोई नहीं है, जो पानी के हिलने पर मुझे कुण्‍ड में उतार दे। मेरे पहुँचने से पहले ही उस में कोई और उतर जाता है।” येशु ने उस से कहा, “उठो, अपना बिस्‍तर उठाओ और चलो।” उसी क्षण वह मनुष्‍य स्‍वस्‍थ हो गया और अपना बिस्‍तर उठा कर चलने-फिरने लगा। वह विश्राम का दिन था। इसलिए यहूदी धर्मगुरुओं ने स्‍वस्‍थ हुए व्यक्‍ति से कहा, “आज विश्राम का दिन है। बिस्‍तर उठाना तुम्‍हारे लिए उचित नहीं है।” उसने उत्तर दिया, “जिसने मुझे स्‍वस्‍थ किया, उसी ने मुझ से कहा, ‘अपना बिस्‍तर उठाओ और चलो।” उन्‍होंने उस से पूछा, “कौन है वह, जिसने तुम से कहा, ‘अपना बिस्‍तर उठाओ और चलो?’ ” स्‍वस्‍थ किया हुआ मनुष्‍य नहीं जानता था कि वह कौन है, क्‍योंकि उस जगह बहुत भीड़ होने के कारण येशु वहाँ से हट गये थे। कुछ समय पश्‍चात् येशु को वह मन्‍दिर में मिला। येशु ने उस से कहा, “देखो, तुम स्‍वस्‍थ हो गये हो। फिर पाप मत करना। कहीं ऐसा न हो कि तुम पर और भी भारी संकट आ पड़े।” उस मनुष्‍य ने जा कर धर्मगुरुओं को बताया कि जिन्‍होंने मुझे स्‍वस्‍थ किया है, वह येशु हैं।

योहन 5:1-15 Hindi Holy Bible (HHBD)

इन बातों के पीछे यहूदियों का एक पर्व हुआ और यीशु यरूशलेम को गया॥ यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्ड है जो इब्रानी भाषा में बेतहसदा कहलाता है, और उसके पांच ओसारे हैं। इन में बहुत से बीमार, अन्धे, लंगड़े और सूखे अंग वाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे। (क्योंकि नियुक्ति समय पर परमेश्वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहिले उतरता वह चंगा हो जाता था चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो।) वहां एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था। यीशु ने उसे पड़ा हुआ देखकर और जानकर कि वह बहुत दिनों से इस दशा में पड़ा है, उस से पूछा, क्या तू चंगा होना चाहता है? उस बीमार ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं, कि जब पानी हिलाया जाए, तो मुझे कुण्ड में उतारे; परन्तु मेरे पहुंचते पहुंचते दूसरा मुझ से पहिले उतर पड़ता है। यीशु ने उस से कहा, उठ, अपनी खाट उठाकर चल फिर। वह मनुष्य तुरन्त चंगा हो गया, और अपनी खाट उठाकर चलने फिरने लगा। वह सब्त का दिन था। इसलिये यहूदी उस से, जो चंगा हुआ था, कहने लगे, कि आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठानी उचित्त नहीं। उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि जिस ने मुझे चंगा किया, उसी ने मुझ से कहा, अपनी खाट उठाकर चल फिर। उन्होंने उस से पूछा वह कौन मनुष्य है जिस ने तुझ से कहा, खाट उठाकर चल फिर? परन्तु जो चंगा हो गया था, वह नहीं जानता था वह कौन है; क्योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु वहां से हट गया था। इन बातों के बाद वह यीशु को मन्दिर में मिला, तब उस ने उस से कहा, देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इस से कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े। उस मनुष्य ने जाकर यहूदियों से कह दिया, कि जिस ने मुझे चंगा किया, वह यीशु है।

योहन 5:1-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इन बातों के पश्‍चात् यहूदियों का एक पर्व हुआ, और यीशु यरूशलेम को गया। यरूशलेम में भेड़–फाटक के पास एक कुण्ड है जो इब्रानी भाषा में बैतहसदा कहलाता है; उसके पाँच ओसारे हैं। इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लंगड़े और सूखे अंगवाले [पानी के हिलने की आशा में] पड़े रहते थे। [क्योंकि नियुक्‍त समय पर परमेश्‍वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे। पानी हिलते ही जो कोई पहले उतरता वह चंगा हो जाता था चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो।] वहाँ एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था। यीशु ने उसे पड़ा हुआ देखकर और यह जानकर कि वह बहुत दिनों से इस दशा में पड़ा है, उससे पूछा, “क्या तू चंगा होना चाहता है?” उस बीमार ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं कि जब पानी हिलाया जाए, तो मुझे कुण्ड में उतारे; परन्तु मेरे पहुँचते–पहुँचते दूसरा मुझ से पहले उतर जाता है।” यीशु ने उससे कहा, “उठ, अपनी खाट उठा, और चल फिर।” वह मनुष्य तुरन्त चंगा हो गया, और अपनी खाट उठाकर चलने फिरने लगा। वह सब्त का दिन था। इसलिये यहूदी उससे जो चंगा हुआ था, कहने लगे, “आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठाना उचित नहीं।” उसने उन्हें उत्तर दिया, “जिसने मुझे चंगा किया, उसी ने मुझ से कहा, ‘अपनी खाट उठा, और चल फिर’।” उन्होंने उससे पूछा, “वह कौन मनुष्य है जिसने तुझ से कहा, ‘खाट उठा, और चल फिर’?” परन्तु जो चंगा हो गया था वह नहीं जानता था कि वह कौन है, क्योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु वहाँ से हट गया था। इन बातों के बाद वह यीशु को मन्दिर में मिला। यीशु ने उससे कहा, “देख, तू चंगा हो गया है : फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इससे कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।” उस मनुष्य ने जाकर यहूदियों से कह दिया कि जिसने मुझे चंगा किया वह यीशु है।

