रोमियों 16

16
फीबे की प्रशंसा
1मैं तुमसे हमारी बहन फीबे के लिए, जो किंख्रिया की कलीसिया की सेविका है, विनती करता हूँ, 2कि तुम उसका प्रभु में वैसे ही स्वागत करो जैसे पवित्र लोगों का करते हो; और जिस किसी बात में उसे तुम्हारी आवश्यकता हो उसकी सहायता करो, क्योंकि वह भी बहुतों की और स्वयं मेरी सहायक रही है।
अभिवादन
3मसीह यीशु में मेरे सहकर्मी प्रिस्का और अक्‍विला को मेरा नमस्कार कहना, 4जिन्होंने मेरे प्राण के लिए अपना जीवन भी जोखिम में डाल दिया था और उनका धन्यवाद केवल मैं ही नहीं बल्कि गैरयहूदियों की सब कलीसियाएँ भी करती हैं। 5और उस कलीसिया को भी नमस्कार कहना जो उनके घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को नमस्कार कहना, जो मसीह के लिए आसिया का पहला फल है। 6मरियम को नमस्कार कहना, जिसने तुम्हारे#16:6 कुछ हस्तलेखों में “तुम्हारे” के स्थान पर “हमारे” लिखा है। लिए बहुत परिश्रम किया। 7मेरे कुटुंबी अंद्रनीकुस और यूनियास को नमस्कार कहना, जो मेरे साथ बंदीगृह में थे, और प्रेरितों में प्रख्यात हैं तथा मुझसे भी पहले मसीह में आ चुके थे। 8प्रभु में मेरे प्रिय अम्पलियातुस को नमस्कार कहना। 9मसीह में हमारे सहकर्मी उरबानुस और मेरे प्रिय इस्तखुस को नमस्कार कहना। 10अपिल्‍लेस को, जो मसीह में खरा है, नमस्कार कहना। अरिस्तुबुलुस के घराने को नमस्कार कहना। 11मेरे कुटुंबी हेरोदियोन को नमस्कार कहना। नरकिस्सुस के घराने में से जो प्रभु में हैं, उन्हें नमस्कार कहना। 12प्रभु में परिश्रम करनेवाली त्रुफेना और त्रुफोसा को, नमस्कार कहना। प्रिय परसिस को, जिसने प्रभु में बहुत परिश्रम किया है, नमस्कार कहना। 13प्रभु में चुने हुए रूफुस को और उसकी माता को जो मेरी भी माता है, नमस्कार कहना। 14असुंक्रितुस, फिलगोन, हिर्मेस, पत्रुबास, हिर्मास और उनके साथी भाइयों को नमस्कार कहना। 15फिलुलुगुस और यूलिया, नेर्युस और उसकी बहन, और उलुम्पास, और उनके साथ के सब पवित्र लोगों को नमस्कार कहना। 16पवित्र चुंबन से एक दूसरे का अभिवादन करो। मसीह की सब कलीसियाओं की ओर से तुम्हें नमस्कार।
फूट डालनेवालों से सावधान
17अब हे भाइयो, मैं तुमसे विनती करता हूँ कि उनसे चौकस रहो जो उस शिक्षा के विपरीत जो तुमने प्राप्‍त की है फूट डालते और ठोकर का कारण बनते हैं, उनसे दूर ही रहो; 18क्योंकि ऐसे मनुष्य हमारे प्रभु मसीह की नहीं बल्कि अपने पेट की सेवा करते हैं, और चिकनी-चुपड़ी बातों और चापलूसी से सीधे-साधे लोगों के मनों को बहका देते हैं।
अंतिम निर्देश
19तुम्हारी आज्ञाकारिता का समाचार सब लोगों तक पहुँच गया है; इसलिए मैं तुम्हारे विषय में आनंदित हूँ, परंतु मैं चाहता हूँ कि तुम भलाई के प्रति बुद्धिमान और बुराई के प्रति भोले बने रहो। 20शांति का परमेश्‍वर शीघ्र ही शैतान को तुम्हारे पैरों तले कुचल देगा।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे।
21मेरा सहकर्मी तीमुथियुस और मेरे कुटुंबी लूकियुस, यासोन और सोसिपत्रुस तुम्हें नमस्कार कहते हैं। 22इस पत्र को लिखनेवाले मुझ तिरतियुस का प्रभु में तुम्हें नमस्कार। 23मेरा और सारी कलीसिया का आतिथ्य करनेवाला गयुस तुम्हें नमस्कार कहता है। नगर कोषाध्यक्ष इरास्तुस और भाई क्‍वारतुस भी तुम्हें नमस्कार कहते हैं। 24[हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम सब के साथ रहे। आमीन।]#16:24 कुछ हस्तलेखों में यह पद भी पाया जाता है।
परमेश्‍वर की स्तुति
25अब जो तुम्हें मेरे उस सुसमाचार और यीशु मसीह के प्रचार के अनुसार दृढ़ कर सकता है, अर्थात् उस भेद के प्रकाशन के अनुसार, जो सनातन काल से गुप्‍त रखा गया 26परंतु अब प्रकट होकर अनंत परमेश्‍वर की आज्ञा से भविष्यवक्‍ताओं के लेखों के द्वारा विश्‍वास की आज्ञाकारिता के लिए सब जातियों को बताया गया है, 27उस एकमात्र बुद्धिमान परमेश्‍वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन।

वर्तमान में चयनित:

रोमियों 16: HSB

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