यूहन्ना 12:23-36

यूहन्ना 12:23-36 HERV

यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मानव-पुत्र के महिमावान होने का समय आ गया है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का एक दाना धरती पर गिर कर मर नहीं जाता, तब तक वह एक ही रहता है। पर जब वह मर जाता है तो अनगिनत दानों को जन्म देता है। जिसे अपना जीवन प्रिय है, वह उसे खो देगा किन्तु वह, जिसे इस संसार में अपने जीवन से प्रेम नहीं है, उसे अनन्त जीवन के लिये रखेगा। यदि कोई मेरी सेवा करता है तो वह निश्चय ही मेरा अनुसरण करे और जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी रहेगा। यदि कोई मेरी सेवा करता है तो परम पिता उसका आदर करेगा। “अब मेरा जी घबरा रहा है। क्या मैं कहूँ, ‘हे पिता, मुझे दुःख की इस घड़ी से बचा’ किन्तु इस घड़ी के लिए ही तो मैं आया हूँ। हे पिता, अपने नाम को महिमा प्रदान कर!” तब आकाशवाणी हुई, “मैंने इसकी महिमा की है और मैं इसकी महिमा फिर करूँगा।” तब वहाँ मौजूद भीड़, जिसने यह सुना था, कहने लगी कि कोई बादल गरजा है। दूसरे कहने लगे, “किसी स्वर्गदूत ने उससे बात की है।” उत्तर में यीशु ने कहा, “यह आकाशवाणी मेरे लिए नहीं बल्कि तुम्हारे लिए थी। अब इस जगत के न्याय का समय आ गया है। अब इस जगत के शासक को निकाल दिया जायेगा। और यदि मैं धरती के ऊपर उठा लिया गया तो सब लोगों को अपनी ओर आकर्षित करूँगा।” वह यह बताने के लिए ऐसा कह रहा था कि वह कैसी मृत्यु मरने जा रहा है। इस पर भीड़ ने उसको जवाब दिया, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है कि मसीह सदा रहेगा इसलिये तुम कैसे कहते हो कि मनुष्य के पुत्र को निश्चय ही ऊपर उठाया जायेगा। यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” तब यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे बीच ज्योति अभी कुछ समय और रहेगी। जब तक ज्योति है चलते रहो। ताकि अँधेरा तुम्हें घेर न ले क्योंकि जो अँधेरे में चलता है, नहीं जानता कि वह कहाँ जा रहा है। जब तक ज्योति तुम्हारे पास है उसमें विश्वास बनाये रखो ताकि तुम लोग ज्योतिर्मय हो सको।” यीशु यह कह कर कहीं चला गया और उनसे छुप गया।

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