भजन संहिता 119:129-144

भजन संहिता 119:129-144 HINOVBSI

तेरी चितौनियाँ अनूप हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से लगाए हुए हूँ। तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे भोले लोग समझ प्राप्‍त करते हैं। मैं मुँह खोलकर हाँफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था। जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर अनुग्रह कर। मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे। मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूँगा। अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियाँ मुझे सिखा। मेरी आँखों से जल की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते। हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं। तू ने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है। मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूँ, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं। तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस से प्रीति रखता है। मैं छोटा और तुच्छ हूँ, तौभी मैं तेरे उपदेशों को नहीं भूलता। तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है। मैं संकट और सकेती में फँसा हूँ, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूँ। तेरी चितौनियाँ सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूँ।