भजन संहिता 12:1-8

भजन संहिता 12:1-8 HINOVBSI

हे परमेश्‍वर, बचा ले, क्योंकि एक भी भक्‍त नहीं रहा; मनुष्यों में से विश्‍वासयोग्य लोग मर मिटे हैं। प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के ओठों से दो रंगी बातें करते हैं। प्रभु सब चापलूस ओठों को और उस जीभ को जिस से बड़ा बोल निकलता है काट डालेगा। वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, हमारे ओंठ हमारे ही वश में हैं; हमारा प्रभु कौन है?” दीन लोगों के लुट जाने, और दरिद्रों के कराहने के कारण, परमेश्‍वर कहता है, “अब मैं उठूँगा, जिस पर वे फुँकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूँगा।” परमेश्‍वर का वचन पवित्र है, उस चाँदी के समान जो भट्ठी में मिट्टी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो। तू ही हे परमेश्‍वर उनकी रक्षा करेगा, उनको इस काल के लोगों से सर्वदा के लिये बचाए रखेगा। जब मनुष्यों में नीचपन का आदर होता है, तब दुष्‍ट लोग चारों ओर अकड़ते फिरते हैं। संकट के समय सहायता के लिये प्रार्थना

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो भजन संहिता 12:1-8 से संबंधित हैं

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।