1 योहन 3:11-24
1 योहन 3:11-24 पवित्र बाइबल (HERV)
यह उपदेश तुमने आरम्भ से ही सुना है कि हमें परस्पर प्रेम रखना चाहिए। हमें कैन के जैसा नहीं बनना चाहिए जो उस दुष्टात्मा से सम्बन्धित था और जिसने अपने भाई की हत्या कर दी थी। उसने अपने भाई को भला क्यों मार डाला? उसने इसलिए ऐसा किया कि उसके कर्म बुरे थे जबकि उसके भाई के कर्म धार्मिकता के। हे भाईयों, यदि संसार तुमसे घृणा करता है, तो अचरज मत करो। हमें पता है कि हम मृत्यु के पार जीवन में आ पहुँचे हैं क्योंकि हम अपने बन्धुओं से प्रेम करते हैं। जो प्रेम नहीं करता, वह मृत्यु में स्थित है। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने भाई से घृणा करता है, हत्यारा है और तुम तो जानते ही हो कि कोई हत्यारा अपनी सम्पत्ति के रूप में अनन्त जीवन को नहीं रखता। मसीह ने हमारे लिए अपना जीवन त्याग दिया। इसी से हम जानते हैं कि प्रेम क्या है? हमें भी अपने भाईयों के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने चाहिए। सो जिसके पास भौतिक वैभव है, और जो अपने भाई को अभावग्रस्त देखकर भी उस पर दया नहीं करता, उसमें परमेश्वर का प्रेम है-यह कैसे कहा जा सकता है? हे प्यारे बच्चों, हमारा प्रेम केवल शब्दों और बातों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि वह कर्ममय और सच्चा होना चाहिए। इसी से हम जान लेंगे कि हम सत्य के हैं और परमेश्वर के आगे अपने हृदयों को आश्वस्त कर सकेंगे। बुरे कामों के लिए हमारा मन जब भी हमारा निषेध करता है तो यह इसलिए होता है कि परमेश्वर हमारे मनों से बड़ा है और वह सब कुछ को जानता है। हे प्यारे बच्चो, यदि कोई बुरा काम करते समय हमारा मन हमें दोषी ठहराता तो परमेश्वर के सामने हमें विश्वास बना रहता है। और जो कुछ हम उससे माँगते हैं, उसे पाते हैं। क्योंकि हम उसके आदेशों पर चल रहे हैं और उन्हीं बातों को कर रहे हैं, जो उसे भाती हैं। उसका आदेश है: हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम में विश्वास रखें तथा जैसा कि उसने हमें आदेश दिया है हम एक दूसरे से प्रेम करें। जो उसके आदेशों का पालन करता है वह उसी में बना रहता है। और उसमें परमेश्वर का निवास रहता है। इस प्रकार, उस आत्मा के द्वारा जिसे परमेश्वर ने हमें दिया है, हम यह जानते हैं कि हमारे भीतर परमेश्वर निवास करता है।
1 योहन 3:11-24 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जो सन्देश तुम ने प्रारम्भ से सुना है, वह यह है कि हमें एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए। हम काइन की तरह नहीं बनें। वह दुष्ट की सन्तान था और उसने अपने भाई की हत्या की। उसने उसकी हत्या क्यों कर दी? क्योंकि उसके अपने कर्म बुरे थे और उसके भाई के कर्म धार्मिक। भाइयो और बहिनो! यदि संसार तुम से बैर करे, तो उस पर आश्चर्य मत करो। हम जानते हैं कि हमने मृत्यु से निकल कर जीवन में प्रवेश किया है; क्योंकि हम अपने भाई-बहिनों से प्रेम करते हैं। जो प्रेम नहीं करता, वह मृत्यु में बना रहता है। जो कोई अपने भाई अथवा बहिन से बैर करता है, वह हत्यारा है और तुम जानते हो कि किसी भी हत्यारे में शाश्वत जीवन नहीं होता। हम प्रेम का मर्म इसी से पहचान गये कि येशु ने हमारे लिए अपना प्राण अर्पित किया तो हमें भी अपने भाई-बहिनों के लिए अपना प्राण अर्पित करना चाहिए। किसी के पास संसार की धन-दौलत हो और वह अपने भाई अथवा बहिन को तंगहाली में देख कर उस पर दया न करे, तो परमेश्वर का प्रेम उस में कैसे बना रह सकता है? बच्चो! हम शब्दों और बातों से नहीं, किन्तु कामों और सत्य द्वारा प्रेम करें। इसी से हम जान जायेंगे कि हम सत्य की सन्तान हैं। और जब कभी हमारा अन्त:करण हम पर दोष लगायेगा, तो हम परमेश्वर के सामने अपने को आश्वासन दे सकेंगे; क्योंकि परमेश्वर हमारे अन्त:करण से बड़ा है और वह सब कुछ जानता है। प्रियो! यदि हमारा अन्त:करण हम पर दोष नहीं लगाता है, तो हम परमेश्वर पर पूरा भरोसा रख सकते हैं। हम उस से जो कुछ माँगेंगे, वह हमें वही प्रदान करेगा; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही करते हैं, जो उसे अच्छा लगता है। और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र येशु मसीह के नाम में विश्वास करें और एक दूसरे से प्रेम करें, जैसा कि मसीह ने हमें आज्ञा दी है। जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है, वह परमेश्वर में निवास करता है और परमेश्वर उस में। और हम जानते हैं कि वह हम में निवास करता है, क्योंकि उसने हम को अपना आत्मा प्रदान किया है।
1 योहन 3:11-24 Hindi Holy Bible (HHBD)
क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें। और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्ट से था, और जिस ने अपने भाई को घात किया: और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे॥ हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना। हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुंचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं: जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है। जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उस ने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है? हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे। क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है। हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है। और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उस ने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें। और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है॥
