1 इतिहास 29:11-19

1 इतिहास 29:11-19 पवित्र बाइबल (HERV)

महानता, शक्ति, यश, विजय और प्रतिष्ठा तेरी है! क्यों? क्योंकि हर एक चीज़ धरती और आसमान की तेरी ही है! हे यहोवा! राज्य तेरा है, तू हर एक के ऊपर शासक है। सम्पत्ति और प्रतिष्ठा तुझसे आती है। तेरा शासन हर एक पर है। तू शक्ति और बल अपने हाथ में रखता है! तेरे हाथ में शक्ति है कि तू किसी को— महान और शक्तिशाली बनाता है! अब, हमारे परमेश्वर हम तुझको धन्यवाद देते हैं, और हम तेरे यशस्वी नाम की स्तुति करते हैं! ये सभी चीज़ें मुझसे और मेरे लोगों से नहीं आई हैं! ये सभी चीज़े तुझ से आईं और हमने तुझको वे चीज़ें दीं जो तुझसे आई हैं। हम अजनबी और यात्रियों के समान हैं! हमारे सारे पूर्वज भी अजनबी हैं, और यात्री रहे। इस धरती पर हमारा समय जाती हुई छाया सा है और हम इसे नहीं पकड़ सकते, हे यहोवा हमारा परमेश्वर, हमने ये सभी चीज़ों तेरा मन्दिर बनाने के लिये इकट्ठी की हैं। हम लोग तेरा मन्दिर तेरे नाम के सम्मान के लिये बनायेंगे किन्तु ये सभी चीज़ें तुझसे आई हैं हर चीज़ तेरी है। मेरे परमेश्वर, मैं यह भी जानता हूँ तू लोगों के हृदयों की जाँच करता है, और तू प्रसन्न होता है, यदि लोग अच्छे काम करते हैं मैं सच्चे हृदय से ये सभी चीज़े देने में प्रसन्न था। अब मैंने तेरे लोगों को वहाँ इकट्ठा देखा जो ये चीज़ें तुझको देने में प्रसन्न हैं। हे यहोवा, तू परमेश्वर है हमारे पूर्वज इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल का। कृपया तू लोगों की सहायता सही योजना बनाने में कर उन्हें तेरे प्रति विश्वास योग्य और सच्चा होने में कर। और मेरे पुत्र सुलैमान को तेरे प्रति सच्चा होने में सहायता दे तेरे विधियों, नियमों और आदेशों को सर्वदा पालन करने में इसकी सहायता कर। उन कामों को करने में सुलैमान की सहायता कर और उस महल को बनाने में उसकी सहायता कर जिसकी योजना मैंने बनाई है।”

1 इतिहास 29:11-19 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तू महान्, शक्‍तिशाली, महिमामय और प्रतापी है। तू ही विजय का स्रोत है स्‍वर्ग और पृथ्‍वी की प्रत्‍येक वस्‍तु तेरी ही है। हे प्रभु, राज्‍य तेरा ही है। तू सबके ऊपर उन्नत और सर्वोच्‍च है। धन-वैभव और महिमा का स्रोत तू ही है। तू सब पर राज्‍य करता है। शक्‍ति और सामर्थ्य तेरे ही हाथ में हैं। सबको महान बनाना और शक्‍ति देना तेरे हाथ में है। अब हे हमारे परमेश्‍वर, हम तुझे धन्‍यवाद देते और तेरे महिमामय नाम की स्‍तुति करते हैं। ‘पर प्रभु, मैं कौन हूँ और मेरी जनता क्‍या है कि हम यों स्‍वेच्‍छा से तुझे भेंट चढ़ाने में समर्थ हो सकें? क्‍योंकि सब वस्‍तुओं का स्रोत तू ही है। हमने तुझे तेरी ही वस्‍तु अर्पित की है। हम अपने पूर्वजों के समान तेरे सम्‍मुख विदेशी और प्रवासी हैं। पृथ्‍वी पर हमारी आयु छाया के समान है। हमारा यहां स्‍थायी निवास-स्‍थान नहीं है। हे हमारे प्रभु परमेश्‍वर, यह सब भेंट, जो हमने तेरे पवित्र नाम की प्रतिष्‍ठा के लिए, तेरे भवन के निर्माण के लिए एकत्र की है, वह हमें तेरे ही हाथ से प्राप्‍त हुई थी। यह सब तेरा ही है। हे मेरे परमेश्‍वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्‍कपट हृदय के व्यक्‍ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्‍कपट हृदय से यह सब भेंट स्‍वेच्‍छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्‍होंने आनन्‍दपूर्वक स्‍वेच्‍छा से तुझे भेंट चढ़ाई। हमारे पूर्वजों के, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर! अपने निज लोगों के हृदय में ऐसे ही विचार और भावना सदा-सर्वदा बनाए रख, और अपनी ओर उनके हृदय को उन्‍मुख कर। मेरे पुत्र सुलेमान को यह वरदान दे: वह सम्‍पूर्ण हृदय से तेरी आज्ञाओं, सािक्षयों, संविधियों का पालन करे और उनके अनुसार आचरण करे। इस प्रकार वह इस भवन को बना सके जिसके लिए मैंने तैयारी की है।’

1 इतिहास 29:11-19 Hindi Holy Bible (HHBD)

हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है। धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है। इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर! हम तेरा ध्न्यवाद और तेरे महिमायुक्त नाम की स्तुति करते हैं। मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है। तेरी दृष्टि में हम तो अपने सब पुरखाओं की नाईं पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया की नाईं बीते जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं। हे हमारे परमेश्वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हम ने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमे मिला था, और सब तेरा ही है। और हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जांचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है; मैं ने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैं ने आनन्द से देखा है, कि तेरी प्रजा के लोग जो यहां उपस्थित हैं, वह अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं। हे यहोवा! हे हमारे पुरखा इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर! अपनी प्रजा के मन के विचारों में यह बात बनाए रख और उनके मन अपनी ओर लगाए रख। और मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं चितौनियों और विधियों को मानता रहे और यह सब कुछ करे, और उस भवन को बनाए, जिसकी तैयारी मैं ने की है।

1 इतिहास 29:11-19 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान् ठहरा है। धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है। इसलिये अब हे हमारे परमेश्‍वर! हम तेरा धन्यवाद करते और तेरे महिमायुक्‍त नाम की स्तुति करते हैं। “मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्‍ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है। तेरी दृष्‍टि में हम तो अपने सब पुरखाओं के समान पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान बीत जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं। हे हमारे परमेश्‍वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हम ने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमें मिला था, और सब तेरा ही है। हे मेरे परमेश्‍वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जाँचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है, मैं ने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैं ने आनन्द से देखा है कि तेरी प्रजा के लोग जो यहाँ उपस्थित हैं, वे अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं। हे यहोवा! हे हमारे पुरखा अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्‍वर! अपनी प्रजा के मन के विचारों में यह बात बनाए रख और उनके मन अपनी ओर लगाए रख। मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं, चितौनियों और विधियों को मानता रहे और यह सब कुछ करे, और उस भवन को बनाए, जिसकी तैयारी मैं ने की है।”

1 इतिहास 29:11-19 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभी के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है। (प्रका. 5:12,13) धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभी के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है। इसलिए अब हे हमारे परमेश्वर! हम तेरा धन्यवाद और तेरे महिमायुक्त नाम की स्तुति करते हैं। “मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है? कि हमको इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हमने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है। तेरी दृष्टि में हम तो अपने सब पुरखाओं के समान पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान बीत जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं। (इब्रा. 11:13, भज. 39:12, भज. 114:4) हे हमारे परमेश्वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हमने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमें मिला था, और सब तेरा ही है। और हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जाँचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है; मैंने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैंने आनन्द से देखा है, कि तेरी प्रजा के लोग जो यहाँ उपस्थित हैं, वह अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं। हे यहोवा! हे हमारे पुरखा अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर! अपनी प्रजा के मन के विचारों में यह बात बनाए रख और उनके मन अपनी ओर लगाए रख। और मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं, चितौनियों और विधियों को मानता रहे और यह सब कुछ करे, और उस भवन को बनाए, जिसकी तैयारी मैंने की है।”

1 इतिहास 29:11-19 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह, महिमा, सामर्थ, प्रताप, विजय और वैभव, यानी सभी कुछ, जो स्वर्ग और पृथ्वी में है, आपका ही है. याहवेह, प्रभुता आपकी ही है; आपने अपने आपको सबके ऊपर मुख्य और महान किया हुआ है. धन और सम्मान आपसे ही मिलते हैं; आपकी प्रभुता सब जगह है. अधिकार और सामर्थ्य आपके हाथ में हैं. अपने ही अधिकार में आप मनुष्यों को ऊंचा करते और उन्हें बलवान बना देते हैं. इसलिये, हमारे परमेश्वर, हम आपके आभारी हैं, और हम आपकी महिमा के वैभव को सराहते हैं. “कौन हूं मैं और क्या है मेरी प्रजा कि हम ऐसे अपनी इच्छा से भेंट चढ़ा सकें? क्योंकि सभी कुछ आपसे ही मिलता है. हमने जो कुछ दिया है, वह हमको आपने आपके ही हाथों से दिया हुआ है. हम तो आपके सामने अपने पुरखों के समान सिर्फ यात्री और परदेशी ही हैं. पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान होते हैं, निराशा से भरे. याहवेह, हमारे परमेश्वर, आपके आदर में भवन बनाने के लिए हमने जो कुछ अपनी इच्छा से दिया है, आपका ही दिया हुआ है, इसलिये यह आपका ही है. मेरे परमेश्वर, इसलिये कि मुझे यह मालूम है कि आप हृदय को परखते और सीधाई में आपकी खुशी है, मैंने अपने हृदय की सच्चाई में, अपनी इच्छा से यह सब दे दिया है. यहां मैंने यह भी बड़े आनंद से आपकी प्रजा में देखा है, जो यहां आए हैं, वे आपको अपनी इच्छा से दे रहे हैं. याहवेह, हमारे पुरखे अब्राहाम, यित्सहाक और इस्राएल के परमेश्वर, अपनी प्रजा के हृदय की इच्छा में यह हमेशा बनाए रखिए और उनके हृदय अपनी ही ओर लगाए रखिए. मेरे पुत्र शलोमोन को एक ऐसा खरा मन दें, कि वह आपके आदेशों, नियमों और विधियों का पालन करता रहे और वह इस मंदिर को बनाने का काम पूरा करे, जिसके लिए मैंने यह इंतजाम किया है.”

1 इतिहास 29:11-19

1 इतिहास 29:11-19 HINCLBSI

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।