योहन 4:31-54
योहन 4:31-54 पवित्र बाइबल (HERV)
इसी समय यीशु के शिष्य उससे विनती कर रहे थे, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” पर यीशु ने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिए ऐसा भोजन है जिसके बारे में तुम कुछ भी नहीं जानते।” इस पर उसके शिष्य आपस में एक दूसरे से पूछने लगे, “क्या कोई उसके खाने के लिए कुछ लाया होगा?” यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन उसकी इच्छा को पूरा करना है जिसने मुझे भेजा है। और उस काम को पूरा करना है जो मुझे सौंपा गया है। तुम अक्सर कहते हो, ‘चार महीने और हैं तब फ़सल आयेगी।’ देखो, मैं तुम्हें बताता हूँ अपनी आँखें खोलो और खेतों की तरफ़ देखो वे कटने के लिए तैयार हो चुके हैं। वह जो कटाई कर रहा है, अपनी मज़दूरी पा रहा है। और अनन्त जीवन के लिये फसल इकट्ठी कर रहा है। ताकि फ़सल बोने वाला और काटने वाला दोनों ही साथ-साथ आनन्दित हो सकें। यह कथन वास्तव में सच है: ‘एक व्यक्ति बोता है और दूसरा व्यक्ति काटता है।’ मैंने तुम्हें उस फ़सल को काटने भेजा है जिस पर तुम्हारी मेहनत नहीं लगी है। जिस पर दूसरों ने मेहनत की है और उनकी मेहनत का फल तुम्हें मिला है।” उस नगर के बहुत से सामरियों ने यीशु में विश्वास किया क्योंकि उस स्त्री के उस शब्दों को उन्होंने साक्षी माना था, “मैंने जब कभी जो कुछ किया उसने मुझे उसके बारे में सब कुछ बता दिया।” जब सामरी उसके पास आये तो उन्होंने उससे उनके साथ ठहरने के लिए विनती की। इस पर वह दो दिन के लिए वहाँ ठहरा। और उसके वचन से प्रभावित होकर बहुत से और लोग भी उसके विश्वासी हो गये। उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम केवल तुम्हारी साक्षी के कारण ही विश्वास नहीं रखते बल्कि अब हमने स्वयं उसे सुना है। और अब हम यह जान गये हैं कि वास्तव में यही वह व्यक्ति है जो जगत का उद्धारकर्ता है।” दो दिन बाद वह वहाँ से गलील को चल पड़ा। (क्योंकि यीशु ने खुद कहा था कि कोई नबी अपने ही देश में कभी आदर नहीं पाता है।) इस तरह जब वह गलील आया तो गलीलियों ने उसका स्वागत किया क्योंकि उन्होंने वह सब कुछ देखा था जो उसने यरूशलेम में पर्व के दिनों किया था। (क्योंकि वे सब भी इस पर्व में शामिल थे।) यीशु एक बार फिर गलील में काना गया जहाँ उसने पानी को दाखरस में बदला था। अब की बार कफ़रनहूम में एक राजा का अधिकारी था जिसका बेटा बीमार था। जब राजाधिकारी ने सुना कि यहूदिया से यीशु गलील आया है तो वह उसके पास आया और विनती की कि वह कफ़रनहूम जाकर उसके बेटे को अच्छा कर दे। क्योंकि उसका बेटा मरने को पड़ा था। यीशु ने उससे कहा, “अद्भुत संकेत और आश्चर्यकर्म देखे बिना तुम लोग विश्वासी नहीं बनोगे।” राजाधिकारी ने उससे कहा, “महोदय, इससे पहले कि मेरा बच्चा मर जाये, मेरे साथ चल।” यीशु ने उत्तर में कहा, “जा तेरा पुत्र जीवित रहेगा।” यीशु ने जो कुछ कहा था, उसने उस पर विश्वास किया और घर चल दिया। वह घर लौटते हुए अभी रास्ते में ही था कि उसे उसके नौकर मिले और उसे समाचार दिया कि उसका बच्चा ठीक हो गया। उसने पूछा, “सही हालत किस समय से ठीक होना शुरू हुई थी?” उन्होंने जवाब दिया, “कल दोपहर एक बजे उसका बुखार उतर गया था।” बच्चे के पिता को ध्यान आया कि यह ठीक वही समय था जब यीशु ने उससे कहा था, “तेरा पुत्र जीवित रहेगा।” इस तरह अपने सारे परिवार के साथ वह विश्वासी हो गया। यह दूसरा अद्भुत चिन्ह था जो यीशु ने यहूदियों को गलील आने पर दर्शाया।
