छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा। मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं। स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया; कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा। और देख, और तेरी कुटुम्बिनी इलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होनेवाला है, यह उसका, जो बांझ कहलाती थी छठवां महीना है। क्योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरिहत नहीं होता। मरियम ने कहा, देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया॥
लूका 1 पढ़िए
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सभी संस्करणों की तुलना करें: लूका 1:26-38
पांच दिन
इस क्रिसमस यीशु के जन्म की कहानी जो मत्ती और लूका रचित सुसमाचार में वर्णित है उसकी ओर पुनः लौटें (ध्यान करें) जैसे आप पढ़ेंगे उसे योजनानुसार एक संक्षिप्त वीडियो उदाहरण सहित प्रतिदिन प्रदर्शित करता है।
5 दिन
दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पल वह था जब येशु, अर्थात् इस जगत की ज्योति ने] हमारे बीच निवास करने के लिए देह धारण किया। स्वर्गदूतों ने उनके आगमन की घोषणा की] कविताएं लिखी गई] चरवाहे दौड़कर गए और मरियम ने गीत गाया! हमारे साथ एक पांच-दिवसीय यात्रा में आइए जब हम उस ज्योति का निरीक्षण करते हैं] कि इसने किस तरह से अपने आस पास के लोगों को प्रेरित किया और किस तरह से आज यह हम पर प्रभाव डालती है।
हमारा संसार ज़्यादातर समयों में अनिश्चित व उथल पुथल जान पड़ता है। यदि परमेश्वर के पुत्र, यीशु न होते तो, हमारे पास कोई आशा नहीं होती। हर एक क्रिसमस हमें इम्मानुएल रूपी उपहार की याद दिलाता है- परमेश्वर का हमारे साथ होना एक उपहार है जो हमेशा बना रहता है। हम अब से लेकर सर्वदा तक कभी भी अकेले नहीं हैं। यह हमारे लिए एक ख़ुशी की बात है।
क्रिसमस अपने आप को नज़दीकी से देखने और यह देखने का एक सुन्दर समय होता है कि किस प्रकार से यीशु मसीह के इस धरती पर आने की वास्तविकता हमारे जीवनों को बदल देती है। स्वर्ग ने धरती पर चढ़ाई की और उसे हमेशा के लिए बदल दिया। हमारा जीवन कठिन या दुविधाजनक हो सकता है लेकिन यीशु के साथ रहते हुए वह बेमकसद नहीं हो सकता है।
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