यिर्मयाह 18:1-6

यिर्मयाह 18:1-6 पवित्र बाइबल (HERV)

यह यहोवा का वह सन्देश है जो यिर्मयाह को मिला: “यिर्मयाह, कुम्हार के घर जाओ। मैं अपना सन्देश तुम्हें कुम्हार के घर पर दूँगा।” अत: मैं कुम्हार के घर गया। मैंने कुम्हार को चाक पर मिट्टी से बर्तन बनाते देखा। वह एक बर्तन मिट्टी से बना रहा था। किन्तु बर्तन में कुछ दोष था। इसलिये कुम्हार ने उस मिट्टी का उपयोग फिर किया और उसने दूसरा बर्तन बनाया। उसने अपने हाथों का उपयोग बर्तन को वह रूप देने के लिये किया जो रूप वह देना चाहता था। तब यहोवा से सन्देश मेरे पास आया, “इस्राएल के परिवार, तुम जानते हो कि मैं (परमेश्वर) वैसा ही तुम्हारे साथ कर सकता हूँ। तुम कुम्हार के हाथ की मिट्टी के समान हो और मैं कुम्हार की तरह हूँ।”

यिर्मयाह 18:1-6 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु का यह वचन यिर्मयाह को मिला। प्रभु ने कहा, ‘यिर्मयाह, उठ और कुम्‍हार के घर जा। वहां मैं तुझे अपना सन्‍देश सुनाऊंगा।’ अत: मैं कुम्‍हार के घर गया। मैंने देखा कि वह चाक पर मिट्टी के बर्तन बना रहा है। और जो बर्तन उसने बनाया, वह उसके हाथ से बिगड़ गया। तब उसने उसी मिट्टी से दूसरा बर्तन, जो उस को अपनी आंखों में उचित लगा, बना लिया। तब प्रभु का यह वचन मुझे मिला : ‘ओ इस्राएल के वंश! जैसा इस कुम्‍हार ने मिट्टी के साथ किया, क्‍या मैं तुम्‍हारे साथ वैसा नहीं कर सकता हूं? मुझ-प्रभु का यह कथन है: सुन, ओ इस्राएल के वंश! जैसे मिट्टी कुम्‍हार के हाथ में होती है, वैसे ही तू मेरे हाथ में है।

यिर्मयाह 18:1-6 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा, “उठकर कुम्हार के घर जा, और वहाँ मैं तुझे अपने वचन सुनाऊँगा।” इसलिए मैं कुम्हार के घर गया और क्या देखा कि वह चाक पर कुछ बना रहा है! जो मिट्टी का बर्तन वह बना रहा था वह बिगड़ गया, तब उसने उसी का दूसरा बर्तन अपनी समझ के अनुसार बना दिया। तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा, “हे इस्राएल के घराने, यहोवा की यह वाणी है कि इस कुम्हार के समान तुम्हारे साथ क्या मैं भी काम नहीं कर सकता? देख, जैसा मिट्टी कुम्हार के हाथ में रहती है, वैसे ही हे इस्राएल के घराने, तुम भी मेरे हाथ में हो। (रोम. 9:21)

यिर्मयाह 18:1-6 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया: “कुम्हार के घर जाओ, वहीं मैं तुम पर अपनी बातें प्रकाशित करूंगा.” मैं कुम्हार के आवास पर गया, जहां वह अपने चक्र पर कुछ गढ़ रहा था. किंतु वह बर्तन, जिसे वह मिट्टी से बना रहा था, वह उसके हाथों में ही विकृत हो गया; इसलिये उसने उसी से जैसा उसे उपयुक्त लगा, एक अन्य बर्तन का निर्माण कर दिया. तब याहवेह ने अपना संदेश मुझे इस प्रकार प्रगट किया. “इस्राएल वंशजों, क्या तुम्हारे साथ मैं भी वही नहीं कर सकता, जो यह कुम्हार किया करता है?” यह याहवेह की वाणी है. “यह समझ लो इस्राएल वंशजों: मेरे हाथों में तुम्हारी स्थिति ठीक वैसी ही है, जैसी कुम्हार के हाथों में उस मिट्टी की होती है.

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