हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और प्रताप है, अपनी कटि पर बाँध! सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; तेरा दाहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखलाए!
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