1 राजा 8:37-45

1 राजा 8:37-45 पवित्र बाइबल (HERV)

“भूमि बहुत अधिक सूख सकती है और उस पर कोई अन्न उग नहीं सकेगा या संभव है लोगों में महामारी फैले। संभव है सारा पैदा हुआ अन्न कीड़े मकोड़ों द्वारा नष्ट कर दिया जाये या तेरे लोग अपने शत्रुओं के आक्रमण के शिकार बनें या तेरे अनेक लोग बीमार पड़ जायें। जब इनमें से कुछ भी घटित हो, और एक भी व्यक्ति अपने पापों के लिये पश्चाताप करे, और अपने हाथों को इस मन्दिर की ओर प्रार्थना में फैलाये तो कृपया उसकी प्रार्थना को सुन। उसकी प्रार्थना को सुन जब तू अपने निवास स्थान स्वर्ग में है। तब लोगों को क्षमा कर और उनकी सहायता कर। केवल तू यह जानता है कि लोगों के मन में सचमुच क्या है अतः हर एक साथ न्याय कर और उनके प्रति न्यायशील रह। यह इसलिये कर कि तेरे लोग डरें और तेरा सम्मान तब तक सदैव करें जब तक वे इस भूमि पर रहें जिसे तूने हमारे पूर्वजों को दिया था। “अन्य स्थानों के लोग तेरी महानता और तेरी शक्ति के बारे में सुनेंगे। वे बहुत दूर से इस मन्दिर में प्रार्थना करने आएंगे। कृपया अपने निवास स्थान, स्वर्ग से उनकी प्रार्थना सुन। कृपया तू वह सब कुछ प्रदान कर जिसे अन्य स्थानों के लोग तुझसे माँगें। तब वे लोग भी इस्राएली लोगों की तरह ही तुझसे डरेंगे और तेरा सम्मान करेंगे। “कभी—कभी तू अपने लोगों को अपने शत्रुओं के विरुद्ध जाने और उनसे युद्ध करने का आदेश देगा। तब तेरे लोग तेरे चुने हुए इस नगर और मेरे बनाये हुए मन्दिर की ओर अभिमुख होंगे। जिसे मैंने तेरे सम्मान में बनाया है और वे तेरी प्रार्थना करेंगे। उस समय तू अपने निवास स्थान स्वर्ग से उनकी प्रार्थनाओं को सुन और उनकी सहायता कर।

1 राजा 8:37-45 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

‘जब इस देश में अकाल पड़ेगा, महामारी फैलेगी, फसल में गेरुआ कीड़ा लगेगा, पाला पड़ेगा, टिड्डी-दल का आक्रमण होगा अथवा फसल में कीड़े लगेंगे; जब उनके शत्रु उनको किसी नगर में घेर लेंगे, अथवा महामारी या रोग का उन पर हमला होगा, तब यदि तेरे निज लोग इस्राएली सामूहिक रूप से अथवा कोई भी मनुष्‍य निजी रूप से अपने हृदय में पश्‍चात्ताप करेगा, और इस भवन की ओर अपने हाथ फैलाएगा और तुझसे प्रार्थना तथा विनती करेगा, तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्‍थान स्‍वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्‍येक मनुष्‍य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्‍य के हृदय को जानता है। इस प्रकार वे जीवन-भर तेरी भक्‍ति करते हुए इस देश में निवास करेंगे, जो तूने हमारे पूर्वजों को दिया है। ‘जब कोई विदेशी, जो तेरे निज लोग इस्राएली जाति का नहीं है, तेरे नाम के कारण दूर देश से आएगा (क्‍योंकि मनुष्‍य तेरे नाम, तेरे सामर्थी हाथ और उद्धार के हेतु फैली हुई तेरी भुजाओं के विषय में सुनेंगे), जब वह इस भवन में आकर तुझसे प्रार्थना करेगा, तब तू अपने निवास-स्‍थान स्‍वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना। जिस कार्य के लिए विदेशी तुझे पुकारेंगे, तू उस कार्य को करना। इस प्रकार तेरे निज लोग इस्राएलियों के समान पृथ्‍वी के सब लोग भी तेरे नाम को जानेंगे, और तेरी भक्‍ति करेंगे। उनको ज्ञात होगा कि यह भवन जो मैंने निर्मित किया है, तेरे नाम को समर्पित है। ‘जब तेरे निज लोग अपने शत्रु से युद्ध करने के लिए नगर से बाहर निकलेंगे और उस मार्ग पर जाएंगे जिस पर तू उन्‍हें भेजेगा, तब यदि वे उस नगर की ओर जिसको तूने चुना है, और उस भवन की ओर, जो मैंने तेरे नाम की महिमा के लिए निर्मित किया है, तुझ-प्रभु से प्रार्थना करेंगे, तो तू स्‍वर्ग से उनकी प्रार्थना और विनती सुनना, और उनको विजय प्रदान करना।

