उत्‍पत्ति 1:14-23

उत्‍पत्ति 1:14-23 पवित्र बाइबल (HERV)

तब परमेश्वर ने कहा, “आकाश में ज्योति होने दो। यह ज्योति दिन को रात से अलग करेंगी। यह ज्योति एक विशेष चिन्ह के रूप में प्रयोग की जाएंगी जो यह बताएंगी कि विशेष सभाएं कब शुरू की जाएं और यह दिनों तथा वर्षों के समय को निश्चित करेंगी। पृथ्वी पर प्रकाश देने के लिए आकाश में ज्योति ठहरें” और ऐसा ही हुआ। तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं। परमेश्वर ने उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर राज करने के लिए बनाया और छोटी को रात पर राज करने के लिए बनाया। परमेश्वर ने तारे भी बनाए। परमेश्वर ने इन ज्योतियों को आकाश में इसलिए रखा कि वेह पृथ्वी पर चमकें। परमेश्वर ने इन ज्योतियों को आकाश में इसलिए रखा कि वह दिन तथा रात पर राज करें। इन ज्योतियों ने उजियाले को अंधकार से अलग किया और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है। तब शाम हुई और सवेरा हुआ। यह चौथा दिन था। तब परमेश्वर ने कहा, “जल, अनेक जलचरों से भर जाए और पक्षी पृथ्वी के ऊपर वायुमण्डल में उड़ें।” इसलिए परमेश्वर ने समुद्र में बहुत बड़े—बड़े जलजन्तु बनाए। परमेश्वर ने समुद्र में विचरण करने वाले प्राणियों को बनाया। समुद्र में भिन्न—भिन्न जाति के जलजन्तु हैं। परमेश्वर ने इन सब की सृष्टि की। परमेश्वर ने हर तरह के पक्षी भी बनाए जो आकाश में उड़ते हैं। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है। परमेश्वर ने इन जानवरों को आशीष दी, और कहा, “जाओ और बहुत से बच्चे उत्पन्न करो और समुद्र के जल को भर दो। पक्षी भी बहुत बढ़ जाएं।” तब शाम हुई और सवेरा हुआ। यह पाँचवाँ दिन था।

उत्‍पत्ति 1:14-23 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

परमेश्‍वर ने कहा, ‘दिन को रात से अलग करने के लिए आकाश के मेहराब में ज्‍योति-पिण्‍ड हों। वे ऋतु, दिन और वर्ष के चिह्‍न बनें। पृथ्‍वी पर प्रकाश करने के लिए आकाश के मेहराब में ज्‍योति-पिण्‍ड हों।’ ऐसा ही हुआ। परमेश्‍वर ने दो विशाल ज्‍योति-पिण्‍ड बनाए : अधिक शक्‍तिवान ज्‍योति-पिण्‍ड को दिन का शासक, और कम शक्‍तिवान ज्‍योति-पिण्‍ड को रात का शासक बनाया। उसने तारे भी बनाए। परमेश्‍वर ने उन्‍हें आकाश के मेहराब में स्‍थित किया कि वे पृथ्‍वी को प्रकाशित करें, दिन और रात पर शासन करें और प्रकाश को अन्‍धकार से अलग करें। परमेश्‍वर ने देखा कि वे अच्‍छे हैं। सन्‍ध्‍या हुई, फिर सबेरा हुआ। इस प्रकार चौथा दिन बीत गया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘समुद्र जीवित जलचरों के झुण्‍ड के झुण्‍ड उत्‍पन्न करें तथा पक्षी पृथ्‍वी पर आकाश के मेहराब में उड़ें।’ इस प्रकार परमेश्‍वर ने बड़े-बड़े जल-जन्‍तुओं और गतिमान जलचरों को, जो झुण्‍ड के झुण्‍ड समुद्र में तैरते हैं, उनकी जाति के अनुसार उत्‍पन्न किया। उसने सब पंखवाले पक्षियों को भी उनकी जाति के अनुसार उत्‍पन्न किया। परमेश्‍वर ने देखा कि वे अच्‍छे हैं। परमेश्‍वर ने उन्‍हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो, और समुद्रों को भर दो। पक्षी भी पृथ्‍वी में असंख्‍य हो जाएँ।’ सन्‍ध्‍या हुई, फिर सबेरा हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन बीत गया।