योहन 4:31-54 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इस बीच उनके शिष्यों ने उन से यह अनुरोध किया, “गुरुजी! भोजन कर लीजिए।” येशु ने उनसे कहा, “खाने के लिए मेरे पास वह भोजन है, जिसके विषय में तुम नहीं जानते।” इस पर शिष्य आपस में बोले, “क्या कोई इनके लिए भोजन ले आया है?” इस पर येशु ने उन से कहा, “जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्छा पर चलना और उसका कार्य पूरा करना, यही मेरा भोजन है। “क्या तुम यह नहीं कहते कि अब कटनी के चार महीने रह गये हैं? परन्तु मैं तुम लोगों से कहता हूँ; आँखें उठा कर खेतों को देखो। वे कटनी के लिए पक चुके हैं। अब काटने वाला मजदूरी प्राप्त कर शाश्वत जीवन के लिए फल संग्रह कर रहा है, जिससे बोने वाला और काटने वाला, दोनों मिल कर आनन्द मनाएँ; क्योंकि यहाँ यह कहावत ठीक उतरती है : एक बोता है और दूसरा काटता है। मैंने तुम लोगों को वह खेत काटने भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया है− दूसरों ने परिश्रम किया और तुम्हें उनके परिश्रम का फल मिल रहा है।” उस स्त्री ने यह गवाही दी थी, “उन्होंने मुझे वह सब, जो मैंने किया, बता दिया है।” इस कथन के कारण उस नगर के बहुत-से सामरियों ने येशु में विश्वास किया। इसलिए जब वे येशु के पास आए, तब उन्होंने अनुरोध किया, “आप हमारे यहाँ रहिए।” वह दो दिन वहीं रहे। बहुत-से अन्य लोगों ने उनका उपदेश सुन कर उनमें विश्वास किया। सामरी लोग उस स्त्री से बोले, “अब हम तुम्हारे कहने के कारण ही विश्वास नहीं करते। हम ने स्वयं उन्हें सुन लिया है और हम जान गये कि वह सचमुच संसार के मुक्तिदाता हैं।” जब दो दिन बीत गये तब येशु वहाँ से गलील प्रदेश को गये। ( येशु ने स्वयं साक्षी दी थी कि अपने देश में नबी का आदर नहीं होता।) जब वह गलील प्रदेश पहुँचे, तब लोगों ने उनका स्वागत किया; क्योंकि येशु ने पर्व के दिनों में यरूशलेम में जो कुछ किया था, वह सब गलील प्रदेश के उन निवासियों ने देखा था। पर्व के लिए वे भी वहाँ गये थे। येशु फिर गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहाँ उन्होंने जल को दाखरस बनाया था। वहाँ राज्य का एक पदाधिकारी था, जिसका पुत्र कफरनहूम नगर में बीमार था। जब उस पदाधिकारी ने सुना कि येशु यहूदा प्रदेश से गलील प्रदेश में आ गये हैं, तब वह उनके पास आया। उसने उनसे प्रार्थना की कि वह चल कर उसके पुत्र को स्वस्थ कर दें, क्योंकि वह मरने पर था। येशु ने उससे कहा, “आप लोग चिह्न तथा चमत्कार देखे बिना विश्वास नहीं करेंगे।” इस पर पदाधिकारी ने उनसे कहा, “महोदय! कृपया मेरे पुत्र की मृत्यु के पूर्व आइए।” येशु ने उत्तर दिया, “जाइए, आपका पुत्र जीवित है।” वह येशु के वचन पर विश्वास कर चला गया। वह मार्ग में ही था कि उसके सेवक मिले और उस से बोले, “आपका बालक जीवित है।” उसने उन से पूछा कि वह किस समय से अच्छा होने लगा था। उन्होंने कहा, “कल दिन के एक बजे उसका बुखार उतर गया।” तब पिता समझ गया कि ठीक उसी समय येशु ने उससे कहा था, “आपका पुत्र जीवित है,” और उसने अपने सारे परिवार के साथ विश्वास किया। यह येशु का दूसरा आश्चर्यपूर्ण चिह्न था, जो उन्होंने यहूदा प्रदेश से आकर गलील प्रदेश में दिखाया।
योहन 4:31-54 Hindi Holy Bible (HHBD)
इतने में उसके चेले यीशु से यह बिनती करने लगे, कि हे रब्बी, कुछ खा ले। परन्तु उस ने उन से कहा, मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते। तब चेलों ने आपस में कहा, क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है? यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं। क्या तुम नहीं कहते, कि कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं? देखो, मैं तुम से कहता हूं, अपनी आंखे उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं। और काटने वाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है; ताकि बोने वाला और काटने वाला दोनों मिलकर आनन्द करें। क्योंकि इस पर यह कहावत ठीक बैठती है कि बोने वाला और है और काटने वाला और। मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा, जिस में तुम ने परिश्रम नहीं किया: औरों ने परिश्रम किया और तुम उन के परिश्रम के फल में भागी हुए॥ और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिस ने यह गवाही दी थी, कि उस ने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया। तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उस से बिनती करने लगे, कि हमारे यहां रह: सो वह वहां दो दिन तक रहा। और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया। और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है॥ फिर उन दो दिनों के बाद वह वहां से कूच करके गलील को गया। क्योंकि यीशु ने आप ही साक्षी दी, कि भविष्यद्वक्ता अपने देश में आदर नहीं पाता। जब वह गलील में आया, तो गलीली आनन्द के साथ उस से मिले; क्योंकि जितने काम उस ने यरूशलेम में पर्व के समय किए थे, उन्होंने उन सब को देखा था, क्योंकि वे भी पर्व में गए थे॥ तब वह फिर गलील के काना में आया, जहां उस ने पानी को दाख रस बनाया था: और राजा का एक कर्मचारी था जिस का पुत्र कफरनहूम में बीमार था। वह यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से गलील में आ गया है, उसके पास गया और उस से बिनती करने लगा कि चलकर मेरे पुत्र को चंगा कर दे: क्योंकि वह मरने पर था। यीशु ने उस से कहा, जब तक तुम चिन्ह और अद्भुत काम न देखोगे तब तक कदापि विश्वास न करोगे। राजा के कर्मचारी ने उस से कहा; हे प्रभु, मेरे बालक की मृत्यु होने से पहिले चल। यीशु ने उस से कहा, जा, तेरा पुत्र जीवित है: उस मनुष्य ने यीशु की कही हुई बात की प्रतीति की, और चला गया। वह मार्ग में जा रहा था, कि उसके दास उस से आ मिले और कहने लगे कि तेरा लड़का जीवित है। उस ने उन से पूछा कि किस घड़ी वह अच्छा होने लगा उन्होंने उस से कहा, कल सातवें घण्टे में उसका ज्वर उतर गया। तब पिता जान गया, कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उस से कहा, तेरा पुत्र जीवित है, और उस ने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया। यह दूसरा आश्चर्यकर्म था, जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया॥
योहन 4:31-54 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इस बीच उसके चेलों ने यीशु से यह विनती की, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” परन्तु उसने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते।” तब चेलों ने आपस में कहा, “क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है?” यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन यह है कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूँ और उसका काम पूरा करूँ। क्या तुम नहीं कहते, ‘कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं?’ देखो, मैं तुम से कहता हूँ, अपनी आँखें उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं। काटनेवाला मजदूरी पाता और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। क्योंकि यहाँ पर यह कहावत ठीक बैठती है : ‘बोनेवाला और है और काटनेवाला और।’ मैं ने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा जिसमें तुमने परिश्रम नहीं किया : दूसरों ने परिश्रम किया और तुम उनके परिश्रम के फल में भागी हुए।” उस नगर के बहुत से सामरियों ने उस स्त्री के कहने से यीशु पर विश्वास किया; क्योंकि उसने यह गवाही दी थी : ‘उसने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया।’ इसलिये जब ये सामरी उसके पास आए, तो उससे विनती करने लगे कि हमारे यहाँ रह। अत: वह वहाँ दो दिन तक रहा। उसके वचन के कारण और भी बहुत से लोगों ने विश्वास किया और उस स्त्री से कहा, “अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।” फिर उन दो दिनों के बाद वह वहाँ से निकल कर गलील को गया, क्योंकि यीशु ने आप ही साक्षी दी कि भविष्यद्वक्ता अपने देश में आदर नहीं पाता। जब वह गलील में आया, तो गलीली आनन्द के साथ उससे मिले; क्योंकि जितने काम उसने यरूशलेम में पर्व के समय किए थे, उन्होंने उन सब को देखा था, क्योंकि वे भी पर्व में गए थे। तब वह फिर गलील के काना में आया, जहाँ उसने पानी को दाखरस बनाया था। वहाँ राजा का एक कर्मचारी था जिसका पुत्र कफरनहूम में बीमार था। वह यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से गलील में आ गया है, उसके पास गया और उससे विनती करने लगा कि चलकर मेरे पुत्र को चंगा कर दे : क्योंकि वह मरने पर था। यीशु ने उससे कहा, “जब तक तुम चिह्न और अद्भुत काम न देखोगे तब तक कदापि विश्वास न करोगे।” राजा के कर्मचारी ने उससे कहा, “हे प्रभु, मेरे बालक की मृत्यु होने से पहले चल।” यीशु ने उससे कहा, “जा, तेरा पुत्र जीवित है।” उस मनुष्य ने यीशु की कही हुई बात की प्रतीति की और चला गया। वह मार्ग में ही था कि उसके दास उससे आ मिले और कहने लगे, “तेरा लड़का जीवित है।” उसने उनसे पूछा, “किस घड़ी वह अच्छा होने लगा?” उन्होंने उससे कहा, “कल सातवें घण्टे में उसका ज्वर उतर गया।” तब पिता जान गया कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उससे कहा, “तेरा पुत्र जीवित है,” और उसने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया। यह दूसरा आश्चर्यकर्म था जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया।
योहन 4:31-54 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इतने में उसके चेले यीशु से यह विनती करने लगे, “हे रब्बी, कुछ खा ले।” परन्तु उसने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिये ऐसा भोजन है जिसे तुम नहीं जानते।” तब चेलों ने आपस में कहा, “क्या कोई उसके लिये कुछ खाने को लाया है?” यीशु ने उनसे कहा, “मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजनेवाले की इच्छा के अनुसार चलूँ और उसका काम पूरा करूँ। क्या तुम नहीं कहते, ‘कटनी होने में अब भी चार महीने पड़े हैं?’ देखो, मैं तुम से कहता हूँ, अपनी आँखें उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो, कि वे कटनी के लिये पक चुके हैं। और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। क्योंकि इस पर यह कहावत ठीक बैठती है: ‘बोनेवाला और है और काटनेवाला और।’ (मीका 6:15) मैंने तुम्हें वह खेत काटने के लिये भेजा जिसमें तुम ने परिश्रम नहीं किया औरों ने परिश्रम किया और तुम उनके परिश्रम के फल में भागी हुए।” और उस नगर के बहुत से सामरियों ने उस स्त्री के कहने से यीशु पर विश्वास किया; जिसने यह गवाही दी थी, कि उसने सब कुछ जो मैंने किया है, मुझे बता दिया। तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उससे विनती करने लगे कि हमारे यहाँ रह, और वह वहाँ दो दिन तक रहा। और उसके वचन के कारण और भी बहुतों ने विश्वास किया। और उस स्त्री से कहा, “अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हमने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।” फिर उन दो दिनों के बाद वह वहाँ से निकलकर गलील को गया। क्योंकि यीशु ने आप ही साक्षी दी कि भविष्यद्वक्ता अपने देश में आदर नहीं पाता। जब वह गलील में आया, तो गलीली आनन्द के साथ उससे मिले; क्योंकि जितने काम उसने यरूशलेम में पर्व के समय किए थे, उन्होंने उन सब को देखा था, क्योंकि वे भी पर्व में गए थे। तब वह फिर गलील के काना में आया, जहाँ उसने पानी को दाखरस बनाया था। वहाँ राजा का एक कर्मचारी था जिसका पुत्र कफरनहूम में बीमार था। वह यह सुनकर कि यीशु यहूदिया से गलील में आ गया है, उसके पास गया और उससे विनती करने लगा कि चलकर मेरे पुत्र को चंगा कर दे: क्योंकि वह मरने पर था। यीशु ने उससे कहा, “जब तक तुम चिन्ह और अद्भुत काम न देखोगे तब तक कदापि विश्वास न करोगे।” (दानि. 4:2) राजा के कर्मचारी ने उससे कहा, “हे प्रभु, मेरे बालक की मृत्यु होने से पहले चल।” यीशु ने उससे कहा, “जा, तेरा पुत्र जीवित है।” उस मनुष्य ने यीशु की कही हुई बात पर विश्वास किया और चला गया। वह मार्ग में जा ही रहा था, कि उसके दास उससे आ मिले और कहने लगे, “तेरा लड़का जीवित है।” उसने उनसे पूछा, “किस घड़ी वह अच्छा होने लगा?” उन्होंने उससे कहा, “कल सातवें घण्टे में उसका ज्वर उतर गया।” तब पिता जान गया कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उससे कहा, “तेरा पुत्र जीवित है,” और उसने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया। यह दूसरा चिन्ह था जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया।
योहन 4:31-54 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इसी बीच शिष्यों ने मसीह येशु से विनती की, “रब्बी, कुछ खा लीजिए.” मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पास खाने के लिए ऐसा भोजन है, जिसके विषय में तुम कुछ नहीं जानते.” इस पर शिष्य आपस में पूछताछ करने लगे, “कहीं कोई गुरु के लिए भोजन तो नहीं लाया?” मसीह येशु ने उनसे कहा, “अपने भेजनेवाले, की इच्छा पूरी करना तथा उनका काम समाप्त करना ही मेरा भोजन है. क्या तुम यह नहीं कहते कि कटनी में चार महीने बचे हैं? किंतु मैं तुमसे कहता हूं कि खेतों पर दृष्टि डालो. वे कब से कटनी के लिए पक चुके हैं. इकट्ठा करनेवाला अपनी मज़दूरी प्राप्त कर अनंत काल के जीवन के लिए फसल इकट्ठी कर रहा है कि किसान और इकट्ठा करनेवाला दोनों मिलकर आनंद मनाएं. यहां यह कहावत ठीक बैठती है: ‘एक बोए दूसरा काटे.’ जिस उपज के लिए तुमने कोई परिश्रम नहीं किया, उसी को काटने मैंने तुम्हें भेजा है. परिश्रम अन्य लोगों ने किया और तुम उनके प्रतिफल में शामिल हो गए.” अनेक शमरियावासियों ने उस स्त्री की इस गवाही के कारण मसीह येशु में विश्वास किया: “आओ, एक व्यक्ति को देखो, जिन्होंने मेरे जीवन की सारी बातें सुना दी हैं.” तब शमरियावासियों की विनती पर मसीह येशु दो दिन तक उनके मध्य रहे और उनका प्रवचन सुनकर अनेकों ने उनमें विश्वास किया. उन्होंने उस स्त्री से कहा, “अब हम मात्र तुम्हारे कहने से ही इनमें विश्वास नहीं करते, हमने अब इन्हें स्वयं सुना है और जान गए हैं कि यही वास्तव में संसार के उद्धारकर्ता हैं.” दो दिन बाद मसीह येशु ने गलील प्रदेश की ओर प्रस्थान किया. यद्यपि मसीह येशु स्वयं स्पष्ट कर चुके थे कि भविष्यवक्ता को अपने ही देश में सम्मान नहीं मिलता, गलील प्रदेश पहुंचने पर गलीलवासियों ने उनका स्वागत किया क्योंकि वे फ़सह उत्सव के समय येरूशलेम में मसीह येशु द्वारा किए गए काम देख चुके थे. मसीह येशु दोबारा गलील प्रदेश के काना नगर में आए, जहां उन्होंने जल को दाखरस में बदला था. कफ़रनहूम नगर में एक राजकर्मचारी था, जिसका पुत्र अस्वस्थ था. यह सुनकर कि मसीह येशु यहूदिया प्रदेश से गलील में आए हुए हैं, उसने आकर मसीह येशु से विनती की कि वह चलकर उसके पुत्र को स्वस्थ कर दें, जो मृत्यु-शय्या पर है. इस पर मसीह येशु ने उसे झिड़की देते हुए कहा, “तुम लोग तो चिह्न और चमत्कार देखे बिना विश्वास ही नहीं करते!” राजकर्मचारी ने उनसे दोबारा विनती की, “श्रीमन, इससे पूर्व कि मेरे बालक की मृत्यु हो, कृपया मेरे साथ चलें.” मसीह येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” उस व्यक्ति ने मसीह येशु के वचन पर विश्वास किया और घर लौट गया. जब वह मार्ग में ही था, उसके दास उसे मिल गए और उन्होंने उसे सूचना दी, “स्वामी, आपका पुत्र स्वस्थ हो गया है.” “वह किस समय से स्वस्थ होने लगा था?” उसने उनसे पूछा. उन्होंने कहा, “कल लगभग दोपहर एक बजे उसका ज्वर उतर गया.” पिता समझ गया कि यह ठीक उसी समय हुआ जब मसीह येशु ने कहा था, “तुम्हारा पुत्र जीवित रहेगा.” इस पर उसने और उसके सारे परिवार ने मसीह येशु में विश्वास किया. यह दूसरा अद्भुत चिह्न था, जो मसीह येशु ने यहूदिया प्रदेश से लौटकर गलील प्रदेश में किया.