“इसलिए स्वर्ग का राज्य उस राजा के समान है, जिसने अपने दासों से लेखा लेना चाहा। जब वह लेखा लेने लगा, तो एक जन उसके सामने लाया गया जो दस हजार तोड़े का कर्जदार था। जबकि चुकाने को उसके पास कुछ न था, तो उसके स्वामी ने कहा, कि यह और इसकी पत्नी और बाल-बच्चे और जो कुछ इसका है सब बेचा जाए, और वह कर्ज चुका दिया जाए। इस पर उस दास ने गिरकर उसे प्रणाम किया, और कहा, ‘हे स्वामी, धीरज धर, मैं सब कुछ भर दूँगा।’ तब उस दास के स्वामी ने तरस खाकर उसे छोड़ दिया, और उसका कर्ज क्षमा किया। “परन्तु जब वह दास बाहर निकला, तो उसके संगी दासों में से एक उसको मिला, जो उसके सौ दीनार का कर्जदार था; उसने उसे पकड़कर उसका गला घोंटा और कहा, ‘जो कुछ तुझ पर कर्ज है भर दे।’ इस पर उसका संगी दास गिरकर, उससे विनती करने लगा; कि धीरज धर मैं सब भर दूँगा। उसने न माना, परन्तु जाकर उसे बन्दीगृह में डाल दिया; कि जब तक कर्ज को भर न दे, तब तक वहीं रहे। उसके संगी दास यह जो हुआ था देखकर बहुत उदास हुए, और जाकर अपने स्वामी को पूरा हाल बता दिया। तब उसके स्वामी ने उसको बुलाकर उससे कहा, ‘हे दुष्ट दास, तूने जो मुझसे विनती की, तो मैंने तो तेरा वह पूरा कर्ज क्षमा किया। इसलिए जैसा मैंने तुझ पर दया की, वैसे ही क्या तुझे भी अपने संगी दास पर दया करना नहीं चाहिए था?’ और उसके स्वामी ने क्रोध में आकर उसे दण्ड देनेवालों के हाथ में सौंप दिया, कि जब तक वह सब कर्जा भर न दे, तब तक उनके हाथ में रहे। “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है, तुम से भी वैसा ही करेगा।”
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सभी संस्करणों की तुलना करें: मत्ती 18:23-35
पांच दिन
सच्ची क्षमा क्या होती है? एक दूसरे को क्षमा करने के विषय में यीशु की योजना को खोजते हुए क्षमा की ओर एक यात्रा आरम्भ करेंl उसकी सहायता से आप ठेस, विश्वासघात और क्रोध से चंगाई का अनुभव करते हुए अपने अंदर दया का हृदय पैदा कर सकते हैंl
7 Days
Whether we suffer emotional or physical wounds, forgiveness is the cornerstone of the Christian life. Jesus Christ experience all kinds of unfair and unjust treatment, even to the point of a wrongful death. Yet in his final hour, he forgave the mocking thief on the other cross and his executioners.
7 दिन
हमारा परमपता हमारे जीवन को सर ीतु और हमारे दनो को बहुत आनंदत, उ पादक और फल!भूत बनाना चाहता है। वह हमारे जीवन के हर े& म’ सह! (नणय* लेने म’ हमार! मदद करना चाहता है। वह हमार! हर ज+रत (शार!रक, भावना मक, और आ-याि मक) को /दान करने के साथ-साथ हमार! सभी इ2छाओं को पूरा करने क5 इ2छा रखता है।
9 दिन
एक ख़ुबसूरत बाइबल सफ़र के ज़रिए अपने ज़िंदगी में माफ़ी की ताक़त को खोजिए, जिसमें हकीक़त से भरी मिसालें और इतिहास के बहादुर माफ़ी के क़िस्से शामिल हैं।
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