उत्‍पत्ति 1:14-23 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर परमेश्वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों। और वे ज्योतियां आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देने वाली भी ठहरें; और वैसा ही हो गया। तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया। परमेश्वर ने उन को आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया॥ फिर परमेश्वर ने कहा, जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें। इसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया और एक एक जाति के उड़ने वाले पक्षियों की भी सृष्टि की: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी, कि फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन हो गया।

उत्‍पत्ति 1:14-23 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

फिर परमेश्‍वर ने कहा, “दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियाँ हों; और वे चिह्नों, और नियत समयों और दिनों, और वर्षों के कारण हों; और वे ज्योतियाँ आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली भी ठहरें,” और वैसा ही हो गया। तब परमेश्‍वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया; और तारागण को भी बनाया। परमेश्‍वर ने उनको आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, तथा दिन और रात पर प्रभुता करें, और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें : और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है। तथा साँझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया। फिर परमेश्‍वर ने कहा, “जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें।” इसलिये परमेश्‍वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल–जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्‍टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया, और एक एक जाति के उड़नेवाले पक्षियों की भी सृष्‍टि की : और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है। और परमेश्‍वर ने यह कहके उनको आशीष दी, “फूलो–फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें।” तथा साँझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पाँचवाँ दिन हो गया।

उत्‍पत्ति 1:14-23 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर परमेश्वर ने कहा, “दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियाँ हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों; और वे ज्योतियाँ आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देनेवाली भी ठहरें,” और वैसा ही हो गया। तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं; उनमें से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया; और तारागण को भी बनाया। परमेश्वर ने उनको आकाश के अन्तर में इसलिए रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अंधियारे से अलग करें; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। तथा साँझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया। फिर परमेश्वर ने कहा, “जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें।” इसलिए परमेश्वर ने जाति-जाति के बड़े-बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिनसे जल बहुत ही भर गया और एक-एक जाति के उड़नेवाले पक्षियों की भी सृष्टि की; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। परमेश्वर ने यह कहकर उनको आशीष दी, “फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें।” तथा साँझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पाँचवाँ दिन हो गया।

उत्‍पत्ति 1:14-23 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

फिर परमेश्वर ने कहा, “दिन को रात से अलग करने के लिए आकाश में ज्योतियां हों, और ये चिन्हों, समयों, दिनों एवं वर्षों के लिए होगा. और आकाश में ज्योतियां हों, जिससे पृथ्वी को प्रकाश मिले,” और ऐसा ही हो गया. परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाई—बड़ी ज्योति को दिन में तथा छोटी ज्योति को रात में राज करने हेतु बनाया. और परमेश्वर ने तारे भी बनाये. इन सभी को परमेश्वर ने आकाश में स्थिर किया कि ये पृथ्वी को रोशनी देते रहें, ताकि दिन और रात अपना काम पूरा कर सकें और रोशनी अंधकार से अलग हो. और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है. और शाम हुई, फिर सुबह हुई—इस प्रकार चौथा दिन हो गया. फिर परमेश्वर ने कहा, “पानी में पानी के जंतु और आकाश में उड़नेवाले पक्षी भर जायें.” परमेश्वर ने बड़े-बड़े समुद्री-जीवों तथा सब जातियों के जंतुओं को भी बनाया, और समुद्र को समुद्री-जीवों से भर दिया तथा सब जाति के पक्षियों की भी सृष्टि की और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है. इन्हें परमेश्वर ने यह कहकर आशीष दी, “समुद्र में सभी जंतु, तथा पृथ्वी में पक्षी भर जायें.” तब शाम हुई, फिर सुबह हुई—पांचवां दिन हो गया.

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