रोमियों 10:17-18
रोमियों 10:17-18 HINOVBSI
अत: विश्वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है। परन्तु मैं कहता हूँ, क्या उन्होंने नहीं सुना? सुना तो अवश्य है; क्योंकि लिखा है, “उनके स्वर सारी पृथ्वी पर, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुँच गए हैं।”
अत: विश्वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है। परन्तु मैं कहता हूँ, क्या उन्होंने नहीं सुना? सुना तो अवश्य है; क्योंकि लिखा है, “उनके स्वर सारी पृथ्वी पर, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुँच गए हैं।”