1 योहन 3:11-24 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें; और कैन के समान न बनें जो उस दुष्ट से था, और जिसने अपने भाई को घात किया। और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे। हे भाइयो, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना। हम जानते हैं कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु की दशा में रहता है। जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। हम ने प्रेम इसी से जाना कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस खाना न चाहे, तो उसमें परमेश्वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है? हे बालको, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। इसी से हम जानेंगे कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके सामने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे; क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है, और सब कुछ जानता है। हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के सामने हियाव होता है; और जो कुछ हम माँगते हैं, वह हमें उससे मिलता है, क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं को मानते हैं और जो उसे भाता है वही करते हैं। उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें, और जैसा उस ने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें। जो उसकी आज्ञाओं को मानता है, वह उसमें और वह उन में बना रहता है : और इसी से, अर्थात् उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं कि वह हम में बना रहता है।
1 योहन 3:11-24 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें। और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्ट से था, और जिसने अपने भाई की हत्या की। और उसकी हत्या किस कारण की? इसलिए कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धार्मिक थे। (भज. 38: 20) हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना। हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं। जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है। जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। हमने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिए अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए। पर जिस किसी के पास संसार की सम्पत्ति हो और वह अपने भाई को जरूरत में देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उसमें परमेश्वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है? (व्यव. 15:7,8) हे मेरे प्रिय बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें। इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उस विषय में हम उसके सामने अपने मन को आश्वस्त कर सकेंगे। क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है। हे प्रियों, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के सामने साहस होता है। और जो कुछ हम माँगते हैं, वह हमें उससे मिलता है; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं। और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें। और जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है, वह उसमें, और परमेश्वर उनमें बना रहता है: और इसी से, अर्थात् उस पवित्र आत्मा से जो उसने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।
1 योहन 3:11-24 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तुमने आरंभ ही से यह संदेश सुना है कि हममें आपस में प्रेम हो. हम काइन जैसे न हों, जो उस दुष्ट से था और जिसने अपने भाई की हत्या कर दी. उसने अपने भाई की हत्या किस लिए की? इसलिये कि उसके काम बुरे तथा उसके भाई के काम धार्मिकता के थे. यदि संसार तुमसे घृणा करता है, तो, प्रिय भाई बहनो, चकित न हो. हम जानते हैं कि हम मृत्यु के अधिकार से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुके हैं, क्योंकि हममें आपस में प्रेम है; वह, जिसमें प्रेम नहीं, मृत्यु के अधिकार में ही है. हर एक, जो साथी विश्वासी से घृणा करता है, हत्यारा है. तुम्हें यह मालूम है कि किसी भी हत्यारे में अनंत जीवन मौजूद नहीं रहता. प्रेम क्या है यह हमने इस प्रकार जाना: मसीह येशु ने हमारे लिए प्राणों का त्याग कर दिया. इसलिये हमारा भी एक दूसरे भाई बहनों के लिए अपने प्राणों का त्याग करना सही है. जो कोई संसार की संपत्ति के होते हुए भी साथी विश्वासी की ज़रूरत की अनदेखी करता है, तो कैसे कहा जा सकता है कि उसमें परमेश्वर का प्रेम मौजूद है? प्रिय भाई बहनो, हमारे प्रेम की अभिव्यक्ति वचन व मौखिक नहीं परंतु कामों और सच्चाई में हो. इसी के द्वारा हमें ढाढस मिलता है कि हम उसी सत्य के हैं. इसी के द्वारा हम परमेश्वर के सामने उन सभी विषयों में आश्वस्त हो सकेंगे. जब कभी हमारा अंतर्मन हम पर आरोप लगाता रहता है; क्योंकि परमेश्वर हमारे हृदय से बड़े हैं, वह सर्वज्ञानी हैं. इसलिये प्रिय भाई बहनो, यदि हमारा मन हम पर आरोप न लगाए तो हम परमेश्वर के सामने निडर बने रहते हैं तथा हम उनसे जो भी विनती करते हैं, उनसे प्राप्त करते हैं क्योंकि हम उनके आदेशों का पालन करते हैं तथा उनकी इच्छा के अनुसार स्वभाव करते हैं. यह परमेश्वर की आज्ञा है: कि हम उनके पुत्र मसीह येशु में विश्वास करें तथा हममें आपस में प्रेम हो जैसा उन्होंने हमें आज्ञा दी है. वह, जो उनके आदेशों का पालन करता है, उनमें स्थिर है और उसके भीतर उनका वास है. इसका अहसास हमें उन्हीं पवित्र आत्मा द्वारा होता है, जिन्हें परमेश्वर ने हमें दिया है.