भजन संहिता 63:1-8

भजन संहिता 63:1-8 HERV

हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है। वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ। जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है। हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये। तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है। तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है। मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं। हाँ, मैं निज जीवन में तेरे गुण गाऊँगा। मैं हाथ उपर उठाकर तेरे नाम पर तेरी प्रार्थना करूँगा। मैं तृप्त होऊँगा मानों मैंने उत्तम पदार्थ खा लिए हों। मेरे होंठ तेरे गुण सदैव गायेंगे। मैं आधी रात में बिस्तर पर लेटा हुआ तुझको याद करूँगा। सचमुच तूने मेरी सहायता की है! मैं प्रसन्न हूँ कि तूने मुझको बचाया है! मेरा मन तुझमें समता है। तू मेरा हाथ थामे हुए रहता है।

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