भजन संहिता 119:28-38

भजन संहिता 119:28-38 HINOVBSI

मेरा जीव उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल! मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और करुणा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे। मैं ने सच्‍चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूँ। मैं तेरी चितौनियों में लवलीन हूँ, हे यहोवा, मेरी आशा न तोड़! जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौड़ूँगा। हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग दिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूँगा। मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूँगा। और पूर्ण मन से उस पर चलूँगा। अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूँ। मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे। मेरी आँखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला। तेरा वचन जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।