1 राजा 8:37-45 Hindi Holy Bible (HHBD)

जब इस देश में काल वा मरी वा झुलस हो वा गेरुई वा टिड्डियां वा कीड़े लगें वा उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, अथवा कोई विपत्ति वा रोग क्यों न हों, तब यदि कोई मनुष्य वा तेरी प्रजा इस्राएल अपने अपने मन का दु:ख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएं; तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान में से सुनकर क्षमा करना, और ऐसा करना, कि एक एक के मन को जानकर उसकी समस्त चाल के अनुसार उसको फल देना: तू ही तो सब आदमियों के मन के भेदों का जानने वाला है। तब वे जितने दिन इस देश में रहें, जो तू ने उनके पुरखाओं को दिया था, उतने दिन तक तेरा भय मानते रहें। फिर परदेशी भी जो तेरी प्रजा इस्राएल का न हो, जब वह तेरा नाम सुनकर, दूर देश से आए, वह तो तेरे बड़े नाम और बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा का समाचार पाए; इसलिये जब ऐसा कोई आकर इस भवन की ओर प्रार्थना करें, तब तू अपने स्वगींय निवासस्थान में से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिस से पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानकर तेरी प्रजा इस्राएल की नाईं तेरा भय मानें, और निश्चय जानें, कि यह भवन जिसे मैं ने बनाया है, वह तेरा ही कहलाता है। जब तेरी प्रजा के लोग जहां कहीं तू उन्हें भेजे, वहां अपने शत्रुओं से लड़ाई करने को निकल जाएं, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम पर बनाया है, यहोवा से प्रार्थना करें, तब तू स्वर्ग में से उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट सुनकर उनका न्याय कर।

1 राजा 8:37-45 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

“जब इस देश में अकाल या मरी या झुलस हो या गेरुई या टिड्डियाँ या कीड़े लगें या उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, अथवा कोई विपत्ति या रोग क्यों न हों, तब यदि कोई मनुष्य या तेरी प्रजा इस्राएल अपने अपने मन का दु:ख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएँ; तो तू अपने स्वर्गीय निवास–स्थान में से सुनकर क्षमा करना, और ऐसा करना, कि एक एक के मन को जानकर उसकी समस्त चाल के अनुसार उसको फल देना : तू ही तो सब मनुष्यों के मन के भेदों का जानने वाला है। तब वे जितने दिन इस देश में रहें, जो तू ने उनके पुरखाओं को दिया था, उतने दिन तक तेरा भय मानते रहें। “फिर परदेशी भी जो तेरी प्रजा इस्राएल का न हो, जब वह तेरा नाम सुनकर, दूर देश से आए, वह तो तेरे बड़े नाम और बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा का समाचार पाए; इसलिये जब ऐसा कोई आकर इस भवन की ओर प्रार्थना करे, तब तू अपने स्वर्गीय निवास–स्थान में से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिससे पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानकर तेरी प्रजा इस्राएल के समान तेरा भय मानें, और निश्‍चय जानें, कि यह भवन जिसे मैं ने बनाया है, वह तेरा ही कहलाता है। “जब तेरी प्रजा के लोग जहाँ कहीं तू उन्हें भेजे, वहाँ अपने शत्रुओं से लड़ाई करने को निकल जाएँ, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम पर बनाया है, यहोवा से प्रार्थना करें, तब तू स्वर्ग में से उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट सुनकर उनका न्याय कर।

1 राजा 8:37-45 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

“जब इस देश में अकाल या मरी या झुलस हो या गेरूई या टिड्डियाँ या कीड़े लगें या उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, अथवा कोई विपत्ति या रोग क्यों न हों, तब यदि कोई मनुष्य या तेरी प्रजा इस्राएल अपने-अपने मन का दुःख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाए; तो तू अपने स्वर्गीय निवास-स्थान में से सुनकर क्षमा करना, और ऐसा करना, कि एक-एक के मन को जानकर उसकी समस्त चाल के अनुसार उसको फल देना: तू ही तो सब मनुष्यों के मन के भेदों का जाननेवाला है। तब वे जितने दिन इस देश में रहें, जो तूने उनके पुरखाओं को दिया था, उतने दिन तक तेरा भय मानते रहें। “फिर परदेशी भी जो तेरी प्रजा इस्राएल का न हो, जब वह तेरा नाम सुनकर, दूर देश से आए, वह तो तेरे बड़े नाम और बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा का समाचार पाए; इसलिए जब ऐसा कोई आकर इस भवन की ओर प्रार्थना करे, तब तू अपने स्वर्गीय निवास-स्थान में से सुन, और जिस बात के लिये ऐसा परदेशी तुझे पुकारे, उसी के अनुसार व्यवहार करना जिससे पृथ्वी के सब देशों के लोग तेरा नाम जानकर तेरी प्रजा इस्राएल के समान तेरा भय मानें, और निश्चय जानें, कि यह भवन जिसे मैंने बनाया है, वह तेरा ही कहलाता है। “जब तेरी प्रजा के लोग जहाँ कहीं तू उन्हें भेजे, वहाँ अपने शत्रुओं से लड़ाई करने को निकल जाएँ, और इस नगर की ओर जिसे तूने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैंने तेरे नाम पर बनाया है, यहोवा से प्रार्थना करें, तब तू स्वर्ग में से उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट सुनकर उनका न्याय

1 राजा 8:37-45 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

“जब देश में अकाल का प्रकोप हो जाए, यदि यहां महामारी हो जाए, पाला पड़े, अथवा उपज में गेरुआ रोग लग जाए, टिड्डियों अथवा इल्लियों का आक्रमण हो जाए, यदि शत्रु उन्हीं के देश में, उन्हीं के द्वार के भीतर उन्हें बंदी बना ले, कोई भी महामारी हो, कोई भी व्याधि हो, कैसी भी प्रार्थना की जाए, किसी भी व्यक्ति या सारे इस्राएल देश द्वारा हर एक अपनी हृदय वेदना को पहचानते हुए जब अपना हाथ इस भवन की ओर बढ़ाए, तब अपने घर स्वर्ग में यह सुनकर क्षमा प्रदान करें, और हर एक को, जिसके हृदय को आप जानते हैं, उसके सभी कामों के अनुसार प्रतिफल दें; क्योंकि आप—सिर्फ आप—हर एक मानव हृदय को जानते हैं, कि वे इस देश में जो आपने उनके पूर्वजों को प्रदान किया है, रहते हुए आपके प्रति आजीवन श्रद्धा बनाए रखें. “इसी प्रकार जब कोई परदेशी, जो आपकी प्रजा इस्राएल में से नहीं है, आपका नाम सुनकर दूर देश से यहां आता है, क्योंकि आपकी महिमा आपके महाकार्य और आपकी महाशक्ति के विषय में सुनकर वे यहां ज़रूर आएंगे; तब, जब वह विदेशी यहां आकर इस भवन की ओर होकर प्रार्थना करे, अपने आवास स्वर्ग में सुनकर उन सभी विनतियों को पूरा करें, जिसकी याचना उस परदेशी ने की है, कि पृथ्वी के सभी मनुष्यों को आपकी महिमा का ज्ञान हो जाए, उनमें आपके प्रति भय जाग जाए; जैसा आपकी प्रजा इस्राएल में है, और उन्हें यह अहसास हो जाए कि यह आपकी महिमा में मेरे द्वारा बनाया गया भवन है. “जब आपकी प्रजा अपने शत्रु के विरुद्ध बाहर जाए, चाहे आप उन्हें किसी भी मार्ग से भेजें; जब वे आपके द्वारा चुने गए इस नगर और मेरे द्वारा आपकी महिमा में बनाए गए इस भवन की ओर होकर, हे प्रभु याहवेह, आपसे प्रार्थना करें, तब स्वर्ग में उनकी प्रार्थना और अनुरोध सुनकर उनके पक्ष में निर्णय की जायें.

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