याकूब 5:13-16
याकूब 5:13-16 पवित्र बाइबल (HERV)
यदि तुम में से कोई विपत्ति में पड़ा है तो उसे प्रार्थना करनी चाहिए और यदि कोई प्रसन्न है तो उसे स्तुति-गीत गाने चाहिए। यदि तुम्हारे बीच कोई रोगी है तो उसे कलीसिया के अगुवाओं को बुलाना चाहिए कि वे उसके लिए प्रार्थना करें और उस पर प्रभु के नाम में तेल मलें। विश्वास के साथ की गई प्रार्थना से रोगी निरोग होता है। और प्रभु उसे उठाकर खड़ा कर देता है। यदि उसने पाप किए हैं तो प्रभु उसे क्षमा कर देगा। इसलिए अपने पापों को परस्पर स्वीकार और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो ताकि तुम भले चंगे हो जाओ। धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना शक्तिशाली और प्रभावपूर्ण होती है।
याकूब 5:13-16 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
यदि आप लोगों में से कोई कष्ट में हो, तो वह प्रार्थना करे। कोई प्रसन्न हो, तो भजन गाये। कोई अस्वस्थ हो, तो कलीसिया के धर्मवृद्धों को बुलाये और वे प्रभु के नाम पर उस पर तेल का विलेपन करने के बाद उसके लिए प्रार्थना करें। वह विश्वासपूर्ण प्रार्थना रोगी को बचायेगी और प्रभु उसे खड़ा कर देगा। यदि उसने पाप किया है, तो उसे क्षमा मिलेगी। इसलिए आप लोग एक दूसरे के सामने अपने-अपने पाप स्वीकार करें और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करें, जिससे आप स्वस्थ हो जायें। धर्मात्मा की भक्तिमय प्रार्थना बहुत प्रभावशाली होती है।
याकूब 5:13-16 Hindi Holy Bible (HHBD)
यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाए। यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें। और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उस को उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उस ने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी। इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
याकूब 5:13-16 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यदि तुम में कोई दु:खी है, तो वह प्रार्थना करे। यदि आनन्दित है, तो वह स्तुति के भजन गाए। यदि तुम में कोई रोगी है, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें, और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठाकर खड़ा करेगा; और यदि उसने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी। इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने–अपने पापों को मान लो, और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ : धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
याकूब 5:13-16 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यदि तुम में कोई दुःखी हो तो वह प्रार्थना करे; यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाए। यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मलकर उसके लिये प्रार्थना करें। और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठाकर खड़ा करेगा; यदि उसने पाप भी किए हों, तो परमेश्वर उसको क्षमा करेगा। इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
याकूब 5:13-16 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यदि तुममें से कोई मुसीबत में है, तो वह प्रार्थना करे; यदि आनंदित है, तो वह स्तुति गीत गाए. यदि तुममें कोई बीमार है, तो वह कलीसिया के पुरनियों को बुलाए और वे प्रभु के नाम में उस पर तेल मलते हुए उसके लिए प्रार्थना करें. विश्वास से भरी प्रार्थना के द्वारा रोगी स्वस्थ हो जाएगा—प्रभु उसे स्वास्थ्य प्रदान करेंगे. यदि उसने पाप किए हैं, वे भी क्षमा कर दिए जाएंगे. सही है कि तुम सब एक दूसरे के सामने अपने पाप स्वीकार करो तथा एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो, जिससे तुम स्वस्थ हो जाओ. धर्मी व्यक्ति की प्रार्थना प्रभावशाली तथा परिणामकारक होती है.