क्योंकि उन्होंने मन में बुरी कल्पनाएँ की हैं; वे लगातार लड़ाइयाँ मचाते हैं। उनका बोलना साँप का काटना सा है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला)
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