भजन संहिता 120:3-4

भजन संहिता 120:3-4 HINOVBSI

हे छली जीभ, तुझ को क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए? वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे!