यशायाह 64:1-5

यशायाह 64:1-5 पवित्र बाइबल (HERV)

यदि तू आकाश चीर कर धरती पर नीचे उतर आये तो सब कुछ ही बदल जाये। तेरे सामने पर्वत पिघल जाये। पहाड़ों में लपेट उठेंगी। वे ऐसे जलेंगे जैसे झाड़ियाँ जलती हैं। पहाड़ ऐसे उबलेंगे जैसे उबलता पानी आग पर रखा गया हो। तब तेरे शत्रु तेरे बारे में समझेंगे। जब सभी जातियाँ तुझको देखेंगी तब वे भय से थर—थर काँपेंगी। किन्तु हम सचमुच नहीं चाहते हैं कि तू ऐसे कामों को करे कि तेरे सामने पहाड़ पिघल जायें। सचमुच तेरे ही लोगों ने तेरी कभी नहीं सुनी। जो कुछ भी तूने बात कही सचमुच तेरे ही लोगों ने उन्हें कभी नहीं सुना। तेरे जैसा परमेश्वर किसी ने भी नहीं देखा। कोई भी अन्य परमेश्वर नहीं, बस केवल तू है। यदि लोग धीरज धर कर तेरे सहारे की बाट जोहते रहें, तो तू उनके लिये बड़े काम कर देगा। जिनको अच्छे काम करने में रस आता है, तू उन लोगों के साथ है। वे लोग तेरे जीवन की रीति को याद करते हैं। पर देखो, बीते दिनों में हमने तेरे विरूद्ध पाप किये हैं। इसलिये तू हमसे क्रोधित हो गया था। अब भला कैसे हमारी रक्षा होगी

यशायाह 64:1-5 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

काश! तू आकाश को फाड़कर पृथ्‍वी पर उतर आता; तेरी उपस्‍थिति से पहाड़ थर्रा उठते! जैसे आग झाड़-झंखाड़ को जलाती है, जैसे आग की आंच पानी को उबालती है, वैसे ही प्रभु, तू अपने बैरियों पर अपना नाम प्रकट कर जिससे राष्‍ट्र तेरी उपस्‍थिति से कांप उठें। तूने ऐसे भयानक काम किए हैं जिनकी हमने आशा भी नहीं की थी! सचमुच जब तू स्‍वर्ग से नीचे उतर आया तब तेरी उपस्‍थिति से पहाड़ भी थर्रा उठे। प्राचीन काल से यह कभी सुनने में नहीं आया; न किसी ने कानों से सुना, और न अपनी आंखों से देखा कि तेरे अतिरिक्‍त और कोई ईश्‍वर है। केवल तू उनके लिए आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करता है, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं। तू उन लोगों से मिलता है जो आनन्‍दपूर्वक धर्म के कार्य करते हैं; जो तेरे मार्गों पर चलकर तुझे स्‍मरण करते हैं। देख, तू हमसे क्रोधित था, क्‍योंकि हमने पाप किया था। हम बहुत समय तक पाप की अवस्‍था में रहे। क्‍या हम बच सकते हैं?

यशायाह 64:1-5 Hindi Holy Bible (HHBD)

भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे। जैसे आग झाड़-झंखाड़ को जला देती वा जल को उबालती है, उसी रीति से तू अपने शत्रुओं पर अपना नाम ऐसा प्रगट कर कि जाति जाति के लोग तेरे प्रताप से कांप उठें! जब तू ने ऐसे भयानक काम किए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे, तब तू उतर आया, पहाड़ तेरे प्रताप से कांप उठे। क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के लिये काम करे। तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत काल से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?

यशायाह 64:1-5 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे। जैसे आग झाड़–झँखाड़ को जला देती या जल को उबालती है, उसी रीति से तू अपने शत्रुओं पर अपना नाम ऐसा प्रगट कर कि जाति जाति के लोग तेरे प्रताप से काँप उठें! जब तू ने ऐसे भयानक काम किए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे, तब तू उतर आया, पहाड़ तेरे प्रताप से काँप उठे। क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्‍वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहनेवालों के लिये काम करे। तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हम ने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?

यशायाह 64:1-5 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे। जैसे आग झाड़-झँखाड़ को जला देती या जल को उबालती है, उसी रीति से तू अपने शत्रुओं पर अपना नाम ऐसा प्रगट कर कि जाति-जाति के लोग तेरे प्रताप से काँप उठें! जब तूने ऐसे भयानक काम किए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे, तब तू उतर आया, पहाड़ तेरे प्रताप से काँप उठे। क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहनेवालों के लिये काम करे। (भज. 31:19, 1 कुरि. 2:9) तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते, और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ था, क्योंकि हमने पाप किया; हमारी यह दशा तो बहुत समय से है, क्या हमारा उद्धार हो सकता है?

यशायाह 64:1-5 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

भला हो कि आप आकाश को फाड़कर नीचे आ सकते, कि पर्वत आपके सामने कांप उठे! जिस प्रकार आग झाड़ को जला देती है या जल को उबालती है, वैसे ही आपके विरोधियों को आपकी प्रतिष्ठा का बोध हो जाता कि आपकी उपस्थिति से राष्ट्र कांप उठते हैं! जब आपने ऐसे भयानक काम किए थे, तब आप उतर आए थे, पर्वत आपकी उपस्थिति में कांप उठे. पूर्वकाल से न तो उन्होंने सुना है, न ही देखा गया है, आपके सिवाय हमारे लिए और कोई परमेश्वर नहीं हुआ है, जो अपने भक्तों की ओर ध्यान दे. आप उन्हीं से मिलते हैं जो आनंद से नीतियुक्त काम करते हैं, जो आपको याद रखते हुए आपके मार्गों पर चलते हैं. सच है कि आप हमारे पाप के कारण क्रोधित हुए, और हमारी यह दशा बहुत समय से है. क्या हमें छुटकारा मिल सकता है?