योहन 5:1-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इन बातों के पश्चात् यहूदियों का एक पर्व हुआ, और यीशु यरूशलेम को गया। यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्ड है, जो इब्रानी भाषा में बैतहसदा कहलाता है, और उसके पाँच ओसारे हैं। इनमें बहुत से बीमार, अंधे, लँगड़े और सूखे अंगवाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे। क्योंकि नियुक्त समय पर परमेश्वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहले उतरता, वह चंगा हो जाता था, चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो। वहाँ एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था। यीशु ने उसे पड़ा हुआ देखकर और यह जानकर कि वह बहुत दिनों से इस दशा में पड़ा है, उससे पूछा, “क्या तू चंगा होना चाहता है?” उस बीमार ने उसको उत्तर दिया, “हे स्वामी, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं, कि जब पानी हिलाया जाए, तो मुझे कुण्ड में उतारे; परन्तु मेरे पहुँचते-पहुँचते दूसरा मुझसे पहले उतर जाता है।” यीशु ने उससे कहा, “उठ, अपनी खाट उठा और चल फिर।” वह मनुष्य तुरन्त चंगा हो गया, और अपनी खाट उठाकर चलने फिरने लगा। वह सब्त का दिन था। इसलिए यहूदी उससे जो चंगा हुआ था, कहने लगे, “आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठानी उचित नहीं।” (यिर्म. 17:21) उसने उन्हें उत्तर दिया, “जिसने मुझे चंगा किया, उसी ने मुझसे कहा, ‘अपनी खाट उठाकर चल फिर।’” उन्होंने उससे पूछा, “वह कौन मनुष्य है, जिसने तुझ से कहा, ‘खाट उठा और, चल फिर’?” परन्तु जो चंगा हो गया था, वह नहीं जानता था कि वह कौन है; क्योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु वहाँ से हट गया था। इन बातों के बाद वह यीशु को मन्दिर में मिला, तब उसने उससे कहा, “देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इससे कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।” उस मनुष्य ने जाकर यहूदियों से कह दिया, कि जिसने मुझे चंगा किया, वह यीशु है।

योहन 5:1-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इन बातों के पश्चात मसीह येशु यहूदियों के एक पर्व में येरूशलेम गए. येरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक जलाशय है, जो इब्री भाषा में बैथज़ादा कहलाता है और जिसके पांच ओसारे हैं, उसके किनारे अंधे, अपंग और लकवे के अनेक रोगी पड़े रहते थे, [जो जल के हिलने की प्रतीक्षा किया करते थे क्योंकि उनकी मान्यता थी कि परमेश्वर का स्वर्गदूत समय समय पर वहां आकर जल हिलाया करता था. जल हिलते ही, जो व्यक्ति उसमें सबसे पहले उतरता था, स्वस्थ हो जाता था]. इनमें एक व्यक्ति ऐसा था, जो अड़तीस वर्ष से रोगी था. मसीह येशु ने उसे वहां पड़े हुए देख और यह मालूम होने पर कि वह वहां बहुत समय से पड़ा हुआ है, उसके पास जाकर पूछा, “क्या तुम स्वस्थ होना चाहते हो?” रोगी ने उत्तर दिया, “श्रीमन, ऐसा कोई नहीं, जो जल के हिलने पर मुझे जलाशय में उतारे—मेरे प्रयास के पूर्व ही कोई अन्य व्यक्ति उसमें उतर जाता है.” मसीह येशु ने उससे कहा, “उठो, अपना बिछौना उठाओ और चलने फिरने लगो.” तुरंत वह व्यक्ति स्वस्थ हो गया और अपना बिछौना उठाकर चला गया. वह शब्बाथ था. अतः यहूदी अगुओं ने स्वस्थ हुए व्यक्ति से कहा, “आज शब्बाथ है. अतः तुम्हारा बिछौना उठाना उचित नहीं है.” उसने कहा, “जिन्होंने मुझे स्वस्थ किया है, उन्हीं ने मुझे आज्ञा दी, ‘अपना बिछौना उठाओ और चलने फिरने लगो.’ ” उन्होंने उससे पूछा, “कौन है वह, जिसने तुमसे कहा है कि अपना बिछौना उठाओ और चलने फिरने लगो?” स्वस्थ हुआ व्यक्ति नहीं जानता था कि उसको स्वस्थ करनेवाला कौन था क्योंकि उस समय मसीह येशु भीड़ में गुम हो गए थे. कुछ समय बाद मसीह येशु ने उस व्यक्ति को मंदिर में देख उससे कहा, “देखो, तुम स्वस्थ हो गए हो, अब पाप न करना. ऐसा न हो कि तुम्हारा हाल इससे ज्यादा बुरा हो जाए.” तब उस व्यक्ति ने आकर यहूदी अगुओं को सूचित किया कि जिन्होंने उसे स्वस्थ किया है, वह येशु हैं.

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