यशायाह 25:1-5
यशायाह 25:1-5 पवित्र बाइबल (HERV)
हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है। मैं तेरे नाम की स्तुति करता हूँ और मैं तुझे सम्मान देता हूँ। तूने अनेक अद्भुत कार्य किये हैं। जो भी शब्द तूने बहुत पहले कहे थे वे पूरी तरह से सत्य हैं। हर बात वैसी ही घटी जैसे तूने बतायी थी। तूने नगर को नष्ट किया। वह नगर सुदृढ़ प्राचीरों से संरक्षित था। किन्तु अब वह मात्र पत्थरों का ढेर रह गया। परदेसियों का महल नष्ट कर दिया गया। अब उसका फिर से निर्माण नहीं होगा। सामर्थी लोग तेरी महिमा करेंगे। क्रूर जातियों के नगर तुझसे डरेंगे। यहोवा निर्धन लोगों के लिये जो जरुरतमंद हैं, तू सुरक्षा का स्थान है। अनेक विपत्तियाँ उनको पराजित करने को आती हैं किन्तु तू उन्हें बचाता है। तू एक ऐसा भवन है जो उनको तूफानी वर्षा से बचाता है और तू एक ऐसी हवा है जो उनको गर्मी से बचाती है। विपत्तियाँ भयानक आँधी और घनघोर वर्षा जैसी आती हैं। वर्षा दीवारों से टकराती हैं और नीचे बह जाती है किन्तु मकान में जो लोग हैं, उनको हानि नहीं पहुँचती है। नारे लगाते हुए शत्रु ने ललकारा। घोर शत्रु ने चुनौतियाँ देने को ललकारा। किन्तु तूने हे परमेश्वर, उनको रोक लिया। वे नारे ऐसे थे जैसे गर्मी किसी खुश्क जगह पर। तूने उन क्रूर लोगों के विजय गीत ऐसे रोक दिये थे जैसे सघन मेघों की छाया गर्मी को दूर करती है।
यशायाह 25:1-5 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
हे प्रभु, तू ही मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का गुणगान करूंगा। तूने अद्भुत कार्य किए हैं, तूने अपनी योजनाएं पूर्ण की हैं, जो आरम्भ से बनी थीं, जो विश्वस्त और निश्चयपूर्ण थीं। तूने नगर को खण्डहरों का ढेर बना दिया; किलाबन्द नगर को खण्डहर कर दिया। विदेशियों के महलों का नगर, अब नगर नहीं रहा। उसका पुनर्निर्माण अब कभी नहीं होगा। इसलिए शक्तिशाली कौमें तेरी महिमा करेंगी, खूंखार राष्ट्रों के नगर तुझसे डरेंगे। तू गरीबों का सुदृढ़ आश्रय रहा है; तू संकट में पड़े निर्धन का सहारा रहा है। तू तूफान से रक्षा करनेवाला शरण-स्थल, ग्रीष्म-ताप से बचानेवाली शीतल छाया है। निर्दयी जन का फूत्कार उस तूफान के झोंके-सा है, जो दीवार से टकराता है; वह शुष्क स्थान की ताप के समान है। तू विदेशियों की अहंकारपूर्ण उिक्तयों का शमन करता है; जैसे बदली में गर्मी कम हो जाती है वैसे ही निर्दयी का अहंकार-गान शान्त हो गया।
यशायाह 25:1-5 Hindi Holy Bible (HHBD)
हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियां की हैं। तू ने नगर को डीह, और उस गढ़ वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा। इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर अन्यजातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा। क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों को जयजयकार बन्द करता है॥
यशायाह 25:1-5 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूँगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियाँ की हैं। तू ने नगर को ढेर बना डाला, और उस गढ़वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा। इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर जातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा। क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों का जयजयकार बन्द करता है।
यशायाह 25:1-5 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूँगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा; क्योंकि तूने आश्चर्यकर्मों किए हैं, तूने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियाँ की हैं। तूने नगर को ढेर बना डाला, और उस गढ़वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तूने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा। इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर जातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा। क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ। जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों को जयजयकार बन्द करता है।
यशायाह 25:1-5 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं; मैं आपकी प्रशंसा करूंगा और आपके नाम की महिमा करूंगा, क्योंकि आपने बड़े अद्भुत काम किए हैं, और उन सनातन योजनाओं को पूरी विश्वस्तता एवं सच्चाई से आपने पूरा किया है. आपने नगरों को गिरा दिया, और खंडहर कर दिया, परदेशियों का अब कोई नगर नहीं; और न ही उन्हें फिर बसाया जाएगा. इसलिये बलवंत प्रजा आपकी महिमा करेगी; और निर्दयी आपका भय मानेंगे. दीनों के लिए आप शरणस्थान, और विपत्ति के समय आप उनके लिए ढाल होंगे, दरिद्रों के लिये उनके शरण और रक्षक होंगे. जैसे निर्जल देश में बादल से ठंडक होती है; वैसे ही परदेशियों का कोलाहल, और निर्दयी लोगों का जय जयकार शांत हो जाएगा.