भजन संहिता 107:23-36

भजन संहिता 107:23-36 HHBD

जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं; वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं। क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है। वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता; वे चक्कर खाते, और मत वाले की नाईं लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है। वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें॥ वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दुष्टता के कारण होता है। वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। और वहां वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें