भजन संहिता 45:3-4
भजन संहिता 45:3-4 HINOVBSI
हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और प्रताप है, अपनी कटि पर बाँध! सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखलाए!
हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और प्रताप है, अपनी कटि पर बाँध! सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखलाए!